जूडो और कराटे में क्या अंतर है
Difference between Judo and Karate
जुडो और कराटे आत्मरक्षा और दुश्मनों को परास्त करने की जापानी कला है जो आज पुरे विश्व में लोकप्रिय हैं। जूडो और कराटे के द्वारा व्यक्ति दुश्मनों से न केवल अपनी रक्षा कर सकता है बल्कि एक साथ वह कई प्रतिद्वंदियों पर हावी हो सकता है। इसके द्वारा वह हथियारों से लैश दुश्मनों से भी अपना बचाव कर सकता है। जुडो और कराटे आज न केवल एक युद्धकला है बल्कि यह एक लोकप्रिय खेल भी है। जुङो और कराटे चूँकि दोनों ही मार्शल आर्ट हैं अतः कई बार लोग इन्हें एक ही समझ बैठते हैं। वास्तव में यह सही नहीं है जूडो और कराटे दोनों अलग अलग हैं। जूडो और कराटे दोनों मूल रूप से मार्शल आर्ट हैं किन्तु दोनों की शैली अलग अलग है और इन्हीं तकनीकों की वजह से दोनों में अंतर भी है।
जूडो वास्तव में एक मार्शल आर्ट है जो एक युद्ध कला के साथ साथ एक खेल के रूप में भी जाना जाता है। मार्शल आर्ट की जूडो शैली का जनक जापान के जिगोरो कानो को माना जाता है जिन्होंने शारीरिक, मानसिक और नैतिक शिक्षाशास्त्र के रूप में इसका विकास सन 1882 में किया था। जूडो की सबसे ख़ास बात इसकी प्रतिस्पर्धिता होती है जिसमे प्रतिद्वंदी को जमीन पर फेंकना या उसे जमीन पर गिराना होता है। जूडो में प्रतिद्वंदी को जमीन पर पटक कर उसे गतिहीन कर दिया जाता है। इसके साथ ही कुश्ती की चालों द्वारा अपने प्रतिद्वंदी पर हावी होकर, या फिर जोड़ों को उलझकर या गला घोंटकर या किसी अन्य तकनीक द्वारा प्रतिद्वंदी को समर्पण करने के लिए मजबूर करना होता है। इसके साथ ही हथियारों से बचाव के लिए आक्रमण भी जूडो का एक हिस्सा है। जूडो में हाथों से और पैरों से तीव्र प्रहार किया जाता है।
जूडो कला के पीछे इसके संस्थापक जिगोरो कानो का दर्शन जुड़ा हुआ था जिसमे इस कला को विकसित करने के पीछे मार्शल आर्ट की बहादुरी के अलावा युवाओं के शरीर, दिमाग और चरित्र का भी विकास करना था। उन्होंने मई 1882 में मात्र 22 वर्ष की उम्र में अपनी स्नातक की उपाधि लेने के बाद आईकुबो के स्कूल के नौ छात्रों को कामकुरा के ऐईशो जी नाम के एक बौद्ध मंदिर में जूजूत्सु का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया जो जूडो की एक तरह से शुरुवात माना जाता है। जल्दी ही जूडो पुरे जापान में लोकप्रिय हो गया। जापान के साथ साथ इसकी लोकप्रियता पुरे विश्व में हो गयी। इसके साथ ही जुडो ओलम्पिक खेलों में भी शामिल हो गया।
जूडो के अभ्यासकर्ता को जुडोका कहा जाता है। वहीँ जुडो ट्रेनर को सेंसेई कहा जाता है। जुडो का अभ्यास करने वाले सफ़ेद रंग की वर्दी पहनते हैं जिसे जुडोगी कहा जाता है।
जूडो क्या है
What is Judo
जूडो वास्तव में एक मार्शल आर्ट है जो एक युद्ध कला के साथ साथ एक खेल के रूप में भी जाना जाता है। मार्शल आर्ट की जूडो शैली का जनक जापान के जिगोरो कानो को माना जाता है जिन्होंने शारीरिक, मानसिक और नैतिक शिक्षाशास्त्र के रूप में इसका विकास सन 1882 में किया था। जूडो की सबसे ख़ास बात इसकी प्रतिस्पर्धिता होती है जिसमे प्रतिद्वंदी को जमीन पर फेंकना या उसे जमीन पर गिराना होता है। जूडो में प्रतिद्वंदी को जमीन पर पटक कर उसे गतिहीन कर दिया जाता है। इसके साथ ही कुश्ती की चालों द्वारा अपने प्रतिद्वंदी पर हावी होकर, या फिर जोड़ों को उलझकर या गला घोंटकर या किसी अन्य तकनीक द्वारा प्रतिद्वंदी को समर्पण करने के लिए मजबूर करना होता है। इसके साथ ही हथियारों से बचाव के लिए आक्रमण भी जूडो का एक हिस्सा है। जूडो में हाथों से और पैरों से तीव्र प्रहार किया जाता है।
जूडो कला के पीछे इसके संस्थापक जिगोरो कानो का दर्शन जुड़ा हुआ था जिसमे इस कला को विकसित करने के पीछे मार्शल आर्ट की बहादुरी के अलावा युवाओं के शरीर, दिमाग और चरित्र का भी विकास करना था। उन्होंने मई 1882 में मात्र 22 वर्ष की उम्र में अपनी स्नातक की उपाधि लेने के बाद आईकुबो के स्कूल के नौ छात्रों को कामकुरा के ऐईशो जी नाम के एक बौद्ध मंदिर में जूजूत्सु का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया जो जूडो की एक तरह से शुरुवात माना जाता है। जल्दी ही जूडो पुरे जापान में लोकप्रिय हो गया। जापान के साथ साथ इसकी लोकप्रियता पुरे विश्व में हो गयी। इसके साथ ही जुडो ओलम्पिक खेलों में भी शामिल हो गया।
जूडो के अभ्यासकर्ता को जुडोका कहा जाता है। वहीँ जुडो ट्रेनर को सेंसेई कहा जाता है। जुडो का अभ्यास करने वाले सफ़ेद रंग की वर्दी पहनते हैं जिसे जुडोगी कहा जाता है।
कराटे किसे कहते हैं
What is Karate
कराटे जापान में विकसित एक युद्ध कला है जो आज न केवल जापान बल्कि पुरे विश्व में अपनी मारक क्षमता और तीक्ष्णता की वजह से लोकप्रिय है। कराटे का विशेषज्ञ अपने कौशल के द्वारा बहुत ही कम समय में कई प्रतिद्वंदियों पर भारी पड़ता है और उन्हें पराजित कर देता है। कराटे की विशेषता यह है कि यह एक प्रहार करने की कला है जिसमे मुक्केबाजी, पैरों से प्रहार, घुटनों से कुहनियों से प्रहार के साथ साथ मुक्तहस्त प्रहार जैसे नाइफ हैंड्स यानि कराटे चौप आदि के प्रयोग से दुश्मनों को चारों खाने चित्त किया जाता है। कराटे की कला में शरीर के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रहार करने की तकनीक सिखाया जाता है जिनपर वार ज्यादा घातक होता है। कराटे की कुछ कलाओं में ग्रेपलिंग, लॉक्स, अटकाव और थ्रो करना सिखाया जाता है। कराटे की एक और शैली में सीईटोकु हिंगा जिसमे प्रहार को निष्प्रभाव करने के लिए शरीर के बिंदुओं पर दबाव, कलाई पर पकड़ आदि बताया जाता है। कई अन्य शैलियों में मोटोबू यू, बूजेईकन, दो टी शैली आदि का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है।
कराटे वास्तव में युक्यु द्वीप समूह पर विकसित एक युद्ध कला है। युक्यू द्वीप अब ओकिनावा जापान में है। इसे देशी युद्ध पद्धति के रूप में विकसित किया गया था जिसे चीनी केम्पो कहा जाता है। 1372 में चूजेन के सट्टो किंग द्वारा चीन के मिंग साम्राज्य के साथ व्यापार सम्बन्ध स्थापित हुआ। चीन लोगों के द्वारा युक्यु में चीनी मार्शल आर्ट का आरम्भ हुआ। धीरे धीरे इस कला की लोकप्रियता बढ़ती गयी और यह आधुनिक कराटे में परिवर्तित होता गया। हॉलीवुड फिल्मों ने कराटे को जन जन में लोकप्रिय बनाने में काफी योगदान दिया है।
कराटे की कई महत्वपूर्ण शैलियां हैं जिनमे से शोटोकन यू , शीटों यू ,गोजू यू , वाडो यू आदि काफी लोकप्रिय हैं।
जूडो और कराटे में क्या अंतर है
- जूडो जहाँ एक नरम मार्शल आर्ट है वहीँ कराटे एक कठिन मार्शल आर्ट है।
- जूडो में प्रतिद्वंदी को गिराने, गला घोंटने और प्रतिद्वंदी को समर्पण पर मजबूर कर दिया जाता है वहीँ कराटे में हाथो, पैरों, कुहनियों आदि के प्रयोग से प्रतिद्वंदी पर वार किया जाता है और उसपर हावी हुआ जाता है।
- जूडो कुश्ती की तरह की शैली है वहीँ कराटे मुक्केबाज़ी की तरह का मार्शल आर्ट है।
- जूडो एक रक्षात्मक मार्शल आर्ट है वहीँ कराटे आक्रामक और मारक मार्शल आर्ट है।
- जूडो के खेल में प्रतिद्वंदी को फेंकने और पटकने पर पॉइंट्स मिलते हैं वहीँ कराटे में किक और पंचिंग पर पॉइंट्स मिलते हैं।
इस प्रकार हम देखते हैं कि जूडो और कराटे दोनों ही जापान से विकसित आत्मरक्षा की कलाएं हैं जो आज पुरे विश्व में लोकप्रिय हो चुकी हैं। जूडो और कराटे व्यक्ति को अनुशासित, मजबूत और चरित्रवान के उद्द्येश्य से रचित कलाएं हैं जो दुश्मनों से उसकी रक्षा करने में उसे सक्षम बनाती हैं।
1 टिप्पणियाँ
Bahut achha massage hai
जवाब देंहटाएं