Difference Between Loksabha And Rajyasabha
लोकसभा क्या है, राज्य सभा क्या है, लोकसभा और राज्य सभा में क्या अंतर है ? लोकसभा और राज्य सभा दोनों में अधिक शक्तिशाली कौन है? लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या कितनी होती है? लोकसभा और राजयसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है? लोकसभा और राजयसभा के सदस्यों के लिए क्या उम्र तथा अन्य योग्यताएं होनी चाहिए? यदि आपके मन में भी यही सवाल उठ रहे हैं तो आपको इस पोस्ट को जरूर विस्तार पूर्वक पढ़ना चाहिए।
भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सदनों की व्यवस्था की गयी है। इसमें निचले सदन को लोकसभा और ऊपरी सदन को राज्य सभा कहते हैं। भारत के राष्ट्रपति इन्हीं दोनों सदनों के द्वारा भारत में शासन की व्यवस्था करते हैं। लोकसभा के पास वास्तविक कार्यकारी शक्तियां होती हैं जबकि राज्य सभा जिसे राज्यों का सदन भी कहते हैं लोकसभा के द्वारा पारित प्रस्ताव का पुनरीक्षण करती हैं। आईये देखते हैं लोकसभा और राज्य सभा क्या हैं और इनमे क्या अंतर होता है
भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सदनों की व्यवस्था की गयी है। इसमें निचले सदन को लोकसभा और ऊपरी सदन को राज्य सभा कहते हैं। भारत के राष्ट्रपति इन्हीं दोनों सदनों के द्वारा भारत में शासन की व्यवस्था करते हैं। लोकसभा के पास वास्तविक कार्यकारी शक्तियां होती हैं जबकि राज्य सभा जिसे राज्यों का सदन भी कहते हैं लोकसभा के द्वारा पारित प्रस्ताव का पुनरीक्षण करती हैं। आईये देखते हैं लोकसभा और राज्य सभा क्या हैं और इनमे क्या अंतर होता है
लोकसभा क्या है
लोकसभा के कितने सदस्य हो सकते हैं
लोकसभा की अवधि कितनी होती है
लोकसभा के सदस्यों की न्यूनत्तम उम्र कितनी होनी चाहिए
लोकसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है
भारतीय संसद के दो सदन होते हैं लोक सभा और राजयसभा। इसमें लोकसभा संसद का निचला सदन होता है। इसके सदस्यों का निर्वाचन वयस्क मताधिकार के द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा होता है। हमारे संविधान के अनुसार लोकसभा में सदस्यों की संख्या अधिकत्तम 552 हो सकती है जिसमे 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सांसद केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि राष्ट्रपति को ऐसा महसूस होता है कि एंग्लो इंडियन समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है तो वे उस समुदाय से दो सदस्यों को लोक सभा के लिए नामित कर सकते हैं। यदि लोकसभा बीच में भंग न हो तो इसकी अवधि पांच साल की होती है।
लोकसभा क्या है
भारतीय संसद के दो सदन होते हैं लोक सभा और राजयसभा। इसमें लोकसभा संसद का निचला सदन होता है। इसके सदस्यों का निर्वाचन वयस्क मताधिकार के द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा होता है। हमारे संविधान के अनुसार लोकसभा में सदस्यों की संख्या अधिकत्तम 552 हो सकती है जिसमे 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सांसद केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि राष्ट्रपति को ऐसा महसूस होता है कि एंग्लो इंडियन समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है तो वे उस समुदाय से दो सदस्यों को लोक सभा के लिए नामित कर सकते हैं। यदि लोकसभा बीच में भंग न हो तो इसकी अवधि पांच साल की होती है।
लोकसभा और राज्य सभा में क्या अंतर है |
लोकसभा की सदस्यता के लिए न्यूनत्तम उम्र 25 वर्ष होनी चाहिए। इसके सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा होता है।
राज्यसभा क्या है
राज्यसभा की अवधि कितने वर्ष की होती है
राज्यसभा के सदस्यों की न्यूनत्तम आयुसीमा क्या होती है
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है
राज्यसभा के कितने सदस्य होते हैं
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राज्य सभा क्या है
यह भारतीय संसद की ऊपरी प्रतिनिधि सभा होती है। इस सभा में 245 सदस्य होते हैं। इन सदस्यों को सांसद कहा जाता है। इन सांसदों में 12 सांसद भारत के राष्ट्रपति के द्वारा कला, साहित्य, खेल आदि विभिन्न क्षेत्रों में से मनोनीत किया जाता है। शेष अन्य सदस्यों का चुनाव होता है। राज्य सभा एक स्थाई सदन है किन्तु इसके सदस्यों की कार्यावधि 6 साल होती है। राज्य सभा के एक तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत होते हैं। राज्य सभा लोकसभा द्वारा पास किये गए प्रस्तावों की पुनरीक्षा करती है। भारत के उपराष्ट्रपति राजयसभा के सभापति होते हैं।
लोकसभा और राज्य सभा में क्या अंतर है |
राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनत्तम आयु सीमा 30 वर्ष है।
लोकसभा और राज्य सभा में क्या अंतर है
- लोकसभा भारतीय संसद का निचला सदन है जबकि राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन होता है।
- लोकसभा के सदस्यों का प्रत्यक्ष चुनाव वयस्क मताधिकार द्वारा होता है जबकि राजयसभा के सदस्यों का चुनाव राज्यों के विधानसभा सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
- लोकसभा का विघटन हो सकता है किन्तु राज्यसभा का विघटन नहीं होता।
- लोकसभा के सदस्यों की संख्या अधिकत्तम 552 होती है जिसमे 530 सदस्यों राज्यों से तथा 20 सदस्य केंद्र शाषित प्रदेशों से चुने जाते हैं तथा दो सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं जबकि राज्य सभा के सदस्यों की संख्या 245 होती है। इन सदस्यों में 12 सदस्य को भारत के राष्ट्रपति कला,विज्ञानं, साहित्य, खेल आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ लोगों में से मनोनीत करते हैं।
- लोकसभा के सदस्य पांच वर्ष के लिए चुने जाते हैं जबकि राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव 6 साल के लिए होता है।
- धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है। यह सदन देश में शासन चलने हेतु धन आवंटित करता है जबकि राज्य सभा में धन विधेयक सम्बंधित अधिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
- केंद्रीय मंत्री परिषद् सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होता है जबकि मंत्री परिषद् राज्य सभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी नहीं होता है।
- यदि कोई कैबिनेट मंत्री किसी विधेयक को लोकसभा में पास नहीं करवा पता तो पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना पड़ता है जबकि राज्य सभा में यदि विधेयक पारित नहीं होता तो पूरी कैबिनेट को इस्तीफा नहीं देना पड़ता है।
- लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के सदस्य मिल कर करते हैं। लोकसभा के अध्यक्ष को स्पीकर कहते हैं। राज्य सभा का अध्यक्ष भारत के उपराष्ट्रपति होते हैं।
- भारत के राष्ट्रपति लोकसभा में दो सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं जबकि राज्यसभा में वे बारह सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं।
- लोकसभा के सदस्य होने की न्यूनत्तम आयु 25 वर्ष होती है जबकि राज्यसभा के सदस्यों के लिए यह सीमा 30 वर्ष है।
लोकसभा और राज्य सभा में क्या अंतर है |
इतने अंतरों के बावजूद दोनों सदनों की अपनी अपनी महत्ता है और सरकार चलाने दोनों सदनों का भरपूर योगदान होता है।
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