जब भी किसी कंप्यूटर की चर्चा होती है तब उसके साथ सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की चर्चा जरूर होती है। ये दोनों हिस्से कंप्यूटर को पूर्ण बनाते हैं और तभी कंप्यूटर अपनी उपयोगिता साबित कर पाता है। सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कंप्यूटर के दो अनिवार्य हिस्से होते हैं। इसे दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हार्डवेयर कंप्यूटर का शरीर होता है तो सॉफ्टवेयर उसकी आत्मा। किसी एक के बिना दूसरा निष्क्रिय और अप्रभावी हो जाता है। सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की प्रकृति देखा जाए तो दोनों एक दूसरे से एकदम भिन्न होते हैं और दोनों दो चीज़ें होती हैं।
वास्तव में सॉफ्टवेयर डेटा या कमांड्स और इंस्ट्रक्शंस का एक संग्रह होता है जो कंप्यूटर को निर्देश देता है कि कैसे कार्य करना है। सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर प्रोग्राम, लाइब्रेरी और सम्बंधित नॉन एक्सेक्यूटबल डेटा आदि का संग्रह होता है। इसमें कंप्यूटर सिस्टम, प्रोग्राम और डेटा द्वारा संसाधित सभी तरह की सूचनाएं होती हैं।
Ada Lovelace को सॉफ्टवेयर का जनक माना जाता है। उन्होंने 19 वीं शताब्दी में बर्नौली नंबरों की गणना दिखाने के लिए एल्गोरिदम के लिए सबसे पहले एक सॉफ्टवेयर तैयार किया था। इन्हे विश्व का पहला कंप्यूटर प्रोग्रामर माना जाता है। कंप्यूटर के अविष्कार के बहुत पहले 1935 में सॉफ्टवेयर के बारे में पहला सिद्धांत एलन टूरिंग के द्वारा दिया गया। उन्होंने कम्प्युटेबल नंबर्स पर अपने निबंध Application to the Entscheidungsproblem में सॉफ्टवेयर का पहला सिद्धांत दिया। 1946 के पूर्व तक सॉफ्टवेयर को मेमोरी में स्टोर करके नहीं रखा जाता था। सॉफ्टवेयर शब्द का पहला प्रयोग रिचर्ड आर करहार्ट के रैंड कारपोरेशन रिसर्च मेमोरंडम में अगस्त 1953 में मिलता है जो कि इंजीनियरिंग सन्दर्भ में किया गया था।
सॉफ्टवेयर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
डिवाइस ड्राइवर्स : कंप्यूटर के विभिन्न इनपुट और आउटपुट डिवाइसों के बीच समन्वय स्थापित करने वाले सॉफ्टवेयर डिवाइस सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। इन्हीं डिवाइस सॉफ्टवेयर के द्वारा कंप्यूटर के अन्य उपकरणों को ऑपरेट और कंट्रोल किया जाता है। ऑडियो, ग्राफिक्स आदि के ड्राइवर सॉफ्टवेयर इसी प्रकार के सॉफ्टवेयर होते हैं।
Malicious सॉफ्टवेयर या Malware : ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए या हैक करने के लिए बनाये जाते हैं। कंप्यूटर वायरस इसी प्रकार के सॉफ्टवेयर होते हैं।
कंप्यूटर हार्डवेयर कंप्यूटर के उन समस्त पार्ट्स या भागों को कहा जाता है जिसके द्वारा एक कंप्यूटर का निर्माण होता है और उसमे किसी सॉफ्टवेयर को ऑपरेट किया जा सकता हो। वास्तव में हार्डवेयर कंप्यूटर का भौतिक भाग होता है जिसे हम स्पर्श कर सकते हैं महसूस कर सकते हैं। इनका एक निश्चित आकार और भार होता है। कंप्यूटर का मदर बोर्ड, मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस सब कंप्यूटर हार्डवेयर के कुछ उदहारण हैं।
कंप्यूटर हार्डवेयर कंप्यूटर को एक निश्चित शेप देता है और उसे इस योग्य बनाता है जिससे कि इसमें किसी सॉफ्टवेयर को ऑपरेट किया जा सके। कंप्यूटर हार्डवेयर कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर के निर्देशों और कमांड्स को किर्यान्वित करते हैं।
इनपुट डिवाइस : कंप्यूटर हार्डवेयर में कुछ हार्डवेयर का कार्य कंप्यूटर को कुछ निर्देश देना होता है। इन्ही डिवाइसों के द्वारा कंप्यूटर के अंदर सारी इंफॉर्मेशंस फीड की जाती है। इन डिवाइसों को इनपुट डिवाइस कहा जाता है। कीबोर्ड, माइक्रोफोन, पेन ड्राइव, स्कैनर आदि इसी प्रकार के हार्डवेयर होते हैं।
यूँ तो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। कंप्यूटर की ऑपरेटिंग में दोनों की भूमिका होती है। एक दूसरे के बिना ये निष्प्राण और निःशरीर होते हैं, तो भी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपनी कई बातों में एक दूसरे से भिन्न होते हैं
उपसंहार
सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों ही मिलकर एक कंप्यूटर की संकल्पना को पूरा करते हैं और तभी एक कंप्यूटर अपने काम को सम्पादित कर पाता है। सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का लॉजिक पार्ट होता है जो वर्चुअल रूप से सभी इंस्ट्रक्शंस और कमांड्स को सम्पादित और नियंत्रित करता है। लेकिन सॉफ्टवेयर को कार्य करने के लिए हार्डवेयर की आवश्यकता पड़ती है तभी सॉफ्टवेयर की उपयोगिता सामने आ पाती है। हार्डवेयर कंप्यूटर को न केवल एक शेप देता है बल्कि वह सॉफ्टवेयर द्वारा दिए गए निर्देशों को पूरा करते हुए विभिन्न कार्यों को अंजाम देता है।