क्या अंतर है दशहरा और विजयादशमी में
दशहरा और विजयादशमी दोनों ही हिन्दुओं के बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार हैं। चूँकि दोनों ही त्यौहार एक ही दिन पड़ते हैं अतः कई लोग इन्हें एक ही समझ बैठते हैं। शायद ऐसा इस लिए भी है कि दोनों ही त्यौहार दस दिनों तक मनाये जाते हैं और दसवें दिन इनका समापन होता है और दोनों ही त्यौहार एक ही साथ पड़ते हैं। दशहरा और विजयादशमी भले ही एक साथ पड़ते हैं किन्तु दोनों के मनाने की वजह एकदम अलग अलग है और दोनों के मनाने के तरीके भी अलग अलग हैं।
दशहरा क्यों मनाया जाता है
दशहरा उत्तर भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे हिन्दू बड़े धूमधाम से मनाते हैं। यह दस दिनों तक चलने वाला त्यौहार है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। दशहरा हर वर्ष आश्विन मास की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी महीने के हिसाब से यह अक्टूबर में हर वर्ष पड़ता है।
मान्यता है कि भगवान राम अपने पिता दशरथ की आज्ञा का पालन करते हुए चौदह वर्षों के लिए वनवास को स्वीकार किया। वन जाते समय उनके साथ उनकी पत्नी सीता और उनके भाई लक्षमण भी उनके साथ गए। वनवास के दौरान राम कई स्थानों का भ्रमण किये और फिर एक जगह कुटिया बना कर रहने लगे। इसी बीच लंकापति रावण छल से माता सीता को वहां से अपहरण करके अपने महल में स्थित अशोक वाटिका में ले गया। राम ने सीता को बहुत खोजा। कई लोगों से सहायता ली। अंत में हनुमान ने सीता का पता लगाया। फिर राम ने वानर सेना की सहायता से समुद्र पर पूल बनाया और लंका पर आक्रमण कर दिया। नौ दिन भयंकर युद्ध हुआ। फिर राम ने आश्विन मास की दसवीं तिथि को अधर्मी रावण को पराजित कर दिया और उसे मार डाला। कहते हैं इस जीत के उपलक्ष्य में हर साल दशहरा मनाया जाता है।
दशहरा दस दिनों तक चलने वाला त्यौहार है। इस त्यौहार में जगह जगह रामलीलाओं का मंचन किया जाता है। दसवें दिन कई स्थानों पर रावण और मेघनाथ के विशाल पुतले बनाये जाते हैं। इन पुतलों को अंत में जलाया जाता है। जगह जगह मेलों का आयोजन किया जाता है।
विजयादशमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है
विजयादशमी भी हिन्दुओं का एक अति महत्वपूर्ण त्यौहार है। विजयादशमी हर वर्ष उसी दिन पड़ता है जिस दिन दशहरा होता है यानि यह भी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तारीख को पड़ता है। विजय दशमी को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। यह भी दस दिनों तक चलने वाला त्यौहार है। इसमें शुरू के नौ दिनों को नौरात्र और दसवें दिन को विजयादशमी कहते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बहुत ही अधर्मी असुर राजा हुआ करता था जिसका नाम महिषासुर था। उसने ब्रह्मा से वरदान पा लिया था जिसकी वजह से देवता समेत कोई भी उसे मार नहीं सकता था। अपनी इसी क्षमता और शक्तियों के बल पर उसने देवताओं को हराकर इंद्रलोक पर अपना अधिपत्य हासिल कर लिया था। यही नहीं समस्त पृथ्वीलोक पर भी उसी का अधिकार चलता था। महिषासुर अत्यंत ही अत्याचारी राजा था। लोग उसके अत्याचार से त्राहि त्राहि कर रहे थे। आख़िरकार ब्रह्मा,विष्णु और महेश तीनों ने अन्य देवताओं की सहायता से अत्याचारी महिषासुर का अंत करने के लिए एक शक्ति की रचना की। इसी शक्ति का नाम देवी दुर्गा पड़ा। देवी दुर्गा में सभी देवताओं की शक्तियां समाहित थी। देवी और महिषासुर में भयंकर युद्ध हुआ। नौ दिन तक लगातार युद्ध होने के पश्चात् दसवें दिन देवी ने महिषासुर का वध किया और संसार को उसके आतंक और अत्याचार से मुक्ति दिलाई। इसी जीत के उपलक्ष्य में हर साल देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और इस त्यौहार को विजयादशमी कहा जाता है।
विजयादशमी में पुरे दस दिनों तक त्यौहार मनाया जाता है जिसमे शुरू के नौ दिनों तक देवी की पूजा अर्चना की जाती है। कई जगह दुर्गा माता की मूर्तियां रख कर पूजा की जाती है। दसवें दिन उन मूर्तियों का किसी नदी में विसर्जन कर दिया जाता है। कई लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। विजयादशमी को शक्ति पूजा भी कहते हैं। इस दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है। कहा जाता है कि प्रभु राम ने भी रावण वध करने के पहले शक्ति की पूजा की थी और उनसे आशीर्वाद लिया था।
क्या अंतर है दशहरा और विजयादशमी में
- दशहरा राम द्वारा रावण का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जबकि विजयादशमी देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर की हत्या करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- दशहरा में रावण और मेघनाथ के पुतले का दहन किया जाता है वहीँ विजयादशमी में नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा करने के पश्चात् उनकी मूर्तियों का किसी नदी में विसर्जन किया जाता है।
- दशहरा में दस दिनों तक रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं वहीँ विजयादशमी में नौ दिनों तक देवी दुर्गा की जगह जगह प्रतिमाएं रखकर पूजा की जाती है।
- दशहरा में राम के द्वारा देवी दुर्गा की शक्ति पूजा की जाती है जबकि विजयादशमी में ऐसा नहीं किया जाता है।
- दशहरा मुख्य रूप से उत्तरप्रदेश और बिहार में मनाया जाता है जबकि विजयादशमी प्रायः बंगाल और बिहार में मनाया जाता है।
- दशहरा में राम, लक्ष्मण, हनुमान पूजनीय हैं वहीँ विजयादशमी में देवी दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, गणेश और कार्तिकेय पूजनीय हैं।
दशहरा और विजयादशमी दोनों ही त्योहारों का मुख्य उद्द्येश्य बुराई पर अच्छे की जीत या असत्य पर सत्य की विजय है। दोनों ही त्योहारों द्वारा हम अपने मन की बुराइयों को निकाल कर अच्छाइयों को अपनाने का प्रयास करते हैं। पुरे दस दिनों तक वातावरण भक्तिमय रहता है। मन पावन और निर्मल हो जाता है।
Navin Singh Rangar
हमें लगता था कि ये दोनों चीजें अलग-अलग नहीं बल्कि एक ही हैं। अंतर स्पष्ट करने के लिए अखिलेश जी का बहुत बहुत आभार। आप बहुत ही अछा लिखते हैं। लेकिन आपके ब्लॉग के लेख लोगों की एक बड़ी संख्या तक पहुचे इसके लिए आपको अपने ब्लॉग के SEO पर भी पर्याप्त ध्यान देना चाहिए। 👍