हमारा जीवन विद्युत् पर इतना निर्भर हो चूका है कि इसके बिना लगता है जैसे जीवन ठप्प हो जायेगा। दिन तो दिन यहाँ तक की रात में सोने के बाद भी विद्युत् पर हमारी निर्भरता बनी रहती है। यह हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके बिना हम क्षण भर नहीं गुजार सकते।
हम अपने दैनिक जीवन में कई बार विद्युत् का प्रयोग करते हैं। विद्युत् प्रयोग करते समय अकसर हमें एक बात देखने को मिलती है और वो ये है कि कई यंत्रो पर ऐसी तो कई पर डीसी लिखा रहता है। आईये देखते है कि AC और DC में क्या अंतर है।
वास्तव में विद्युत् इलेक्टॉनों का प्रवाह होता है। इसके प्रवाह के लिए एक माध्यम चाहिए होता है। इलेक्ट्रान किसी माध्यम में दो प्रकार से प्रवाहित होते हैं एक सीधे आगे की ओर तथा एक में निश्चित अंतराल पर आगे और पीछे की तरफ गति होती है। इलेक्टॉनों के इस प्रकार के प्रवाह की वजह से हमें दो तरह की विद्युत् धारा मिलती है। जब इलेक्ट्रॉन सीधे आगे की ओर प्रवाहित होते हैं तो उस करंट को डायरेक्ट करंट यानि DC और जब वह दिशा बदल बदल कर प्रवाहित हों तो इस तरह की धारा को अल्टेरनेटिंग करंट यानि AC कहते हैं।
AC और DC में क्या अंतर है
- AC करंट का पूरा नाम अल्टेरनेटिंग करंट होता है जबकि DC धारा को डायरेक्ट करंट कहते हैं।
- अल्टेरनेटिंग करंट की दिशा हर कुछ समय के बाद बदल जाती है जबकि डायरेक्ट करंट की दिशा कभी नहीं बदलती है।
- अल्टेरनेटिंग करंट यानि प्रत्यावर्ती धारा से बहुत अधिक वोल्टेज प्राप्त किया जा सकता है। इसे 33000 वोल्ट तक पैदा किया जा सकता है जबकि डायरेक्ट करंट को उतना उच्च स्तर पर पैदा नहीं किया जा सकता है। इसे अधिकतम 650 वोल्ट तक ही उत्पन्न किया जा सकता है।
- प्रत्यावर्ती धारा को ट्रांसफार्मर की मदद से कम या अधिक किया जा सकता है जबकि डायरेक्ट करंट को कम या अधिक नहीं किया जा सकता है।
- अल्टेरनेटिंग करंट को ज्यादा दुरी तक आसानी से भेजा जा सकता है जबकि डायरेक्ट करंट को ज्यादा दुरी तक भेजना कठिन है।
- अल्टेरनेटिंग करंट को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता जबकि डायरेक्ट करंट को बैटरियों में स्टोर करके रखा जा सकता है।
- अल्टेरनेटिंग करंट से एलेक्ट्रोप्लेटिंग का कार्य नहीं किया जा सकता किन्तु डायरेक्ट करंट से एलेक्ट्रोप्लेटिंग किया जाता है। पंखा, मोटर,बल्ब, हीटर आदि उपकरण अल्टेरनेटिंग करंट से चलते हैं जबकि टीवी, रेडियो, कंप्यूटर, मोबाइल आदि के लिए डायरेक्ट करंट की आवश्यकता होती है।
- अल्टेरनेटिंग करंट की फ्रीक्वेंसी 50 से 60 हर्ट्ज़ हो सकती है जबकि डायरेक्ट करंट की फ्रीक्वेंसी जीरो होती है।
- अल्टेरनेटिंग करंट का परिमाण समय के साथ साथ घटता बढ़ता है जबकि DC का परिमाण हमेशा एक सा रहता है।
- अल्टेरनेटिंग करंट को पावर प्लांट ,AC जनरेटर आदि द्वारा पैदा किया जाता है जबकि DC को बैटरी द्वारा उत्पन्न किया जाता है
1 टिप्पणियाँ
Ac aur DC ma kya anter ha
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