श्वसन और दहन में क्या अंतर है
श्वसन की परिभाषा
“जीव जंतुओं की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की उपस्थिति में भोजन के जैविक ऑक्सीकरण होने की क्रिया को श्वसन कहते हैं।”
इस प्रक्रिया में ग्लूकोज का ऑक्सीकरण होता है तथा कार्बन डाई ऑक्साइड और जल बनता हैं। इस क्रिया में ग्लूकोज में संचित ऊर्जा विभिन्न पदों में मुक्त होती है।
श्वसन के प्रकार
श्वसन दो प्रकार का होता है
External Respiration : वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण करने तथा कार्बन डाइऑक्साइड को निकालने की क्रिया external या बाह्य श्वसन कहलाती है।
Internal Respiration : ऑक्सीजन की उपस्थिति में कोशिकाओं के अंदर ग्लूकोस के ऑक्सीकरण की क्रिया को internal या आतंरिक श्वसन कहते हैं। इसे कोशिकीय श्वसन भी कहते हैं।
श्वसन की क्रिया में ऑक्सीजन एक अनिवार्य घटक है। किन्तु कई बार श्वसन की क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति के बिना भी होती है। ऑक्सीजन की उपस्थित या अनुपस्थिति के आधार पर श्वसन दो प्रकार के होते हैं
ऑक्सी श्वसन (Aerobic Respiration)
ऑक्सीजन की उपस्थिति में होने वाला श्वसन ऑक्सीकरण कहलाता है। अधिकतर जीवधारियों (मनुष्य, पेड़-पौधों आदि) में इसी प्रकार का श्वसन होता है। इन जीवधारियों को एरोब्स कहते हैं। इसमें भोज्य पदार्थों का पूर्ण ऑक्सीकरण (Complete Oxidation) होता है जिसके फलस्वरूप CO2 जलवाष्प तथा अधिक ऊर्जा निकलती है, जो ATP के रूप में संचित हो जाती है।
C6H12O6 + 6O2 = 6 CO2 + 6H2O + 673 Kcal (ऊर्जा)
ऑक्सी श्वसन की क्रिया का कुछ भाग कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) में और शेष भाग माइट्रोकांड्रिया में होता श्वसन का कोशिका द्रव्य में होने वाला भाग ग्लाइकोलाइसिस (Glycolysis) तथा माइट्रोकांड्रिया में होने वाला भाग क्रेब्स-चक्र (Creb’s Cycle) कहलाता है।
एनएरोबिक या अनॉक्सी श्वसन
यह श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होने वाला श्वसन है। इस क्रिया में भोजन का अपूर्ण आक्सीकरण होता है। जन्तुओं में इस क्रिया के फलस्वरूप कार्बन डाई-आक्साइड तथा लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है तथा पौधों में कार्बन डाई-आक्साइड तथा इथाइल अल्कोहल बनता है एवं बहुत कम मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इस प्रकार का श्वसन कुछ निम्न श्रेणी के पौधों, यीस्ट, जीवाणु, एवं अन्तः परजीवी जन्तुओं जैसे गोलकृमि, फीताकृमि, मोनोसिस्टिस इत्यादि में होता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में उच्च श्रेणी के जन्तुओं, पौधों के ऊतकों, बीजों, रसदार फलों आदि में भी आक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। मनुष्यों या उच्च श्रेणी के जीवों की माँसपेशियों के थकने की अवस्था में यह श्वसन होता है। जिन जीवधारियों में यह श्वसन होता है उसे एनएरोब्स कहते हैं।
C6H12O6→2CH3CH2OH+2CO2 +118 किलो जूल ऊर्जा
दहन क्या है
दहन के लिये वायु (ऑक्सीजन) न्यूनतम आवश्यक ताप (ज्वलन ताप) और दहनशील वस्तु होना आवश्यक है।
दहन चार प्रकार के होते है
स्वत: दहन (स्पौनटेनियश दहन) :
वैसा दहन जिसमें पदार्थ बिना किसी प्रत्यक्ष कारण के, अचानक लपटों के साथ जल उठता है, स्वत: दहन
विस्फोट (Explosion)-
ऐसे दहन की क्रिया को जो बाहरी दाब या प्रहार के प्रभाव से होती है तथा इस प्रक्रिया में प्रकाश एवं ऊष्मा के साथ-साथ ध्वनि भी उत्पन्न होती है, विस्फोट कहते हैं।
श्वसन और दहन में क्या अंतर है
इस प्रकार हम देखते हैं श्वसन और दहन दोनों ही ऑक्सीकरण की अभिकिर्या होते हुए भी दोनों में कई अंतर है। श्वसन एक प्रकार का मंद दहन कहा जा सकता है किन्तु हर दहन श्वसन नहीं हो सकता।