CID और CBI में क्या अंतर है
भारत में विभिन्न अपराधों जैसे हत्या, अपहरण, डकैती, दंगा, घूसखोरी, भ्रष्टाचार, घोटाले आदि की जांच के लिए राज्य सरकारों के साथ साथ केंद्र सरकार की अपनी जांच एजेंसियां होती हैं। ये जांच एजेन्सियां अपने काम में काफी माहिर और तेज तर्रार होती हैं। भारत में राज्य सरकारों के पास अपनी अपनी सीआईडी होती है वहीँ केंद्र सरकार की अपनी जांच एजेंसी सीबीआई होती है। सीआईडी और सीबीआई हालाँकि दोनों ही जांच एजेंसियां हैं किन्तु दोनों के कार्य क्षेत्र, अधिकार आदि में कई अंतर होता है। आज के इस पोस्ट में हम सीआईडी और सीबीआई के बारे में विस्तार से जानेंगे और साथ ही यह भी जानेगे सीआईडी और सीबीआई में क्या अंतर है ?
CID क्या है
भारत में लगभग सभी राज्यों की अपनी पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां होती हैं। इन जांच एजेंसियों में सबसे पहले नाम आता है सीआईडी का। सीआईडी राज्य के अंदर घटित होने वाली आपराधिक घटनाओं की जांच करती है। इन आपराधिक घटनाओं में हत्या, दंगा, अपहरण, लूट, चोरी आदि की घटनाएं शामिल हैं। सीआईडी वास्तव में राज्य पुलिस की ही एक शाखा के रूप में काम करती है।
CID का फुलफॉर्म क्या है
CID की स्थापना कब हुई थी
CID की शाखाएं
CBI केवल उन्ही अपराधों की जांच करता है जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित हो। CBI को किसी केस को हाथ में लेने के पहले केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है। CBI तीन परिस्थितियों में किसी केस को अपने हाथ में ले सकती है पहला राज्य सरकार जांच के लिए आग्रह करे, दूसरा राज्य सरकार सहमति दे या फिर सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट CBI जांच का आदेश दे। किन्तु हर परिस्थिति में जांच के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है।
CBI का फुलफॉर्म क्या होता है
CBI भारत की सर्वोच्च और प्रतिष्ठित जांच एजेन्सी है। भारत के कई चर्चित घोटालों और हत्याओं की जांच में इस संस्था ने अग्रणी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1987 में CBI को बेहतर और कुशल संचालन हेतु निम्न भागों बांटा गया एंटी करप्शन डिवीज़न, स्पेशल क्राइम्स डिवीज़न, आर्थिक अपराध शाखा, नीति और अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग प्रभाग, प्रशासनिक विभाग, सेन्ट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी डिवीज़न और अभियोजन निदेशालय।
CBI को घोटालों, भ्रष्टाचार के साथ साथ हत्या और अपहरण जैसे केस को भी सौंपा जा सकता है। कई बार किसी हत्या के मामले में भी जिसे राज्य पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है या जानबूझ कर लापरवाही बरत रही हो CBI को सौंपा जा सकता है।
CID और CBI में क्या अंतर है
इस प्रकार सीआईडी और सीबीआई दोनों जांच एजेंसी होते हुए भी अपनी स्थापना, कार्य क्षेत्र, अधिकार आदि कई मामलों एक दूसरे काफी अलग हैं। सीआईडी के मुकाबले सीबीआई का स्वरुप, कार्य क्षेत्र और अधिकार काफी व्यापक और ज्यादा होता है।
CID का फुलफॉर्म क्या है
CID की स्थापना कब हुई थी
सीआईडी का फुलफॉर्म क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट होता है। यह राज्य के अंदर होने वाले अपराधों की जाँच के लिए जिम्मेदार होता है। ब्रिटिश शासन के दौरान काफी समय से ब्रिटिश पुलिस को एक अलग से जांच एजेंसी की आवश्यकता महसूस हो रही थी जो आपराधिक घटनाओं की तथ्यपरक, गहन और परिणामपरक जांच कर सके। सीआईडी की स्थापना ब्रिटिश राज के दौरान सन 1902 में इसी उद्द्येश्य को देखते हुए की गयी थी। इसकी स्थापना पुलिस कमीशन की सिफारिश पर की गयी थी। पूनः 1929 में CID को दो भागों में बांटा गया स्पेशल ब्रांच और क्राइम ब्रांच।
CID की शाखाएं
CID का कार्य क्षेत्र राज्य विशेष तक सीमित होता है। यह राज्य सरकार के निर्देश,उस राज्य के इंस्पेक्टर जनरल के आदेश पर या उस राज्य के उच्च न्यायलय के आदेश पर किसी आपराधिक घटना की जांच करती है। CID वास्तव में राज्य पुलिस की सहयोगी जांच एजेंसी के तौर पर कार्य करती है। CID की कई शाखाएं होती हैं। यह अलग अलग राज्यों अलग अलग हो सकती है। CID की मुख्य शाखाएं निम्नलिखित हैं
क्राइम ब्रांच CID
एंटी ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग एंड मिसिंग पर्सन सेल
एंटी नारकोटिक्स सेल
फिंगर प्रिंट ब्यूरो
एंटी टेररिज्म सेल
स्पेशल ब्रांच CID
CID राज्य में घटित आपराधिक घटनाओं की जांच करने के साथ साथ किसी संभावित अपराध, दंगा, षड्यंत्र आदि सुचना एकत्र कर राज्य पुलिस को सावधान करने का कार्य करती है। CID के सभी ब्रांच के कार्य निर्धारित हैं और आपसी समन्वय और तालमेल के साथ वह अपने कार्य को अंजाम देती है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो या CBI
क्राइम ब्रांच CID
एंटी ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग एंड मिसिंग पर्सन सेल
एंटी नारकोटिक्स सेल
फिंगर प्रिंट ब्यूरो
एंटी टेररिज्म सेल
स्पेशल ब्रांच CID
CID राज्य में घटित आपराधिक घटनाओं की जांच करने के साथ साथ किसी संभावित अपराध, दंगा, षड्यंत्र आदि सुचना एकत्र कर राज्य पुलिस को सावधान करने का कार्य करती है। CID के सभी ब्रांच के कार्य निर्धारित हैं और आपसी समन्वय और तालमेल के साथ वह अपने कार्य को अंजाम देती है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो या CBI
सीबीआई जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो भी कहा जाता है, भारत सरकार की एक जांच एजेंसी है जो आपराधिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच करती है। इन मामलों में घोटाले, भ्रष्टाचार, हत्या तथा अन्य राष्ट्रीय हितों से जुड़े मामले हो सकते हैं। सीबीआई राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले अपराधों और घोटालों की जांच करती है। यह भारत सरकार की प्रमुख जांच एजेंसी मानी जाती है। CBI भारत में इंटरपोल की अधिकृत इकाई के रूप में काम करती है।
CBI किसी केस को अपने हाथ में कब लेती है
CBI किसी केस को अपने हाथ में कब लेती है
CBI केवल उन्ही अपराधों की जांच करता है जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित हो। CBI को किसी केस को हाथ में लेने के पहले केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है। CBI तीन परिस्थितियों में किसी केस को अपने हाथ में ले सकती है पहला राज्य सरकार जांच के लिए आग्रह करे, दूसरा राज्य सरकार सहमति दे या फिर सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट CBI जांच का आदेश दे। किन्तु हर परिस्थिति में जांच के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है।
CBI का फुलफॉर्म क्या होता है
CBI का फुलफॉर्म Central Bureau of Investigation होता है इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के नाम से भी जाना जाता है। CBI कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधीन कार्य करती है। इसके अधिकार और कार्य दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापन अधिनियम 1946 के तहत परिभाषित हैं। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
CBI की स्थापना कब हुई थी
CBI की स्थापना कब हुई थी
CBI का जन्म 1941 में स्थापित विशेष पुलिस प्रतिष्ठान से माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय युद्ध और आपूर्ति विभाग में घूसखोरी और भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आये। इन मामलों की जांच के लिए भारत सरकार ने 1941 में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का गठन किया। विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भी केंद्रीय कर्मचारियों के भ्रष्टाचार और घूसखोरी की जांच करने के लिए एक जांच एजेन्सी की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसी कमी को पूरा करने के लिए 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम लागू किया गया। इस अधिनियम के बाद विशेष पुलिस प्रतिष्ठान का अधीक्षण केंद्रीय गृह विभाग के अंतर्गत हो गया और भारत सरकार के सभी विभागों को इसके दायरे में लाया गया। 1/4/1963 को इसका नाम बदल कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो अर्थात सीबीआई कर दिया गया। धीरे धीरे इसके कार्यक्षेत्र का विस्तार करके सभी सार्वजानिक उपक्रमों के कर्मचारियों को इसके अधीन लाया गया। इसके साथ ही इसका क्षेत्राधिकार सभी राज्यों समेत सभी केंद्रशासित क्षेत्रों तक कर दिया गया।
CBI भारत की सर्वोच्च और प्रतिष्ठित जांच एजेन्सी है। भारत के कई चर्चित घोटालों और हत्याओं की जांच में इस संस्था ने अग्रणी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1987 में CBI को बेहतर और कुशल संचालन हेतु निम्न भागों बांटा गया एंटी करप्शन डिवीज़न, स्पेशल क्राइम्स डिवीज़न, आर्थिक अपराध शाखा, नीति और अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग प्रभाग, प्रशासनिक विभाग, सेन्ट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी डिवीज़न और अभियोजन निदेशालय।
CBI को घोटालों, भ्रष्टाचार के साथ साथ हत्या और अपहरण जैसे केस को भी सौंपा जा सकता है। कई बार किसी हत्या के मामले में भी जिसे राज्य पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है या जानबूझ कर लापरवाही बरत रही हो CBI को सौंपा जा सकता है।
CID और CBI में क्या अंतर है
- सीआईडी राज्य सरकार की जांच एजेंसी होती है जबकि सीबीआई केंद्र सरकार की जांच एजेंसी है।
- सीआईडी का कार्य क्षेत्र सम्बंधित राज्य होता है अर्थात सीआईडी केवल अपने प्रदेश के मामलों की जांच कर सकती है वहीँ सीबीआई का कार्य देश के सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साथ विदेश भी हो सकता है।
- सीआईडी को राज्य सरकार या हाई कोर्ट द्वारा किसी मामले की जांच का आदेश दिया जाता है वहीँ सीबीआई केंद्र सरकार, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या फिर राज्य सरकार के आग्रह पर मामले की जांच करती है।
- सीआईडी की स्थापना राज्य पुलिस की एक सहायक जांच एजेंसी के तौर पर ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1902 में की गयी थी वहीँ सीबीआई की स्थापना विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध में आपूर्ति विभाग में हुए भ्रष्टाचार की जाँच के लिए हुई थी। 1963 में इसका नामकरण सीबीआई किया गया।
- सीआईडी अपने प्रदेश में होने वाले दंगा, अपहरण, लूट, चोरी, हत्या या किसी अन्य आपराधिक मामलों की जांच करती है जबकि सीबीआई देश में होने वाले भ्रष्टाचार, घोटाले, हत्या आदि मामलों की जांच देश के अंदर और जरुरत पड़ने पर देश के बाहर भी जांच करती है।
- सीआईडी ज्वाइन करने के लिए किसी उम्मीदवार को राज्य पुलिस परीक्षा में पास करने के उपरांत क्रिमिनोलॉजी की परीक्षा पास करनी होती है वहीँ सीबीआई में भर्ती होने के लिए एसएससी द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।
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Conclusion
इस प्रकार सीआईडी और सीबीआई दोनों जांच एजेंसी होते हुए भी अपनी स्थापना, कार्य क्षेत्र, अधिकार आदि कई मामलों एक दूसरे काफी अलग हैं। सीआईडी के मुकाबले सीबीआई का स्वरुप, कार्य क्षेत्र और अधिकार काफी व्यापक और ज्यादा होता है।
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