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आयात और निर्यात में क्या अंतर है

Desh4 years ago


Difference Between Import and Export




पुराने जमाने से ही दुनियां के देश एक दूसरे से व्यापार करते चले आये हैं। एक समय था भारत गरम मसालों के लिए पुरे विश्व में जाना जाता था। दूर दूर देशों के व्यापारी यहाँ खरीदारी करने आया करते थे। इसी तरह ढाका का मलमल विदेशों में खूब ख़रीदा जाता था। देश विदेश की इसी खरीद बिक्री की परम्परा आगे बढ़ते बढ़ते विश्व व्यापार का रूप ले ली है। आज हर देश दूसरे देश को या तो अपना माल बेच रहा है या वहां से कुछ खरीद रहा है। इस बेचने और खरीदने की प्रक्रिया आयात और निर्यात कहलाती है। आज के इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे आयात किसे कहते हैं निर्यात क्या है। कब एक देश दूसरे देश से आयात करता है और कब निर्यात करता है। इसके साथ ही आयात और निर्यात में क्या अंतर है 


आयात और निर्यात में क्या अंतर है


आयात किसे कहते हैं

आयात जिसे अंग्रेजी में इम्पोर्ट कहते हैं इसका सामान्य अर्थ होता है किसी भी अन्य देश से अपने देश में कुछ मंगाना। विश्व के सभी देश एक दूसरे से व्यापार करते हैं। इस व्यापार में एक देश दूसरे देश से या तो कुछ खरीदता है या उस देश को कोई वस्तु बेंचता है। कई बार अपने देश में किसी वस्तु की कमी को पूरा करने के लिए या कई बार किसी वस्तु के निर्माण के लिए कच्चा माल के लिए दूसरे देशों से उन वस्तुओं की खरीदारी की जाती है। तो कई बार विदेशों से सर्विस के लिए भी एक देश दूसरे देश को मूल्य चुकाना पड़ता है। अतः वे सारी क्रियाएं जिनके द्वारा हम किसी दूसरे देश से सेवाएं, कच्चा माल, वस्तुएं या अन्य कोई भी सामान पैसे चुकाकर प्राप्त करते हैं अर्थात खरीदारी करते हैं आयात या इम्पोर्ट कहलाता है। 


आयात और निर्यात में क्या अंतर है


ज्यादा आयात किसी देश की अर्थ व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव डालता है। आयात की वजह से किसी देश की विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है। यही वजह है कि हर देश अपने आयात और निर्यात में संतुलन बनाये रखना चाहते हैं। अतः बहुत आवश्यक होने पर ही एक देश दूसरे देश से किसी वस्तु का आयात करना चाहता है। पेट्रोलियम आज की तारीख में एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है और विश्व के अधिकांश देशों के पास पर्याप्त मात्रा में पेट्रोलियम नहीं है। पेट्रोलियम के लिए आज दुनियां के तमाम देश मध्यपूर्व एशिया के खाड़ी देशों पर निर्भर हैं। अधिकांश देश इन खाड़ी देशों से पेट्रोलियम का आयात करते हैं। इसके अलावा खाद्यान्न,दवाएँ, युद्ध सामग्री आदि कई चीज़ों का बहुतायत से कई देशों के द्वारा अन्य देशों से आयात किया जाता है।


निर्यात किसे कहते हैं

आयात के ठीक विपरीत निर्यात एक देश से दूसरे देशों में वस्तुओं के विक्रय की प्रक्रिया को कहा जाता है। निर्यात को अंग्रेजी में एक्सपोर्ट कहते हैं। निर्यात तब किया जाता है जब अपने देश में किसी वस्तु की सरप्लस मात्रा मौजूद हो। दुनियां के तमाम देश एक दूसरे से व्यापार करते हैं। निर्यात इसी व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। निर्यात में कच्चे पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, युद्ध हथियार, सेवाएं भी शामिल हैं। निर्यात किसी देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। अतः हम कह सकते हैं कि वे सभी क्रियाएं जिनके द्वारा कोई देश दूसरे देश को वस्तु या सेवा का विक्रय करता है और उसके बदले में उसे विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है निर्यात कहलाती है। 

आयात और निर्यात में क्या अंतर है


निर्यात किसी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है। आज चीन अपने व्यापक निर्यात की वजह से दुनियां में एक आर्थिक महाशक्ति बन कर उभरा है। इलेक्ट्रॉनिक गुड्स से लेकर हर क्षेत्र में उसके प्रोडक्ट का दबदबा है। भारत आईटी सेक्टर में अपने समृद्ध मैनपावर की बदौलत दुनियां के तमाम देशों को आईटी सेक्टर में अपनी सर्विसेज बेंचकर विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है। कई देश खाद्यान्न, फल, मीट आदि का निर्यात करते हैं।

आयात और निर्यात में क्या अंतर है


Difference Between Import and Export

  • जब कोई देश किसी दूसरे देश से कोई माल अपने घरेलु बाज़ार में बेंचने के लिए खरीदता है तो इस प्रक्रिया को आयात कहते हैं वहीँ जब एक देश किसी दूसरे देश को अपने यहाँ उत्पादित वस्तुओं को बेंचता है तो इस प्रक्रिया को निर्यात कहते हैं।


आयात और निर्यात में क्या अंतर है

  • आयात का उद्द्येश्य अपने देश में उस वस्तु के संकट या कमी को दूर करना होता है जबकि निर्यात का उद्द्येश्य अपने देश के सरप्लस माल को दूसरे देशों खपाना होता है।


  • आयात किसी देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है वहीँ निर्यात किसी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है।


आयात और निर्यात में क्या अंतर है

आयात और निर्यात दोनों ही विदेश व्यापार के अंतर्गत आते हैं। एक ही देश किसी वस्तु का आयातक हो सकता है तो दूसरी वस्तु का निर्यातक। खाड़ी देश जहाँ कच्चे तेल के निर्यातक हैं तो वहीँ अनाज, फल, सब्ज़ियों के वे बड़े आयातक हैं। वास्तव में एक देश के लिए आयात दूसरे देश के लिए निर्यात होता है। आयात और निर्यात से वस्तुओं का भण्डारण और खराब होने की संभावना जहाँ ख़त्म होती है वहीँ दूसरे देश जहाँ उसकी कमी है उनको उसका लाभ मिल जाता है और उसका सदुपयोग हो जाता है। इसके साथ ही निर्यात करने वाले देश को आर्थिक लाभ भी मिलता है।

7 Comments

(Hide Comments)
  • Unknown

    December 26, 2020 / at 12:02 pmsvgReply

    अच्छा लगी पोस्ट

  • Unknown

    March 25, 2021 / at 3:07 amsvgReply

    👌👌👌bhut achi hai post

  • Unknown

    April 14, 2021 / at 4:15 amsvgReply

    Thanks you so much for this post
    This post is very important for me

  • Unknown

    March 6, 2022 / at 2:32 pmsvgReply

    Bye Bye.. Achhi this yah post👆🏻👌👌👌💛😊☺😀☑️👍😘💓❤💝💘💖🖤💗💙💞

  • बेनामी

    December 9, 2022 / at 7:14 amsvgReply

    Very good knowledge 👍👍

  • बेनामी

    January 5, 2023 / at 3:52 pmsvgReply

    बहुत सुन्दर एवं ज्ञानवर्धक जानकारी ,
    और इस मेहनत एवं सराहनीय प्रयास के लिए आप निश्चित ही बधाई के पात्र है ।
    आपने तस्वीरों के साथ – साथ शब्दों को इस लेख में इस तरह पिरोया है की , लगभग हर व्यक्ति न सिर्फ इसे आसानी से पहचान और समझ सकता है , बल्कि दूसरों को भी आसानी से समझा सकता है , और यही एक लेखक की खासियत होती है ।
    आगे भी आप इसी तरह की ज्ञान वर्धक जानकारियों के साथ अपने पाठकों के सामान्य ज्ञान में वृद्धि करते रहें , यही शुभकामना है ..
    धन्यवाद ..
    भारत में आयात निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की सूची

  • akhileshforyou

    January 5, 2023 / at 5:24 pmsvgReply

    Thanks for your valuable feedback.

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