Difference Between BTC and BEd
BTC
बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट जिसे आम बोलचाल की भाषा में बीटीसी कहा जाता है एक सर्टिफिकेट लेवल का एजुकेशनल कोर्स है जिसे भारत सरकार की NCTE (National Council for Teacher Education) द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह दो साल का प्रशिक्षण कोर्स है। यह सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्राइमरी टीचर्स के तौर पर नियुक्ति के लिए अनिवार्य सर्टिफिकेट है। इस कोर्स का मुख्य उद्द्येश्य प्राइमरी शिक्षकों को कुशल एवं प्रशिक्षित बनाना है जिससे प्राइमरी एजुकेशन की गुणवत्ता सुनिश्चित की सके।
BTC या DELED क्या है
BTC का फुलफॉर्म क्या होता है What is The Fullform of BTC
D.EL.ED क्या है और D.EL.ED का फुलफॉर्म क्या है
BTC के लिए आवश्यक योग्यता
BTC कोर्स कितने साल का है
BTC कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया
BTC के लिए फीस
BTC या DELED क्या है
बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट जिसे आम बोलचाल की भाषा में बीटीसी कहा जाता है एक सर्टिफिकेट लेवल का एजुकेशनल कोर्स है जिसे भारत सरकार की NCTE (National Council for Teacher Education) द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह दो साल का प्रशिक्षण कोर्स है। यह सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्राइमरी टीचर्स के तौर पर नियुक्ति के लिए अनिवार्य सर्टिफिकेट है। इस कोर्स का मुख्य उद्द्येश्य प्राइमरी शिक्षकों को कुशल एवं प्रशिक्षित बनाना है जिससे प्राइमरी एजुकेशन की गुणवत्ता सुनिश्चित की सके।
BTC का फुलफॉर्म क्या होता है What is The Fullform of BTC
BTC का फुलफॉर्म बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (Basic Training Certificate) होता है। यह एक सर्टिफिकेट कोर्स होता है जिसे प्राइमरी शिक्षक नियुक्ति के लिए अनिवार्य योग्यता माना जाता है।
D.EL.ED क्या है और D.EL.ED का फुलफॉर्म क्या है
BTC का ही नया नाम D.EL.ED कर दिया गया है। D.EL.ED का फुलफॉर्म Diploma in Elementary Education होता है।
BTC के लिए आवश्यक योग्यता
- BTC कोर्स में एडमिशन के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक होना चाहिए। अभ्यर्थी को किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन होना चाहिए। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्ध रखने वाले छात्रों के लिए न्यूनत्तम अंक का प्रतिशत 45 है। देश के अधिकांश राज्यों में BTC में एडमिशन के लिए स्नातक होना अनिवार्य है किन्तु कुछ स्थानों पर 12 वीं पर भी नामांकन होता है।
- अभ्यर्थी की उम्र नामांकन के समय 18 से 30 वर्ष के बीच होना चाहिए किन्तु अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में नियमानुसार छूट है।
BTC कोर्स कितने साल का है
BTC कोर्स की अवधि दो वर्ष है जो चार सेमेस्टर में पूर्ण होती है। इन चारों सेमेस्टरों को सफलता पूर्वक कम्पलीट करने के पश्चात् ही अभ्यर्थी को यह सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है।
BTC कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया
BTC में एडमिशन मेरिट के आधार पर किया जाता है और यह मेरिट हाई स्कूल, इंटर और ग्रेजुएशन की परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के प्रतिशत योग के आधार पर होता है। हालाँकि भारत के कुछ राज्यों में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर भी होता है।
BTC के लिए फीस
BTC कोर्स के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों के फीस में काफी अंतर है। जहाँ सरकारी कॉलेजों में 10000 रुपये प्रतिवर्ष की दर से लगते हैं वहीँ निजी संस्थानों में न्यूनत्तम 41000 रुपये प्रतिवर्ष लगते हैं।
चूँकि बीटीसी का अब नया नाम D.EL.ED कर दिया गया है। इसलिए अगर आपको बीटीसी करना है तो आपको इसके लिए डी.एल.एड कोर्स करना होगा। इस कोर्स में मेरिट के आधार में चयन होता है। इसलिए जिन कैंडिडेट के 12वीं और ग्रेजुयेशन में अच्छे मार्क्स होते हैं, उनको आसानी से प्रवेश मिल सकता है।
B.Ed.
B.Ed. कोर्स क्या है
बीएड (B.Ed.) का फुलफॉर्म क्या है
बीएड में एडमिशन लेने के लिए न्यूनत्तम शैक्षणिक योग्यता
B.Ed. कोर्स करने की न्यूनतम आयु क्या है
B.Ed.कितने वर्ष का कोर्स है
B.Ed. कोर्स की फीस कितनी होती है
दाखिला की प्रक्रिया
बीएड (B.Ed) कोर्स में किन विषयों की पढाई की जाती है
B.Ed. के उपरान्त क्या करें
BTC और BEd में क्या अंतर है
B.Ed. कोर्स क्या है
बीएड (B.Ed.) जिसे शिक्षक प्रशिक्षण स्नातक भी कहते हैं एक स्नातक कोर्स है जो एक शिक्षक के लिए एक अनिवार्य योग्यता है। बीएड (B.Ed.) का पाठ्यक्रम विशेष रूप से उन छात्रों को प्रशिक्षित करता है जो शिक्षण और संबंधित क्षेत्रों में अपना कैरियर बनाने के इच्छुक हैं। यह एक कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो कक्षा शिक्षण के सभी पहलुओं के बारे में छात्रों को ज्ञान प्रदान करता है। र्उम्मीदवारों को शिक्षण और सीखने के सिद्धांतों में कुशल बनाता है। यह उम्मीदवारों के सॉफ्ट स्किल्स में सुधार करता है और उन्हें अपने संचार कौशल में सुधार करने में मदद करता है ताकि वे छात्रों की व्यक्तिगत मांग को समझ सकें और उनका उचित मार्गदर्शन कर सकें। नेशनल कौंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए बीएड को अनिवार्य कर दिया है। प्राइवेट स्कूलों में भी बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को तरजीह दी जाती है।
बीएड (B.Ed.) का फुलफॉर्म क्या है
What is the full form of B.Ed
बीएड (B.Ed.) दो शब्दों B और Ed का संक्षिप्त रूप है। इसमें "B" बैचलर यानि स्नातक का बोध कराता है वहीँ "Ed" एजुकेशन का संक्षिप्त रूप है। इस प्रकार बीएड (B.Ed.) का full form होता है Bachelor of Education यह शिक्षण से सम्बंधित कोर्स है जिसे शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक अभ्यर्थियों को करना अनिवार्य होता है।
बीएड में एडमिशन लेने के लिए न्यूनत्तम शैक्षणिक योग्यता
वे सभी उम्मीदवार जो B.Ed. में एडमिशन लेना चाहते हैं उनके लिए न्यूनत्तम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन या स्नातक है। अभ्यर्थी को किसी भी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट होना चाहिए साथ ही उन्हें स्नातक की परीक्षा कम से कम 50 प्रतिशत साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। कुछ कालेजों में यह 55 प्रतिशत भी है। कई कॉलेज में मेरिट के आधार पर एडमिशन की व्यवस्था है। ऐसी स्थिति में पास परसेंटेज अलग अलग हो सकता है।
B.Ed. कोर्स करने की न्यूनतम आयु क्या है
B.Ed. कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं की गयी है किन्तु कुछ कालेजों में न्यूनत्तम आयु 19 वर्ष निर्धारित की गयी है।
B.Ed.कितने वर्ष का कोर्स है
B.Ed. एक दो वर्षीय पाठ्यक्रम है जिसमे छह छह माह के चार सेमेस्टर होते हैं। हालाँकि नयी शिक्षा नीति में एक वर्षीय B.Ed. का भी प्रावधान है। यह उन अभ्यर्थियों के लिए है जिनकी योग्यता स्नातकोत्तर है। नयी शिक्षा नीति के तहत चार वर्षों का भी B.Ed. कोर्स शुरू किया गया है। यह उन अभ्यर्थियों के लिए है जो हाई स्कूल के बाद सीधे B.Ed.करना चाहते हैं। इसे इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम कहा जाता है।
B.Ed. कोर्स की फीस कितनी होती है
B.Ed. कोर्स की फीस अलग अलग संस्थानों में अलग अलग है। फिर भी किसी सरकारी कॉलेज से B.Ed. करना काफी किफायती होता है। सरकारी कॉलेजों से B.Ed. करने का खर्च करीब 15000 रुपये है वहीँ किसी प्राइवेट कॉलेज की फीस 20000 से लेकर 50000 रुपये तक सालाना हो सकती है। इसके अतिरिक्त यदि आप डिस्टेंस लर्निंग से B.Ed.कर रहे हैं तो इसमें 20000 रुपये से लेकर 50000 तक देने पड़ सकते हैं।
दाखिला की प्रक्रिया
बीएड (B.Ed) कोर्स में एडमिशन के लिए राज्य सरकारों के द्वारा राज्य स्तर पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित कराई जाती है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों की मेरिट तैयार की जाती है और फिर कॉउंसलिंग के द्वारा उन्हें कॉलेज आवंटित किया जाता है। मेरिट में उच्च स्थान पाने वाले छात्रों को प्रायः सरकारी महाविद्यालयों में दाखिला मिलता है जबकि कम रैंक वालों को प्राइवेट महाविद्यालयों में एडमिशन लेना पड़ता है। कुछ प्राइवेट विद्यालय अपने यहाँ ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर सीधे एडमिशन ले लेते हैं। बीएड की प्रवेश परीक्षा का पैटर्न कमोवेश पूरे देश में एक सा रहता है। उत्तर प्रदेश बीएड एंट्रेंस परीक्षा में दो पेपर होते हैं
प्रथम पेपर
- सामान्य ज्ञान 50 question 100 marks
- भाषा (हिंदी/अंग्रेजी) 50 questions 100 marks
द्वितीय पेपर
- सामान्य अभिरुचि परीक्षण 50 questions 100 marks
- विषय योग्यता(कला,वाणिज्य,विज्ञान,कृषि)50 questions 100 marks
सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं और प्रत्येक प्रश्न 2 अंकों का होता है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए निगेटिव अंक मिलते हैं।
बीएड (B.Ed) कोर्स में किन विषयों की पढाई की जाती है
- बीएड (B.Ed) में नामांकन के बाद छात्रों को कई विषय पढ़ने पड़ते हैं। बी.एड. में पढ़ाए जाने वाले मुख्य विषय निम्नलिखित है –
- शिक्षा दर्शन ( Educational Philosophy)
- शैक्षिक समाजशास्त्र (Educational Sociology)
- शिक्षा मनोविज्ञान एवं बाल विकास (Educational Psychology and Child Development)
- निर्देशन एवं परामर्श (Guidance and Counselling)
- विद्यालय प्रबंधन एवं नेतृत्व (Educational Leadership and Management)
- भारत में शिक्षा व्यवस्था का विकास एवं चुनौतियाँ (Development of Education System in India and Its Challenges)
- पाठ्यक्रम विकास और आकलन (Curriculum Development and Evaluation)
- समग्र शिक्षा (Inclusive Education)
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का शिक्षा में प्रयोग (Information and Communication Technology, ICTE)
- Education, Culture and Human Values
- Educational Evaluation and Assessment
- Educational Psychology
- Guidance and Counselling
- Holistic Education
- Philosophy of Education
B.Ed.यानि बैचलर ऑफ़ एजुकेशन का कोर्स पूरा करने के पश्चात् अभ्यर्थी किसी भी शिक्षण संस्थान में शिक्षण कार्य करने के योग्य हो जाता है। B.Ed. डिग्री धारक किसी भी प्राइवेट प्राइमरी, सेकेंडरी और सीनियर स्कूल में एक शिक्षक के तौर पर नियुक्त हो सकता है। किसी सरकारी स्कूल में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय अथवा राज्यस्तर की टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट यानि TET परीक्षा में क्वालीफाई होना होगा।इन परीक्षाओं में CTET, UPTET, APTET, TSTET आदि प्रमुख हैं।
BTC और BEd में क्या अंतर है
- BTC एक सर्टिफिकेट कोर्स है जो प्राइमरी टीचर के लिए एक अनिवार्य योग्यता होती है जबकि बीएड एक स्नातक लेवल का कोर्स है जिसे करने के बाद आप प्राइमरी, मिडिल, हाई स्कूल और इंटर तक के विद्यालयों में एक शिक्षक के तौर पर नियुक्त हो सकते हैं।
- बीटीसी में एडमिशन प्रायः मेरिट बेसिस पर होता है जबकि बीएड में एडमिशन प्रायः एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा होता है।
- बीटीसी धारकों के लिए वैकेंसीज ज्यादा होती है जबकि बीएड डिग्री धारकों के लिए वैकेंसीज अपेक्षाकृत कम होती है।
- बीटीसी धारक जो 12th की योग्यता पर किये हैं TET यानि टीचर्स एलेजिब्लिटी टेस्ट के केवल पेपर वन को ही दे सकते हैं। स्नातक के बाद बीटीसी करने वाले दोनों पेपर दे सकते हैं। बीएड वालों को TET के दोनों ही पेपर को देना होता है।
उपसंहार
इस प्रकार हम देखते हैं BTC और बीएड दोनों ही कोर्स एक शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है और आप प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बनना चाहते हैं या फिर हाई स्कूल और इंटर में, आपको उसी के अनुसार कोर्स का चुनाव करना है।
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