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मेंडेलीव की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में क्या अंतर है

मेंडेलीव की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में क्या अंतर  है 

प्राचीन काल से ही रासायनिक तत्वों के अध्ययन को सरल और व्यवस्थित करने के प्रयास होते रहे हैं। तत्वों को उनके समान गुण धर्म के आधार पर व्यवस्थित करने के कई प्रयास किये गए। 18 शताब्दी में लावासिये का इसी क्रम धातु एवं अधातुओं का अलग अलग वर्गीकरण इस दिशा में पहला प्रयास माना जा सकता है। फिर जर्मन वैज्ञानिक जॉन डोबरेनॉर का त्रिक तत्वों का समूह हो या फिर नूलैंड्स का अष्टक नियम हो, सभी आधुनिक आवर्त सारणी के निर्माण के अलग अलग चरण माने जा सकते हैं। इसी क्रम में मेंडेलीव की आवर्त सारणी आयी जो कि इस दिशा में मील का पत्थर साबित हुई। हालाँकि कालांतर में इसमें भी कई सुधार किये गए और फिर आया आवर्त सारणी का दीर्घ रूप जिसे आधुनिक आवर्त सारणी भी कहते हैं। इस आवर्त सारणी ने रासायनिक तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुणों के अध्ययन में काफी सहूलियतें प्रदान की। आज के इस पोस्ट में हम 
मेंडेलीव और आधुनिक आवर्त सारणी के बीच के अंतर को जानेंगे साथ ही दोनों ही आवर्त सारणियों के गुण और दोषों का विस्तृत अध्ययन करेंगे।

मेंडेलीव की आवर्त सारणी 


1869 में रूस के रसायनशास्त्री मेंडलीफ ने तत्वों के वर्गीकरण करने का प्रयास किया और तत्वों की एक आवर्त सारणी तैयार की। इस सारणी को मेंडलीफ की आवर्त सारणी कहा जाता है।

मेंडलीफ ने अपने अध्ययन में पाया कि तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्तफलन होते हैं। यानि तत्वों को यदि उनके परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम में रखा जाय तो एक निश्चित अवधि के बाद उसी तत्व के समान गुण वाले तत्व का क्रम आता है। मेंडलीफ ने तत्वों के इस के इस आवर्ती गुण को आधार मानकर उनके बढ़ते हुए परमाणु भारों के आधार पर तत्वों की एक आवर्त सारणी तैयार की। मेंडलीफ ने तत्वों के इस गुण के आधार पर अपनी सारणी में आठ वर्ग बनाये। आठवें वर्ग के बाद आने वाला तत्व पहले वर्ग के तत्व के गुण के सदृश गुण रखता था और इसे पहले वर्ग नीचे नयी क्षैतिज लाइन में रखा। मेंडलीफ ने इन क्षैतिज कतारों को आवर्त और ऊर्ध्वाधर स्तम्भ को वर्ग कहा।

मेंडलीफ के समय केवल 63 तत्वों की खोज की जा चुकी थी। अतः इस आवर्त सारणी में उन 63 तत्वों को स्थान दिया गया था। मेंडलीफ की आवर्त सारणी में कई स्थान रिक्त छोड़े गए थे। ये रिक्त स्थान भविष्य में खोजे जाने वाले तत्वों के लिए रखे गए थे।

mendeleev periodic table
मेंडेलीव की आवर्त सरणी 



मेंडेलीव की आवर्त सारणी के दोष या कमियां

यद्यपि मेंडलीफ की आवर्त सारणी तत्वों के अध्ययन में काफी सहायक साबित हुई तो भी यह सारणी भी दोषों से मुक्त नहीं थी। मेंडलीफ की सारणी में कई विसंगतियां पायी जाती हैं

  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी समस्थानिकों के स्थान के बारे में मौन है। एक ही तत्व के विभिन्न समस्थानिकों के जिनके परमाणु भार अलग अलग होते हैं उनके लिए इस सारणी में कोई स्थान नहीं दिया गया है।

  • कुछ तत्वों को अधिक परमाणु भार होने के बावजूद कम परमाणु भार वाले तत्वों के पहले रखा गया है। उदहारण के लिए आर्गन(परमाणु द्रव्यमान 40 ) को पोटाशियम(परमाणु द्रव्यमान 39 ) के पहले रखा जाना, कोबाल्ट(58.9) को निकिल (58.6)के पहले रखा जाना।

  • कुछ समान गुण वाले तत्वों का अलग अलग स्थान पर रखा जाना तथा असमान गुण तत्वों का एक साथ रखा जाना जैसे कॉपर, सिल्वर, गोल्ड को क्षारीय धातुओं के अनुदिश वर्ग में रखा जाना।

  • लेंथेनाइड और ऐक्टिनाइड तत्वों का सामान्य तत्वों के साथ रखा जाना।

मेंडेलीफ़ आवर्त सारणी के गुण

  • मेंडेलीफ़ ने अपनी आवर्त सारणी में भविष्य में खोजे जाने वाले कई तत्वों के लिए रिक्त स्थान छोड़े थे। उन तत्वों के आवर्त सारणी में स्थान के आधार पर उन्होंने उनके गुणों की भविष्वाणी भी कर दी थी। बाद में खोजे गए तत्वों को उनके परमाणु भारों के अनुसार बिना किसी अन्य तत्व के स्थान को छेड़े, आसानी से रखा जा सका और उनके गुण भी लगभग वैसे ही थे जैसी मेंडलीफ ने भविष्यवाणी की। थी।

  • इस आवर्त सारणी के आधार पर कई तत्वों के परमाणु भारों में त्रुटि को दूर किया गया। उदहारण के लिए यूरेनियम के परमाणु भार को संशोधित करके 120 से 240 किया गया। 


आधुनिक आवर्त सारणी क्या है 


समय के साथ साथ मेंडलीफ की आवर्त सारणी में सुधार की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। इसी क्रम में कई अन्य लोगों ने इस ओर प्रयास किया और मेंडलीफ की सारणी में कई सुधार किये जिसमे एक नए वर्ग शून्य का जोड़ा जाना जिसमे निष्क्रिय गैसों को रखा गया है आदि हैं। सारणी के विकास में राग,वर्नर, बोहर, बरी आदि वैज्ञानिकों ने अपना योगदान दिया और जिसका परिणाम आधुनिक आवर्त सारणी के रूप में हमारे सामने है। इस की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप का विकास किया। सन 1952 में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri ) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था।

आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों को उनके समान रासायनिक और भौतिक गुणों को एक सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। इस आवर्त सारणी में तत्वों के स्थान का आधार उनका परमाणु क्रमांक है। तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक क्रम में सजाये गए हैं। इस आवर्त सारणी में सात क्षैतिज कतारे हैं जिन्हे आवर्त कहा जाता है। इस सारणी में 18 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ हैं जिन्हें वर्ग कहा जाता है। इस आवर्त सारणी में सभी ज्ञात 118 तत्वों को स्थान मिला है। इसमें लेंथिनाइड और ऐक्टिनाइड तत्वों को अलग से स्थान दिया गया है। 

पीरियाडिक टेबल 




आधुनिक आवर्त सारणी की विशेषताएं


  • आधुनिक आवर्त सारणी एक विस्तृत और पूर्ण आवर्त सारणी है जिसमे तत्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते क्रम सजाया गया है।

  • इस आवर्त सारणी में 18 वर्ग तथा 7 आवर्त हैं। प्रथम आवर्त सबसे छोटा आवर्त है जिसमे केवल दो तत्व है वहीँ दूसरे और तीसरे आवर्त में आठ आठ सदस्य हैं। इन्हें लघु आवर्त कहा जाता है। चौथे और पांचवे आवर्त में 18 -18 तत्व हैं। इन्हें दीर्घ आवर्त के नाम से जाना जाता है। छठे और सातवें आवर्तों को अति दीर्घ आवर्त कहा जाता है। इनमे 32 -32 तत्व रखे गए हैं। सातवें आवर्त में भविष्य में खोजे जाने वाले तत्वों के लिए रिक्त स्थान छोड़े गए हैं।

  • किसी भी वर्ग के तत्वों के परमाणुओं की बाहरी कक्षा में उपस्थित एलेक्ट्रॉनों की संख्या यानि संयोजक इलेक्ट्रान समान होते हैं।

  • तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में सबसे बाहरी कक्षा के आधार पर इस आवर्त सारणी को चार खण्डों बांटा गया है s ब्लॉक p ब्लॉक d ब्लॉक और f ब्लॉक। पहले और दूसरे वर्ग को s ब्लॉक, वर्ग 13 से 18 को p ब्लॉक वर्ग 3 से 12 तक d ब्लॉक तथा लैंथेनाइड और ऐक्टिनाइड तत्वों को f ब्लॉक कहा जाता है।

  • छठे आवर्त के तीसरे वर्ग में परमाणु क्रमांक 57 से 71 तक के तत्व हैं। इन्हें 'लैन्थेनाइड' कहते हैं।सातवें आवर्त के तीसरे वर्ग में परमाणु क्रमांक 89 से103 वाले तत्त्व हैं। इन्हें ऐक्टिनाइड (actinides) कहते हैं।

आधुनिक आवर्त सारणी के दोष या कमियां


  • आधुनिक आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान संतोषप्रद नहीं है। हाइड्रोजन को अल्कली धातुओं के साथ स्थान दिया गया है जबकि हाइड्रोजन विद्युत् धनात्मक अल्कली धातु और विद्युत् ऋणात्मक अधातु हैलोजन दोनों के समान गुण प्रदर्शित करता है।

  • समान गुणों वाले तत्वों का अलग अलग स्थानों पर रखा जाना। उदहारण के लिए बेरियम, लेड, मरकरी और कॉपर को अलग अलग स्थानों पर रखा गया है।




मेंडेलीव की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में क्या अंतर  है 





  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी तत्वों के परमाणु भार पर आधारित है जबकि आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के परमाणु क्रमांक पर आधारित है।

  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी में 66 तत्वों को स्थान दिया गया था जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में 118 तत्व शामिल हैं।

  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी में नोबल गैसों के लिए कोई स्थान नहीं था। इसका कारण यह था कि उस समय तक इन गैसों की खोज नहीं हुई थी। आधुनिक आवर्त सारणी में इन गैसों के लिए अलग से एक ग्रुप बनाया गया है जिसे ग्रुप 18 कहते हैं।

  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी में ट्रांजीशन या संक्रमण तत्वों को अन्य तत्वों के साथ साथ रखा गया है जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में ट्रांजीशन तत्वों को एक अलग स्थान दिया गया है।

  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी समस्थानिकों के स्थान के विषय में स्पष्ट नहीं है। इस सारणी के अनुसार आइसोटोप्स को उनके अलग अलग परमाणु भारों के अनुसार अलग अलग स्थान मिलना चाहिए। आधुनिक आवर्त सारणी चूँकि तत्वों के परमाणु संख्या पर आधारित है अतः समस्थानिकों के स्थान के विषय में कोई समस्या नहीं आती।

  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी में वर्गीकरण का आधार तत्वों के द्वारा हाइड्राइड और ऑक्साइड के निर्माण के फॉर्मूले पर आधारित है वहीँ आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर आधारित है।

  • कुछ तत्वों को उनसे अधिक परमाणु भार वाले तत्वों के बाद बिना किसी उचित कारण के रखा गया है आधुनिक आवर्त सारणी में ऐसी विसंगति नहीं पायी जाती।

  • मेंडलीफ ने अपनी सारणी में कुछ अलग गुण वाले तत्वों को जैसे लिथियम, पोटाशियम और सोडियम को कॉपर, सिल्वर और गोल्ड के साथ रखा है। आधुनिक आवर्त सारणी में इन अल्कली तत्वों को s ब्लॉक में रखा गया है वहीँ कॉइन मेटल्स d ब्लॉक में स्थान दिया गया है।

  • आठवें ग्रुप में Fe , Ni और Co को एक साथ रखा गया है जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में इन्हे d ब्लॉक के अंतर्गत अलग अलग ग्रुप में रखा गया है।

उपसंहार 

मेंडलीफ की आवर्त सारणी न केवल अपने समय की सर्वश्रेष्ठ आवर्त सारणी थी  जिसमे तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों को उनके सारणी में दिए गए स्थानों के आधार पर जाना जा सकता था बल्कि उसमे अपने समय से काफी आगे खोजे गए तत्वों के गुणों की भविष्यवाणी  की जा चुकी थी। इन सब के बावजूद यह आवर्त सारणी अपनी कुछ विसंगतियों की वजह से पूर्ण नहीं थी। आधुनिक आवर्त सारणी चूँकि इन कमियों को दूर करती थी अतः  इसे  जल्द ही विश्वव्यापी स्वीकार्यता और लोकप्रियता प्राप्त हुई। इसमें मेंडलीफ के परमाणु भारों के विपरीत परमाणु क्रमांकों को आधार बनाये जाने से तत्वों के गुणों में सादृश्यता में काफी सटीकता आ गयी। 


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