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ग़ज़ल और शायरी में क्या अंतर है

Terms5 years ago



ग़ज़ल और शायरी में क्या अंतर है


ग़ज़ल और शेरो शायरी विशेषकर उर्दू साहित्य की ऐसी विधाएँ हैं जो बरबस किसी का भी मन मोह लें। बॉलीवुड के संगीत में इन ग़ज़लों और शायरियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। आजकर ग़ज़ल और शायरी को अन्य भाषा में भी अपनाया जाने लगा है और उनमे खूब लिखा गया है। ग़ज़लों और शायरी को अकसर लोग एक ही मान लेते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हमने प्रयास किया है इनमे अंतर स्पष्ट करने का। उम्मीद है आप इसे पसंद करेंगे। चलिए देखते हैं ग़ज़ल और शायरी किसे कहते हैं और इनमे अंतर क्या है

ग़ज़ल किसे कहते हैं

ग़ज़ल अरबी साहित्य की एक मशहूर काव्य विधा है जिसे बाद में कई अन्य भाषाओँ ने अपनाया। वैसे तो यह उर्दू सहित कई अन्य भाषाओँ में जैसे फारसी, हिंदी,नेपाली आदि में लिखी जाती है पर जो बात उर्दू में लिखे ग़ज़लों में है वो कंही और नहीं।

ग़ज़ल का शाब्दिक अर्थ औरत यानि माशूक से या माशूक के बारे में बात करना होता है। शुरू शुरू में ग़ज़ल इसी अर्थ में लिखी जाती थी पर आज ज़िन्दगी के हर पहलु पर ग़ज़ल मिल जायेंगे।

ग़ज़ल को शेरों का एक समूह भी कह सकते हैं जिसमे एक ही बहर और वज़न के हिसाब से शेर लिखे जाते हैं। वैसे ये शेर एक दूसरे से स्वतंत्र अर्थ वाले हो सकते हैं। सामान्यतः एक ग़ज़ल में पांच से लेकर 25 शेर हो सकते हैं। शेरों की संख्या प्रायः विषम होती है।





ग़ज़ल के शेरों की पंक्तियों को मिसरा कहा जाता है और शेरों में तुकबंदी वाले शब्दों को क़ाफ़िया कहा जाता है। शेर में दुहराए जाने वाले शब्दों को रदीफ़ कहते हैं। मतले के दोनों मिसरो में क़ाफ़िया आता है साथ ही बाद के शेरों की हर दूसरी पंक्ति में क़ाफ़िया आता है। क़ाफ़िया के बाद ही रदीफ़ आता है। कई बार रदीफ़ और क़ाफ़िया एक ही शब्द के भाग होते हैं तो कई बार बिना रदीफ़ के भी शेर हो सकता है जो क़ाफिये पर समाप्त होता है।

किसी ग़ज़ल के पहले शेर को मतला कहते हैं जबकि अंतिम शेर को मक़्ता कहा जाता है। शायर इसी मक़्ते में अपना नाम रखता है। किसी ग़ज़ल के सबसे उम्दा शेर को शाही बैत कहा जाता है। ग़ज़लों के संग्रह को दीवान कहते हैं।

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शायरी या शेर किसे कहते हैं

शेर या शेरो शायरी जिसे सुखन भी कहा जाता है भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित एक काव्य विधा है जिसे प्रायः उर्दू तथा हिंदी में लिखा जाता है। शायरी लिखने वाले को शायर या सुख़नवर कहा जाता है। शी’र के माध्यम से शायर अपने दिल की भावनाओं को व्यक्त करता है।





शेर दो जुमलों या पंक्तियों की एक कविता होती है जो अपना स्वतंत्र भाव रखती है। शेर वास्तव में किसी ग़ज़ल का एक हिस्सा होता है। शेर की प्रत्येक पंक्तियों को मिसरा कहा जाता है जिसमे तुकबंदी वाले शब्दों को क़ाफ़िया कहा जाता है। शे’र को बिना बहर के भी लिखा जा सकता है। कई बार बिना रदीफ़ के भी शेर लिखे जाते हैं जो क़ाफिये पर ख़त्म होते हैं। किसी ग़ज़ल में शेरों को उनके स्थान के आधार पर उन्हें अलग अलग नामों से सम्बोधित करते हैं जैसे पहले शेर को मतला और अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं। कुछ मशहूर शेर प्रस्तुत हैं 


“खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर के पहले खुदा बन्दे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है.”

“इब्तेदा इश्क रोता है क्या आगे आगे देखिये होता है क्या “

“ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर या वो जगह बता जहाँ खुदा न हो ” 

ग़ज़ल और शायरी में क्या अंतर है


  • ग़ज़ल एक लम्बी कविता होती है जिसमे पांच से लेकर 25 शेर हो सकते हैं जबकि शेर दो पंक्तियों की एक कविता होती है।


  • ग़ज़लों की रचना कई शेरों के मिलने से होती है जबकि शेर शायरी अपने आप में स्वतंत्र कविता होती है।


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  • ग़ज़ल में बहर और वज़न का ख्याल रखना पड़ता है जबकि शेरो शायरी में बहर कोई आवश्यक नहीं होता।

  • ग़ज़ल में रदीफ़ का प्रयोग करना पड़ता है जबकि शेरो शायरी बिना रदीफ़ के भी लिखी जा सकती है।


  • ग़ज़ल में मतला और मक़्ता होते हैं शायरी चूकि दो मिसरों की होती है अतः उसमे इसका कोई स्थान नहीं होता।

  • ग़ज़ल के संग्रह को दीवान कहते हैं जबकि शायरी के संग्रह से ग़ज़ल की रचना होती है।

  • ग़ज़ल को वाद्य यंत्रों के साथ गाया जा सकता है जबकि शायरी को पढ़ा जाता है।

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इस प्रकार हम देखते हैं कि शेर के बिना ग़ज़ल की रचना नहीं की जा सकती अर्थात ग़ज़ल की छोटी इकाई को ही शेर कहते हैं। किन्तु शेर अपने आप में स्वतंत्र भाव रखते हैं यानि वे स्वयं में एक कविता होते है।

3 Comments

(Hide Comments)
  • नवीन सिंह रांगड़

    January 20, 2020 / at 5:51 amsvgReply

    बहुत ही शानदार आलेख अखिलेश जी। आपकी पूरी की पूरी पोस्ट email में आ जाती है। इसको आप ब्लॉग की सेटिंग में जाके बदल सकते हैं।

  • Ajay

    May 26, 2022 / at 4:15 pmsvgReply

    बहुत ही उम्दा जानकारी है!

  • बेनामी

    June 12, 2024 / at 10:19 amsvgReply

    very nice information

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