धमनी और शिरा में क्या अंतर है
सभी कशेरुकी जंतुओं में शरीर की प्रत्येक कोशिका तक ऑक्सीजन तथा अन्य पोषक अवयव पहुंचाने तथा उन कोशिकाओं से मुक्त कार्बनडाइऑक्साइड एवं अन्य वेस्ट प्रोडक्ट को सम्बंधित अंगों तक पहुंचाने का कार्य रक्त परिसंचरण तंत्र यानि सर्कुलेटरी सिस्टम के द्वारा किया जाता है। सर्कुलेटरी सिस्टम में ये सारे अवयव रक्त के माध्यम से पुरे शरीर में भ्रमण करते हैं। रक्त के परिसंचरण के लिए पुरे शरीर में रक्त नलिकाओं का एक जाल बिछा होता है। रक्त परिसंचरण तंत्र में मुख्य रूप से दो तरह की रक्त नलिकाएं होती हैं एक ह्रदय से शुद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में पहुंचाने का कार्य करती है तो दूसरी अशुद्ध रक्त या वर्ज्य पदार्थयुक्त रक्त को वापस लाने का कार्य करती है। शुद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में पहुंचाने का कार्य करने वाली नलिकाओं को धमनी या आर्टरीज कहते हैं तथा अशुद्ध रक्त को वापस लाने का कार्य करने वाली रक्त नलिकाओं को शिरा या वैन्स कहते हैं।
artery,capillary and vein |
धमनी या आर्टरीज क्या है
धमनी या आर्टरीज ऐसी रक्त नलिकाएं होती हैं जो ह्रदय से रक्त को शरीर के अन्य हिस्सों में ले जाती हैं। धमनियां ह्रदय से शुद्ध रक्त अर्थात ऑक्सीजनयुक्त रक्त का परिवहन करती हैं और इन्हें शरीर के सभी हिस्सों में ले जाती हैं। इसके साथ ही धमनियों के द्वारा पुरे शरीर में आवश्यक पोषक तत्व तथा अन्य अवयवों का भी परिवहन होता है। धमनी या आर्टरीज शरीर के ब्लड सर्क्युलेटरी सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग होते हैं।
धमनी की संरचना
धमनियां प्रायः लाल रंग दिखती हैं। ये शरीर में काफी गहराई में पायी जाती हैं। धमनियों की दीवारें मजबूत और सख्त होती हैं। इनके अंदर रक्त का दबाव या प्रेशर बहुत होता है। एक स्वस्थ मनुष्य में यह 120 प्रति मिलीग्राम होता है।धमनियों की दीवारें काफी लचीली और शिरा की तुलना में पतली होती हैं। धमनियों के अंदर का भाग जिसे ल्यूमेन कहा जाता है ,काफी संकरा होता है। धमनिओं के अंदर वाल्व प्रायः नहीं पाए जाते हैं। धमनियों की दीवारें तीन तरह के टिशूज से बनी होती हैं। सबसे बाहरी परत Tunica Adventitia मध्यम परत Tunica Media तथा सबसे अंदर की परत Tunica Intima कहलाती है। शिरा की अपेक्षा धमनियों में सबसे बाहरी परत कम विकसित, मध्यम परत ज्यादा मोटी और मांसल होती हैं। Tunica intima में एंडोथेलिअल सेल्स अपेक्षाकृत ज्यादा लम्बी होती हैं।
धमनी के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं
इलास्टिक आर्टरीज : ये लचीली धमनियां होती हैं और इनकी मिडिल लेयर काफी मोटी होती हैं। इस तरह की धमनियां हर ह्रदय स्पंदन की प्रतिक्रिया में एक बार फैलती हैं।
मस्कुलर आर्टरीज : यह मध्यम आकार की धमनी होती है। यह इलास्टिक धमनी से रक्त को ग्रहण करती है।
आर्टेरियोल्स : ये सबसे छोटी आर्टरीज होती हैं। ये एकदम महीन महीन रक्त केशिकाओं में बँटी होती हैं। इनका कार्य रक्त को कोशिकाओं तक पहुँचाना होता है।
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धमनी के कार्य
धमनी का मुख्य कार्य रक्त को हृदय से लेकर पुरे शरीर में पहुँचाना होता है। इस क्रम में वे ऑक्सीजनयुक्त रक्त यानि शुद्ध रक्त का परिवहन करती हैं और इस तरह से वे शरीर की प्रत्येक कोशिका तक ऑक्सीजन की आपूर्ति का माध्यम बनती हैं। शरीर की सारी धमनियों का यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है किन्तु इसका एक अपवाद है फुस्फुस यानि पल्मोनरी धमनी जो ह्रदय को फेफड़ों से जोड़ती है, अन्य धमनियों के विपरीत ह्रदय से अशुद्ध रक्त यानि कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को फेफड़ों तक पहुँचाती है। फुस्फुस धमनी के ऐसा करने की वजह है और वह यह कि ह्रदय रक्त को इस धमनी के माध्यम से फेफड़े में कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त करने तथा नया ऑक्सीजन ग्रहण करने भेजता है।
धमनी के अन्य कार्यों में पुरे शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति करना तथा ब्लड के pH को मेन्टेनेंस करना भी होता है। साथ ही ये प्रोटीन इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं के परिसंचरण का कार्य के लिए भी जिम्मेदार हैं।
शिरा या वेन्स क्या हैं
वेन्स या शिरा रक्त परिसंचरण तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो पुरे शरीर में रक्त के ट्रांसपोर्टेशन अपनी भूमिका निभाते हैं। शिरा एक आंशिक रूप से पारदर्शी, देखने में नीली , पतली दीवारों वाली नलिकाकार संरचना होती है जो पुरे शरीर में पायी जाती है। शिराएं पुरे शरीर से अशुद्ध रक्त यानि ऑक्सीजन रहित और कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त तथा अन्य वर्ज्य पदार्थों को ह्रदय तक लाने का कार्य करती हैं। शिरा शरीर में प्रायः कम गहराई वाले हिस्से में यानि त्वचा के करीब स्थित होती और इन्हे शरीर के ऊपर से भी महसूस किया जा सकता है।
शिरा शरीर में प्रायः त्वचा के समीप कम गहराई वाले क्षेत्रों में पायी जाती है। शिरा ऊपर से देखने पर नीले रंग की मालूम पड़ती है। ऐसा उसमे अशुद्ध रक्त होने की वजह से दीखता है। शिरा में रक्त की गति और दबाव काफी कम होता है। शरीर में सबसे बड़ी शिरा vena cava कहलाती है। इसके दो भाग होते हैं superior vena cava और inferior vena cava . दिमाग, छाती, गर्दन तथा शरीर के ऊपरी हिस्से से रक्त superior vena cava द्वारा आता है वहीँ शरीर के निचले भाग से रक्त ह्रदय में inferior vena cava द्वारा आता है। शरीर की सबसे छोटी शिरा venules कहलाती है। शिराओं के अंदर भाग को lumen कहा जाता है। शिराओं के अंदर जगह जगह वाल्व पाए जाते हैं जो रक्त को वापस नहीं जाने देते हैं।
Tunica externa : यह सबसे बाहरी परत होती है साथ ही सबसे मोटी भी। यह कनेक्टिव उत्तकों से बनी होती हैं। इस लेयर पर नन्ही नन्ही रक्त वाहिकाएं पायी जाती हैं जिन्हें vasa vasorum कहा जाता है।
Tunica media : यह मध्यम परत है। यह अपेक्षाकृत पतली परत है जिसमे बड़ी मात्रा में collagen पाए जाते हैं।
Tunica intima : यह सबसे अंदर वाली परत होती है। इसकी दीवारें endothelium कोशिकाओं और कनेक्टिव उत्तक से बनी होती हैं। इनकी दीवारों पर कई जगह खासकर हाथ और पैरों की शिराओं में कई वाल्व पाए जाते हैं। ये रक्त को वापस होने से रोकते हैं।
शिरा या वेन्स के प्रकार
पल्मोनरी वेन्स : यह शिरा ह्रदय को फेफड़े से जोड़ती है और फेफड़ों से ऑक्सीजनयुक्त रक्त को ह्रदय तक ले आती है।
सिस्टमिक वेन्स : इस तरह की शिराएं पुरे शरीर में स्थित होती हैं और ऑक्सीजन रहित रक्त को ह्रदय तक ले जाती हैं।
सिस्टमिक वेन्स तीन तरह की होती हैं
डीप वेन्स : इस तरह की शिराएं मांसपेशियों के भीतर गहराई में हड्डियों के समीप होती है। इन शिराओं की सबसे भीतरी परत में वाल्व होते हैं जो रक्त को एक ही दिशा में जाने देते हैं।
सुपरफिशल वेन्स : ये शिराएं शरीर के ऊपरी भाग में त्वचा के पास स्थित होती हैं। इन शिराओं में वाल्व बने होते हैं जो रक्त को वापस जाने से रोकते हैं।
कनेक्टिंग वेन्स : सुपरफेशिअल वेन्स से अकसर कई अन्य वेन्स निकली होती हैं जो उन्हें डीप वेन्स से जोड़ती हैं। इन शिराओं को कनेक्टिंग वेन्स कहा जाता है।
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शिरा के कार्य
शिरा शरीर की सभी कोशिकाओं से मुक्त कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य वर्ज्य पदार्थों का परिवहन करती है। यह इन पदार्थों से युक्त रक्त को ह्रदय तक ले जाती है। शरीर की सारी शिराओं का यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है किन्तु इसका एक अपवाद है। पल्मोनरी शिरा फेफड़ों से अन्य शिराओं के विपरीत शुद्ध यानि ऑक्सीजनयुक्त रक्त का परिवहन ह्रदय तक करती है।धमनी और शिरा में क्या अंतर है
- ऐसी रक्त नलिकाएं जो ह्रदय से रक्त को पुरे शरीर में ले जाती है, धमनी कहलाती हैं जबकि वे रक्त नलिकाएं जो पुरे शरीर से रक्त को ह्रदय में वापस ले आती हैं, शिरा कहलाती हैं।
- धमनी ह्रदय से ऑक्सीजनयुक्त रक्त को पुरे शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाती है अपवाद पल्मोनरी धमनी वहीँ शिरा पुरे शरीर से अशुद्ध यानि ऑक्सीजनरहित रक्त को वापस ह्रदय तक ले आती है। इसमें भी एक अपवाद है पल्मोनरी शिरा जो शुद्ध रक्त को ह्रदय तक ले जाती है।
- ऑक्सीजन युक्त रक्त परिवहन करने से धमनियां लाल रंग की दीखती हैं जबकि शिराएं नीले रंग की दीखती हैं। ऐसा ऑक्सीजन की कमी तथा अन्य वर्ज्य पदार्थों की उपस्थित की वजह से होता है।
- धमनी शरीर में गहराई में स्थित होती है जबकि शिरा प्रायः त्वचा के समीप पायी जाती है।
- धमनी में बहने वाले रक्त में ऑक्सीजन का स्तर उच्च तथा कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर निम्न होता है इसके विपरीत शिरा में ऑक्सीजन न्यूनत्तम तथा कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर उच्त्तम होता है।
- धमनी में ल्यूमेन संकरा होता है जबकि शिरा में ल्यूमेन चौड़ा होता है।
- धमनी में वाल्व प्रायः नहीं होता है वहीँ शिरा में कई वाल्व पाए जाते हैं जो रक्त को वापस नहीं जाने देते।
- धमनी रक्त का वॉल्यूम कम होता है करीब 15 % वहीँ शिरा में रक्त का वॉल्यूम ज्यादा होता है करीब 65 %
- धमनी में ह्रदय की पम्पिंग की वजह से रक्त का दबाव तथा गति तीव्र होती है वहीँ शिरा में रक्त का दबाव और गति बहुत कम होती है।
- धमनी की दीवारें तीन परतों की बनी होती हैं इसमें बीच वाली परत सबसे मोटी होती है। शिरा की दीवारे भी तीन परतों की होती हैं किन्तु इसमें सबसे बाहरी परत मोटी होती है।
- धमनी ज्यादा मजबूत, सख्त और लचीली होती है किन्तु शिरा अपेक्षाकृत कम मजबूत और कम लचीली होती है।
- रक्त प्रवाह बंद होने पर धमनी सिकुड़ती नहीं है किन्तु शिरा रक्त प्रवाह बंद होने पर कोलैप्स हो जाएगी।
- मृत्यु के समय धमनी में रक्त खाली हो जाएगा किन्तु शिरा में रक्त भर जायेगा।
धमनी |
शिरा |
ऐसी रक्त नलिकाएं जो ह्रदय से रक्त को पुरे शरीर में ले जाती है, धमनी कहलाती हैं |
वे रक्त नलिकाएं जो पुरे शरीर से रक्त को ह्रदय में वापस ले आती हैं, शिरा कहलाती हैं। |
धमनी ह्रदय से ऑक्सीजनयुक्त रक्त को पुरे शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाती है अपवाद पल्मोनरी धमनी |
शिरा पुरे शरीर से अशुद्ध यानि ऑक्सीजनरहित रक्त को वापस ह्रदय तक ले आती है। इसमें भी एक अपवाद है पल्मोनरी शिरा जो शुद्ध रक्त को ह्रदय तक ले जाती है। |
ऑक्सीजन युक्त रक्त परिवहन करने से धमनियां लाल रंग की दीखती हैं |
शिराएं नीले रंग की दीखती हैं। |
धमनी शरीर में गहराई में स्थित होती है |
शिरा प्रायः त्वचा के समीप पायी जाती है। |
धमनी में बहने वाले रक्त में ऑक्सीजन का स्तर उच्च तथा कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर निम्न होता है |
शिरा में ऑक्सीजन न्यूनत्तम तथा कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर उच्त्तम होता है। |
धमनी में वाल्व प्रायः नहीं होता है |
शिरा में कई वाल्व पाए जाते हैं जो रक्त को वापस नहीं जाने देते। |
धमनी में ह्रदय की पम्पिंग की वजह से रक्त का दबाव तथा गति तीव्र होती है |
शिरा में रक्त का दबाव और गति बहुत कम होती है। |
धमनी की दीवारें तीन परतों की बनी होती हैं इसमें बीच वाली परत सबसे मोटी होती है। |
शिरा की दीवारे भी तीन परतों की होती हैं किन्तु इसमें सबसे बाहरी परत मोटी होती है। |
धमनी ज्यादा मजबूत, सख्त और लचीली होती है |
शिरा अपेक्षाकृत कम मजबूत और कम लचीली होती है। |
धमनी में ल्यूमेन संकरा होता है |
शिरा में ल्यूमेन चौड़ा होता है। |
धमनी और शिरा दोनों ही रक्त परिसंचरण तंत्र के महत्वपूर्ण भाग हैं। दोनों ही रक्त वाहिकाओं का मूल कार्य यद्यपि रक्त परिवहन है तो भी दोनों रक्त परिवहन में अपनी अलग अलग भूमिका निभाती हैं। धमनी जहाँ ह्रदय से शुद्ध ऑक्सीजन युक्त रक्त को पुरे शरीर में ले जाने का कार्य करती है वहीँ शिरा पुरे शरीर से अशुद्ध रक्त यानि ऑक्सीजन रहित रक्त को वापस ह्रदय तक लाती है।
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