समाचारपत्रों, पत्रिकाओं और रेडियो टीवी न्यूज़ में जब भी किसी देश की चर्चा होती है तब एक शब्द अकसर प्रयोग किया जाता है विकसित देश या विकासशील देश। भारत के सन्दर्भ में अकसर विकासशील शब्द का प्रयोग किया जाता है। विकसित और विकासशील शब्दों से कुछ बातें तो समझ में आ ही जाती है कि वैसे देश जो काफी विकसित हैं उनको विकसित देश तथा वे देश जो विकास की प्रक्रिया में हैं उनको विकासशील देश कहा जाता है किन्तु आईये देखते हैं दोनों में बुनियादी अंतर क्या है।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व के देशों को उनकी मानव विकास सूचकांक HDI ,जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय, जीवन स्तर, शिक्षा का स्तर, मृत्यु दर आदि के आधार पर दो वर्गों में बांटा गया है विकसित देश और विकासशील देश। विकसित देशों में प्रति व्यक्ति आय अधिक होने की वजह से जीवन स्तर उच्च होता है। बेरोजगारी, भुखमरी, कुपोषण आदि समस्याएं प्रायः नहीं होती है। ऐसे देशों में आधारभूत संरचनाओं का जाल बिछा होता है और ये देश औद्योगीकरण के मामले में भी काफी समृद्ध होते हैं। अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी आदि इन्हीं देशों की श्रेणी में आते हैं।
विकासशील देश ठीक इसके उलट कई समस्याओं से जूझते नज़र आते हैं। ऐसे देशों की जनसँख्या बहुत अधिक होती है प्रति व्यक्ति आय भी कम होती है। गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, बेरोजगारी बहुतायत में पायी जाती है। ऐसे देशों में प्रायः उद्योगों का उतना विकास नहीं होता है और आधारभूत संरचनाओं की भी खासी कमी होती है। विकासशील देशों में मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान , बांग्लादेश, अफ्रीका के कई देश आते हैं।
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दोस्तों मुझे लगता है अब विकसित और विकासशील देशों के बीच का अंतर आपने क्लियर कर लिया होगा। दोस्तों पोस्ट कैसा लगा कमेंट के माध्यम से हमें बताएं। यदि अच्छा लगा तो प्लीज इसे शेयर और ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें।
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Unknown
बहुत अच्छी जानकारी मिली