दीवानी और फौजदारी मुकदमों में क्या अंतर है
अधिकांश व्यक्ति का अपने जीवन में कभी न कभी न्यायलय से सामना होता है। न्यायलय हमारे समाज के महत्वपूर्ण और अभिन्न हिस्सा होते हैं जहाँ व्यक्ति के सम्मान और अधिकारों की सुरक्षा का आश्वासन ही नहीं होता बल्कि अपराधियों को सजा देकर अपराधों को हतोत्साहित करने का भी प्रयास होता है ताकि समाज भयमुक्त रहे और राज्य में उसका भरोसा बना रहे। न्यायलय में न्याय प्रक्रिया में मुकदमों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। न्यायलय में तरह तरह के मुक़दमे होते हैं। इन मुकदमों को उनकी प्रकृति और उद्द्येश्य के आधार पर दो भागों में बांटा जाता है दीवानी या सिविल मुकदमे और फौजदारी या आपराधिक मुकदमे। ये दोनों मुकदमे हालाँकि न्याय प्राप्ति के लिए ही दायर किये जाते हैं किन्तु दोनों की प्रक्रिया में अंतर होता है। आईये आज के इस पोस्ट के माध्यम से इनके बीच के अंतर को जानते हैं।
ऐसे मुकदमे जिसका सम्बन्ध व्यक्ति के अधिकारों का हनन, संपत्ति का हस्तांतरण या अधिकार, कॉन्ट्रैक्ट या पारिवारिक विवाद से हो, सिविल या दीवानी मुकदमे कहे जाते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि किसी निजी या सार्वजनिक अधिकार के बारे में दो या अधिक पक्षों के बीच जो वाद शुरू होता है वह सिविल वाद या दीवानी वाद कहलाता है। दीवानी मामलों को ऐसे भी समझा जा सकता है कि वे सारे कानूनी विवाद जिनका सम्बन्ध फौजदारी मामलों से न हो, दीवानी मामले कहे जाते हैं। जैसे किरायदार और मकान मालिक के बीच किराये के सम्बन्ध में या मकान खाली करवाने के सम्बन्घ में हुए विवाद को इसके अंतर्गत रखा जाता है। ऐसे मामले की सुनवाई करने वाले न्यायलय दीवानी न्यायलय और इस तरह के मुकदमे की पैरवी करने वाले वकील को दीवानी मामलों के वकील कहा जाता है। दीवानी मामलों को सिविल प्रोसीजर कोड के द्वारा निपटान किया जाता है। सिविल प्रोसीजर कोड को 1908 में पारित किया गया था।
दीवानी मामलों में आये मुकदमों को इन तीन वर्गों में रखा जा सकता है
सिविल या दीवानी मुकदमों में किसी की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति के लिए भी प्रार्थना की जा सकती है। दीवानी मामले बहुत सारे होते हैं
इन सभी मामलों में पीड़ित व्यक्ति दीवानी न्यायलय की शरण में जाता है जहाँ मुकदमे के आरम्भ करने से लेकर उसके समापन के लिए एक निशिचित और स्पष्ट प्रक्रिया होती है। ये सारे मामले में सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत सुनवाई होती है। इस संहिता में न्यायलय में वाद के आरम्भ से लेकर निस्तारण तथा अंत में डिक्री के निष्पादन के लिए स्पष्ट लिखित प्रक्रिया निर्धारित की गयी है।
सिविल या दीवानी के मामलों के अतिरिक्त अन्य सभी मामले फौजदारी मामले होते हैं। फौजदारी मामले फौजदारी कानून के अधीन आते हैं। इनमे वे सारे मामले आते हैं जिनका सम्बन्ध आपराधिक कृत्यों से होता है। हत्या, मारपीट, डकैती, छिनैती, बलात्कार आदि सभी मामले फौजदारी मामले होते हैं। इन सभी मामलों में क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और इंडियन पीनल कोड के आधार पर सुनवाई होती है।
आपराधिक मामले का अर्थ है, भूमि के एक प्रचलित कानून के तहत दंडनीय अपराध। अपराध को भारत की आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 में परिभाषित किया गया है जो भारत में अपराध से निपटने के लिए प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
फौजदारी मामलों का मुख्य उद्द्येश्य अपराधी या दोषी व्यक्ति को सजा दिलाना होता है। फौजदारी मामलों को इन वर्गों में रखा जा सकता है
फौजदारी मुकदमों में अपराध की गंभीरता को देखते हुए इसे संज्ञेय, गैर संज्ञेय, जमानती, गैर जमानती,अग्रिम जमानत की श्रेणी में रखा जाता है। मुकदमों की शुरुवात एफआईआर यानि प्राथमिकी दर्ज कराने से होती है। अपराध की गंभीरता और धारा देखते हुए उसे जमानती या गैर जमानती की श्रेणी में रखा जाता है और उसी हिसाब से कार्रवाई होती है। चूँकि फौजदारी मामले किसी न किसी अपराध से जुड़े मामले होते हैं अतः इसमें पुलिस की संलग्नता अनिवार्य होती है। कई बार तो इसमें तुरत कार्रवाई की आवश्यकता होती है और गिरफ़्तारी भी की जाती है। फौजदारी मुकदमों में कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, 1973 (Cr PC), इंडियन पीनल कोड, 1960 (IPC) और इंडियन एविडेंस एक्ट, 1872 (IEA) के आधार पर जांच प्रक्रिया तथा अन्य कार्रवाई होती है।
उपसंहार
Unknown
Bahut hi saral bhasha me bahut achhi jankari
Unknown
Thanks for clearing my all doubt about
Ak Panwar
Thanks sir / ma'am
Unknown
Bahut bahut dhanyvad aapka Jo itni saralta se samjhaya thank you
Unknown
मै आपके इन तथ्यों से आती लाभान्वित हुआ,धन्यवाद महोदय/महोदया 🙏
Unknown
Bahot sundar jankari…🙏🏼🙏🏼
बेनामी
nice post thankyu for this
Pankaj Sahu
IPC – 1860*
Very informative
Preeti Thapa
Explained in so simple way that anyone can understand it easily and quickly. Thanku so much for ur explanation. Looking for explanations like this in future also.
Unknown
Really it is good post for us
बेनामी
काफी सरल भाषा में आपने समझाया इसके लिए तहेदिल से शुक्रिया ❤️…🙏 🇮🇳जय हिन्द 🇮🇳
बेनामी
Thanks for this simple n important information
बेनामी
Thanx
बेनामी
Abadi jamin ka diwani
बेनामी
Thanks for clearing my doubts
बेनामी
Bhut acha
बेनामी
Thanks for clearing my doubts in simple way
बेनामी
very nice
बेनामी
Thanks 👍
बेनामी
Good 😊👍😊