जब भी बोझ ढोने की बात आती है तो दिमाग में गदहे या खच्चर का चित्र बन कर आता है। बात सही भी है इन दो प्राणियों ने मानव जाति का वजन सदियों से ढोया है और अपने धीर गंभीर स्वाभाव और सेवा भावना की बदौलत इंसान का सबसे बड़ा सहायक बनने का गौरव हासिल किया है। बड़े बड़े पुलों, भवनों के निर्माण में इनकी भूमिका को हमेशा ही नजरअंदाज किया गया है। पेश है गदहों और खच्चरों के बारे में दिलचस्प जानकारी। इसके साथ ही गदहे और खच्चरों में क्या अंतर है ?
गदहा घोड़े की फॅमिली का एक पालतू जानवर है जो प्रायः बोझ ढोने के काम आता है। यह काफी मेहनती और खूब स्टेमिना वाला जानवर है। पूरी दुनियां में लगभग 40 मिलियन से अधिक गदहे हैं जिनमे अधिकांश विकासशील और अविकसित देशों में हैं।
नर गदहे को अंग्रेजी में जैक और मादा को जेनी कहा जाता है जबकि इनके बच्चे को फॉल कहा जाता है। मिश्र में ईशा से करीब 3000 साल पूर्व से ही गदहों को पालतू बनाया जाने लगा और ये तब से इंसानों के साथ उनकी मदद के लिए हमेशा ही काम आते रहे हैं।
गदहों का आकार और वजन इनके नस्ल और पोषण पर निर्भर करता है फिर भी एक सामान्य गदहे की औसत लम्बाई 79 से 160 सेमी होती है और वजन 80 से 480 किलोग्राम होता है। सामान्य तौर पर गदहों की औसत आयु 30 से 50 वर्ष होती है। मादा गदही का गर्भकाल करीब 12 महीने का होता है। गदहे धूसर रंग के होते हैं। इनका सर लम्बा और कान बड़े बड़े होते हैं। गदहों का पेट बड़ा और पूछ मोटी होती है। गदहों की चिल्लाने की आदत होती है जिसे रेंकना कहते हैं। ये ढेंचू ढेंचू चीखते हैं।
गदहों में कड़ी मेहनत करने की क्षमता होती है किन्तु ये अपने हठ और जिद्दीपन के लिए भी खूब जाने जाते हैं। प्रायः ये शांत, साबधान और भरोसे वाले जानवर होते हैं। इनकी काम करने की आदत की वजह से ही ये इंसानों के सबसे उपयोगी सहायक के रूप में जाने जाते हैं। ये भरोसे के साथ काम करते हैं। गदहे कभी कभी उग्र भी हो जाते हैं और तब वे अपने पिछले पैरों से दुलत्ती मारते हैं। नर गदहों का उपयोग खच्चर के जन्म के लिए भी होता है।
खच्चर एक अप्राकृतिक तरह से पैदा किया गया घोड़े तथा गदहे के मिले जुले गुणों वाला जानवर है जिसे बोझ ढोने तथा कई अन्य कार्यो में प्रयोग में लाया जाता है। यह एक पालतू जानवर है और यह गदहों से ज्यादा दक्षता पूर्वक काम करने के लिए जाना जाता है। खच्चर गदहों की तुलना में कम हठी और ज्यादा बुद्धिमान माने जाते हैं। खच्चर संकर प्रजाति का दुनियां में संभवतः सबसे पुराना जानवर है। इसका जन्म तुर्की और मिस्र में माना जाता है। खच्चरों का उल्लेख होमर ने 800 ईसापूर्व में अपनी पुस्तक इलियड में किया था। बाइबिल कुछ हिस्सों में भी इनकी चर्चा हुई है।
खच्चरों के उत्पादन में चीन दुनियां में सबसे ऊपर है। चीन के बाद खच्चर सबसे ज्यादा मेक्सिको में पैदा किये जाते हैं।
उपसंहार :
गदहे जहाँ प्राकृतिक रूप से पैदा होते हैं वहीँ खच्चरों को पैदा करने के लिए गदहे और घोड़ी का संसर्ग कराना पड़ता है। गदहे की अपेक्षा खच्चर ज्यादा कुशल, सक्षम और कम हठी होते हैं। इसका कारण आनुवंशिक है। चूँकि ये गदहे और घोड़े दोनों की ही संतान हैं अतः इनमे दोनों के ही गुण मिलते हैं। किन्तु खच्चरों में एक कमी है ये अपनी संतान उत्पन्न करने लायक नहीं होते हैं।
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