आज के इस आर्थिक युग में पैसों के लेनदेन में बैंकों की भूमिका एक धूरी के समान हो गयी है फिर वो चाहे व्यवसाय हो, कामगारों की सैलरी का लेनदेन हो या फिर बचत करने की मंशा हो जहाँ कहीं मुद्रा विनिमय की बात आती है वहां हमें बैंकों की जरुरत महसूस होने लगती है। बैंकों में पैसों के लेनदेन के लिए कई तरह के एकाउंट्स होते हैं जिनमे करंट अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट मुख्य होते हैं। व्यक्ति अपनी जरुरत के हिसाब से अपना अकाउंट खोलता है किन्तु उसे पता होना चाहिए किस अकाउंट का क्या काम है उससे क्या लाभ है। आईये देखते हैं सेविंग्स और करंट अकाउंट क्या हैं और इनमे क्या अंतर हैं
करंट अकाउंट या चालु खाता क्या होता है
करंट अकाउंट या चालु खाता वास्तव में केवल मनी ट्रांजेक्शन के लिए ही खोला जाता है। यह अकाउंट बिजिनेस की सुविधा के लिए बनाया गया है ताकि व्यवसायी अपने हर कलेक्शन को इसमें दिनभर जमा कर सके और जब चाहे किसी को भुगतान भी कर सके। इस तरह के अकाउंट में ट्रांजेक्शन की कोई लिमिट नहीं होती पर कई बैंकों में इसमें एक निश्चित न्यूनत्तम राशि रखना होता है अन्यथा कुछ चार्ज देना पड़ता है। करंट अकाउंट में जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
ऑनलाइन मार्केटिंग की कम्पन्यियों जैसे फ्लिपकार्ट आदि में दिन भर हजारों मनी ट्रांजेक्शन होते रहते हैं अतः वे अपना सारा काम चालू खाते के माध्यम से ही करती हैं।
सेविंग्स अकाउंट क्या होता है
यह बैंक के सबसे लोकप्रिय खातों में से एक है। सेविंग्स या बचत खाता का उद्द्येश्य बचत को प्रोत्साहन देना होता है। इसमें खातेदार अपनी थोड़ी थोड़ी बचायी गयी राशि को जमा करता रहता है ताकि वक्त पर उसके काम आ सके। सेविंग्स अकाउंट में जमा पैसे पर 3 से 4 प्रतिशत तक सालाना ब्याज भी मिलता है किन्तु सेविंग्स अकाउंट में ट्रांजेक्शन की लिमिट होती है। यह तीन से पांच बार हो सकती है। सेविंग्स अकाउंट में भी आजकल न्यूनत्तम राशि रखना अनिवार्य हो गया है अन्यथा बैंक उसका चार्ज काटने लगता है।
सेविंग्स अकाउंट सैलरी पाने वाले लोगों के लिए, छात्रवित्ती पाने वाले छात्रों के लिए तथा अन्य सभी बचत करने वाले लोगों के लिए होता है।
करंट अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट में क्या अंतर है
Differences Between Current Account And Savings Account
- करंट अकाउंट या चालू खाता बैंक के ऐसे अकाउंट को कहते हैं जो केवल ट्रांजेक्शन के उद्द्येश्य से प्रयोग किया जाता है जबकि सेविंग्स अकाउंट अर्थात बचत खाता का उद्द्येश्य धन संचय होता है।
- चालू खाते में जमा धन पर कोई इंटरेस्ट नहीं मिलता है जबकि सेविंग्स अकाउंट में जमा धन पर एक निश्चित ब्याज मिलता है।
- करंट अकाउंट या चालु खाता व्यापारियों और उद्योग के लिए उपयुक्त होता है जिसमे वे अपने बिजिनेस से सम्बन्धी लेनदेन करते हैं वहीँ सेविंग्स या बचत खाता सामान्य लोगों और नौकरीपेशा लोगों के लिए उपयुक्त होता है जिसमे वे अपनी आय को बचत के रूप में संचित करते हैं।
- कई बैंक करंट अकाउंट में ओवरड्राविंग अर्थात जमा राशि से ज्यादा की निकासी का फीचर भी देते हैं जबकि सेविंग्स अकाउंट में ऐसा कुछ नहीं होता है।
- करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन की कोई लिमिट नहीं होती है जबकि सेविंग्स अकाउंट में महीने में ट्रांजेक्शन्स की संख्या ज्यादा नहीं होती है।
- करंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य होता है और प्रायः यह एक उच्च राशि होती है। सेविंग्स अकाउंट में भी आजकल न्यूनत्तम राशि रखना अनिवार्य हो गया है पर यह राशि नाममात्र की होती है।
- करंट अकाउंट का उद्द्येश्य ट्रांजेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराना है जबकि सेविंग्स अकाउंट बचत को बढ़ावा देता है।
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