सुकन्या समृद्धि योजना और एलआईसी की कन्यादान पालिसी में क्या अंतर है
हमारे देश में बेटी की शादी एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी समझा जाता है और यही कारण है कि घर में बेटी पैदा होने के साथ ही उसकी शादी की चिंताएं शुरू हो जाती हैं। आज के दौर में शादी के साथ साथ बच्चों की पढाई भी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। माता पिता इन्हीं भावी खर्चों से निबटने के लिए नियमित रूप से छोटी छोटी बचत करके एक रकम इकठ्ठा करना चाहते हैं। माता पिता की इन्हीं चिंताओं को दूर करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना लांच की गयी थी जिसके द्वारा माता पिता छोटी छोटी बचत करके बिटिया की शादी और पढ़ाई के खर्चे जुटा सकें। LIC की कन्यादान पालिसी भी इसी तरह की निवेश पालिसी है जिसमे प्रतिदिन एक ख़ास राशि की बचत करके भविष्य के खर्चों का सामना किया जा सके।
सुकन्या समृद्धि योजना एक बचत योजना है जो आम परिवारों को लक्ष्य करके शुरू की गयी है जिसमे बालिका के कल्याण जैसे उनकी पढाई और शादी आदि के लिए एक निश्चित रकम जुटाने का उद्द्येश्य होता है। बहुत कम रकम के साथ खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना खाता दरअसल उन परिवारों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है जो छोटी-छोटी बचत के जरिये बच्चे की शादी या उच्च शिक्षा के लिए रकम जमा करना चाहते हैं। एक निश्चित अवधि के पश्चात तय राशि प्राप्त किया जा सकता है। यह योजना भारत सरकार के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत लांच की गयी थी जिसके अंतर्गत कन्या के माता, पिता या कानूनी अभिभावक कन्या के नाम से खाता खोल सकते हैं। यह खाता 10 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के लिए है। इस योजना के तहत खाता किसी भी पोस्ट ऑफिस या निर्धारित सरकारी बैंकों में खोला जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि खाता कहाँ खोला जा सकता है
सुकन्या समृद्धि खाता भारत के किसी भी डाकघर में खोला जा सकता है। डाकघर के अतिरिक्त इस खाता को कुछ बैंकों में खोलने की सुविधा है। सुकन्या समृद्धि खाता खोलने के लिए अधिकृत बैंक भारतीय स्टेट बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक,इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक,आईडीबीआई बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ़ बरोदा, एक्सिस बैंक हैं। इनमे से किसी भी नजदीकी संस्था में यह खाता खोला जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना में कौन खाता खोल सकता है
सुकन्या समृद्धि योजना का खाता केवल लड़कियों के लिए है। इस खाता के खोलने के लिए निम्नलिखित पात्रता होनी चाहिए
- सुकन्या समृद्धि का खाता के लिए केवल लड़कियां ही पात्र है।
- इसमें खाता धारक की उम्र शून्य से लेकर 10 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- एक परिवार में दो से अधिक लड़कियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। दूसरी लड़की के जुडवा होने की स्थिति में तीनों लड़कियों के नाम से इस खाता को खोला जा सकता है।
- इस योजना का लाभ हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF) और अनिवासी भारतीय नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि खाता खोलने के लिए निम्नलिखित प्रमाण पत्रों की आवश्यकता पड़ती है
- अस्पताल या किसी सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया लड़की का जन्म प्रमाणपत्र
- लड़की के माता-पिता अथवा कानूनी अभिभावक का निवास प्रमाणपत्र, इसमें पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, इलेक्ट्रिक या टेलीफोन बिल, वोटर आईडी, राशन कार्ड या भारत सरकार द्वारा जारी कोई अन्य प्रमाणपत्र जिसमे निवास का जिक्र हो।
- पैन कार्ड
सुकन्या समृद्धि खाता के सम्बन्ध में कुछ प्रश्न
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाता की परिपक्वता अवधि कितने साल है
इस खाते की परिपक्वता अवधि खाता खुलने की तारीख से 21 वर्ष की है। इसमें बाद परिपक्व रकम खाताधारक लड़की को दे दी जाएगी। यदि इस अवधि के बाद भी खाता बंद नहीं किया गया तो जमा रकम पर ब्याज मिलता रहेगा। यदि लड़की की शादी इस अवधि के पूर्व हो गयी है तो खाता अपने आप बंद हो जायेगा।
सुकन्या समृद्धि खाता में कितने वर्ष तक पैसा जमा करना पड़ेगा
इस योजना में खाता खोलने की तारीख से 14 वर्ष तक पैसा जमा करना पड़ेगा।
सुकन्या समृद्धि खाता खोलने की न्यूनत्तम राशि कितनी है
इस खाता को न्यूनत्तम 250 रुपये से खोला जा सकता है। यह राशि पहले हजार रुपये थी जिसे बाद में घटा दिया गया।
सुकन्या समृद्धि खाता बंद हो जाने पर पुनः कैसे चालु कराया जा सकता है और कितनी पेनाल्टी देनी पड़ती है
सुकन्या समृद्धि खाता को न्यूनत्तम राशि जमा करके पुनः चालु कराया जा सकता है किन्तु इसे लिए 50 रुपये प्रतिवर्ष पेनाल्टी जमा करनी होगी।
सुकन्या समृद्धि खाता में जमा रकम को क्या परिपक्वता अवधि 21 वर्ष के पहले भी निकाला जा सकता है ?
हाँ, इस खाते में जमा रकम को आवश्यकता पड़ने पर खाताधारक के द्वारा पहले भी निकाला जा सकता है। किन्तु इसकी कुछ शर्तें हैं। खाता धारक की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए और निकाली जाने वाली रकम उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए या शादी के लिए होनी चाहिए। रकम निकलने के समय खाते में कम से कम 14 वर्ष या उससे अधिक की राशि जमा हो। खाता धारक कुल जमा राशि का केवल 50 प्रतिशत ही निकाल पाएगी।
एक परिवार में कितनी लड़कियों के नाम से सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है
एक परिवार में केवल दो लड़कियों के नाम से इस खाते को खोला जा सकता है। यदि पहली लड़की के बाद जुडवा लक्कियां पैदा हुई हों तो एक परिवार में तीन लड़कियों के नाम से सुकन्या समृद्धि खाते का लाभ लिया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि खाता परिपक्वता के पहले कैसे बंद हो सकता है
यदि सक्षम अधिकार को लगता है कि जमाकर्ता के लिए खाते में आगे जमा करना संभव नहीं है तो खाता बंद किया जा सकता है।
क्या सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ इनकम टैक्स में है
हाँ, इस खाते में जमा की जाने वाली रकम और परिपक्व रकम को आयकर अधिनियम की धरा 80 सी के तहत छूट प्राप्त है।
LIC की कन्यादान योजना
LIC की कन्यादान योजना क्या है
Kanyadan Policy के लिए आवश्यक दस्तावेज़
LIC कन्यादान पालिसी के लिए आवश्यक पात्रता
- आवेदक को बेटी का पिता होना चाहिए।
- इस योजना के तहत आयु सीमा 18 से 50 वर्ष है।
- इस पालिसी के लिए बेटी की उम्र कम से कम एक वर्ष होनी चाहिए।
- पालिसी में परिपक्वता के समय न्यूनत्तम बीमित राशि 1000000 रूपए होनी चाहिए। अधिकत्तम बीमित राशि की कोई सीमा नहीं है।
- बीमा की अवधि 13 वर्ष से लेकर 25 वर्ष की है।
Kanyadan Policy के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- योजना के प्रस्ताव का विधिवत भरा हुआ और हस्ताक्षर किया हुआ फॉर्म
- पहला प्रीमियम भरने के लिए चेक या कैश
- जन्म प्रमाण पत्र
- LIC की कन्यादान पालिसी बेटियों की शादी और पढाई के लिए एक अनूठी योजना है।
- LIC की कन्यादान पालिसी में आखिर के तीन सालों में कोई प्रीमियम नहीं जमा करना होता है और यह परिपक्वता के तीन साल पहले तक लाइफ रिस्क कवर प्रदान करती है।
- इस पालिसी के दौरान यदि पिता की मृत्यु हो जाती है तो आगे प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा किन्तु लाभार्थी को पूरी परिपक्वता राशि दी जायेगी। परिवार को हर साल एलआईसी की तरफ से एक लाख रुपये दी जाएगी और परिपक्वता पर पूरी राशि भी दी जायेगी।
- यदि बीमा अवधि में लाभार्थी की मृत्यु एक्सीडेंट में हो जाती है तो परिवार को 1000000 रुपये प्रदान किये जायेंगे। यदि लाभार्थी की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से होती है तो परिवार को 500000 रुपये दिए जाएंगे।
- इस पालिसी में परिपक्वता पर बीमित को एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है।
- LIC कन्यादान पालिसी का लाभ भारत में रहने वाले तथा भारत के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिक भी उठा सकते हैं।
- एलआईसी कन्यादान पॉलिसी की अवधि 13 से 25 वर्ष के बीच है।
- पॉलिसी धारक अपनी आवश्यकता अनुसार भुगतान करने का विकल्प चुन सकता है। जोकि 6,10,15 या 20 वर्ष है।
- यदि कोई व्यक्ति 75 रूपये रोज़ के जमा करता है तो उसे मासिक प्रीमियम देने के 25 साल बाद बेटी के विवाह के समय 14 लाख रूपये प्रदान किये जायेगे |
- अगर कोई व्यक्ति 251 रूपये रोज बचाता है तो उसे मासिक प्रीमियम देने के 25 साल बाद 51 लाख रूपये दिए जायेगे |
- कोई भी व्यक्ति रोज के 75 रूपये बचा कर 11 लाख रूपये अपनी बेटी की शादी के लिए पा सकते है |
- प्रतिदिन 130 रुपये जमा करके 25 वर्षों में 27 लाख रुपये का भुगतान पाया जा सकता है।
- इस योजना के अंतर्गत यदि पॉलिसी सक्रिय है एवं पॉलिसी धारक 3 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान किया है तो इस पॉलिसी के माध्यम से ऋण भी प्राप्त किया जा सकता है।
- इस पालिसी में जमा रकम पर कोई टैक्स देय नहीं है।
- LIC Kanyadan के अंतर्गत इनकम टैक्स अधिनियम 1961 के सेक्शन 80C में प्रीमियम पर छूट प्रदान की जाती है। यह छूट अधिक से अधिक डेढ़ लाख रुपए तक की प्राप्त की जा सकती हैं। इसी के साथ सेक्शन 10(10D) के अंतर्गत मैच्योरिटी या मृत्यु क्लेम की राशि पर भी छूट प्रदान की जाती है।
सुकन्या समृद्धि योजना और एलआईसी की कन्यादान पालिसी में क्या अंतर है
- सुकन्या समृद्धि योजना केवल भारत के नागरिकों के लिए है जबकि कन्यादान पालिसी का लाभ भारतीय नागरिक तथा अनिवासी भारतीय दोनों ले सकते हैं।
- सुकन्या समृद्धि खाता 0 से 10 वर्ष के बीच की बेटियों के लिए है जबकि एलआईसी कन्यादान पालिसी बेटी की न्यूनत्तम आयु 1 वर्ष तथा पिता की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- सुकन्या समृद्धि खाते में खाता धारक बेटी होती है जबकि LIC की कन्यादान पालिसी में खाताधारक बेटी का पिता होता है।
- सुकन्या समृद्धि योजना में सम एश्योर्ड की लिमिट होती है और यह जमा किये गए रकम के अनुसार होगी जबकि LIC कन्यादान पालिसी में यह मिनिमम एक लाख और अधिकत्तम अनलिमिटेड होता है।
- सुकन्या समृद्धि योजना में एक वित्तीय वर्ष में अधिकत्तम डेढ़ लाख रुपये जमा किये जा सकते हैं जबकि कन्यादान पालिसी में इसकी कोई सीमा नहीं है।
- खाते का संचालन पुत्री द्वारा 21 वर्ष तक अथवा 18 वर्ष के पश्चात् शादी होने तक कर सकती है कन्यादान पालिसी 13 से 25 वर्ष तक की है।
- सुकन्या समृद्धि योजना में ऋण की सुविधा नहीं है जबकि कन्यादान पालिसी में पालिसी खरीदने के तीन वर्षों के बाद पालिसी पर ऋण लिया जा सकता है।
- सुकन्या समृद्धि योजना में अधिकत्तम 1.5 लाख रुपये किसी वित्तीय वर्ष में निवेश किया जा सकता है जबकि एलआईसी की कन्यादान पालिसी में कोई अधिकत्तम सीमा नहीं है।
- सुकन्या समृद्धि योजना की अवधि 21 वर्ष है जबकि कन्यादान पालिसी 13 से 25 साल में मैच्योर होता है।
- सुकन्या समृद्धि के मामले में खाता खुलने की तारीख से 15 साल तक डिपॉजिट करना पड़ता है. पहले यह अवधि 14 साल थी. दूसरी ओर एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में 18 साल प्रीमियम का भुगतान करने की शर्त है।
- सुकन्या समृद्धि योजना में खाताधारक यानि बेटी की मृत्यु होने पर सामान्य ब्याज दर पर जमा रकम मातापिता को भुगतान की जाती है वहीँ कन्यादान पालिसी में पिता की मौत होने पर बाकी की प्रीमियम माफ़ कर दी जाती है।
- सुकन्या स्कीम में पिता की स्थायी विकलांगता पर मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है. एलआईसी कन्यादान में पिता की स्थायी विकलांगता पर किस्तें माफ हो जाती हैं. दुर्घटना में पिता की मौत हो जाए तो तुरंत 10 लाख रुपये का भुगतान होता है।
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सुकन्या समृद्धि
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एलआईसी कन्यादान पॉलिसी
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उम्र
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बेटी के जन्म के बाद उसके नाम पर खाता खुलवाया जा सकता है. उसके 10 साल का
होने तक ऐसा
किया जा सकता
है
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एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में बेटी का एक साल का होना जरूरी है.पिता की उम्र
18 से 50 साल होनी
चाहिए. खाता पिता
के नाम खुलता
है
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नागरिकता
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केवल भारत के नागरिकों के लिए है
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भारतीय नागरिक तथा अनिवासी भारतीय दोनों लिए है
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खाता
धारक
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खाता धारक बेटी होती है
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खाताधारक बेटी का पिता होता है।
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सम
एश्योर्ड
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सम एश्योर्ड की लिमिट होती है और यह जमा
किये गए रकम
के अनुसार होगी
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मिनिमम एक लाख और अधिकत्तम अनलिमिटेड होता है।
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ऋण
की सुविधा
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ऋण की सुविधा नहीं है
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पालिसी खरीदने के तीन वर्षों के बाद पालिसी पर
ऋण लिया जा
सकता है।
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प्रीमियम की सीमा
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अधिकत्तम 1.5 लाख
रुपये किसी वित्तीय वर्ष में निवेश किया जा सकता है
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कोई अधिकत्तम सीमा नहीं है।
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डिपॉजिट की अवधि
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खाता खुलने की तारीख से 15 साल तक
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18 साल प्रीमियम का भुगतान करने की शर्त है
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मौत की स्थिति में
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खाताधारक की मौत होने पर सामान्य ब्याज दर पर माता-पिता को जमा की गई रकम का भुगतान होता है
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पिता की मौत होने की स्थिति में प्रीमियम माफ कर दिया जाता है
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विकलांगता
पर मुआवजे
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पिता की स्थायी विकलांगता पर मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है
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पिता की स्थायी विकलांगता पर किस्तें माफ हो जाती हैं. दुर्घटना में पिता की मौत हो जाए तो तुरंत 10 लाख रुपये का भुगतान होता है.
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मैच्योरिटी
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योजना की अवधि 21 वर्ष
है
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13 से
25 साल
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खाते का संचालन
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पुत्री द्वारा 21 वर्ष तक अथवा 18 वर्ष के
पश्चात् शादी होने
तक कर सकती
है
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13 से
25 वर्ष तक की है।
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और आखिर में
सुकन्या समृद्धि योजना और कन्यादान पालिसी दोनों ही बेटियों की पढाई, शादी और उनके उज्जवल भविष्य के लिए छोटी बचत से लेकर अच्छी बचत करने वाले लोगों को ध्यान में रख कर बनायीं गयी है। तो देर किस बात की यदि आप भी बेटी के पिता हैं तो दोनों में से जो भी योजना आपको सुट करे, खाता खोलकर निवेश करना आरंभ कर दीजिये।
4 टिप्पणियाँ
आपके बेवसाईट पर दी गई जानकारी बहुत ही महत्वउपूर्ण एवं उपयोगी हैं
जवाब देंहटाएंwww.gyanitechnews.com
Dhanyawad Sir
हटाएंDhanyawad Dharmendra ji
जवाब देंहटाएंNice article thanks for this information
जवाब देंहटाएंHello google aap kya kar rahe ho?