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NEET और JEE में क्या अंतर है

Difference between NEET and JEE


प्रतिष्ठा, पैसा और शोहरत की बात की जाये तो डॉक्टर और इंजीनियर का करियर छात्रों को खूब लुभाता है। डॉक्टरों और इंजीनियरों की न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में भी अच्छी खासी डिमांड है। यही वजह है युवाओं में डॉक्टर और इंजीनियर बनने का खुब क्रेज है। ऐसे में छात्रों में इन क्षेत्रों की पढ़ाई के बारे में जानने की काफी उत्सुकता होती है और वे कई प्रश्न जानना चाहते हैं मसलन NEET क्या है, NEET की शुरुआत कैसे हुई , NEET की परीक्षा का माध्यम क्या है, NEET का आयोजन कितनी भाषाओँ में होता है,NEET परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक योग्यताएं, NEET प्रवेश परीक्षा की फीस कितनी है ,NEET परीक्षा का पैटर्न, JEE क्या है,JEE का फुलफॉर्म क्या होता है NEET का आयोजन कितनी भाषाओँ में होता है,NEET परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक योग्यताएं,NEET प्रवेश परीक्षा की फीस कितनी है, JEE क्या है, JEE का फुलफॉर्म क्या होता है , JEE Main परीक्षा के लिए न्यूनत्तम योग्यता,JEE Main प्रवेश परीक्षा के लिए कितनी फीस लगती है,JEE Main प्रवेश परीक्षा में कितने पेपर होते हैं,JEE-Advanced परीक्षा, NEET और JEE में क्या अंतर है आदि आदि।
आपके मन में भी यदि इसी तरह के प्रश्न आ रहे हैं तो आपको यह पोस्ट जरूर पढ़ना चाहिए।


NEET और JEE में क्या अंतर है




NEET क्या है
NEET की शुरुआत कैसे हुई
NEET परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक योग्यताएं
NEET की परीक्षा का माध्यम क्या है
NEET प्रवेश परीक्षा की फीस कितनी है
NEET परीक्षा का पैटर्न


NEET क्या है



राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा(स्नातक) या NEET एक अखिल भारतीयप्री मेडिकल प्रवेश परीक्षा है, जो स्नातक चिकित्सा (एमबीबीएस),दन्त चिकित्सा (बीडीएस) आदि में प्रवेश पाने के लिए एक अर्हक(क्वालीफाइंग) परीक्षा है । मे डि क ल कौं सि ल ऑफ़ इं डि या औ र डेंटल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा मान्यताप्राप्त भारत में चलने वाले सभी सरकारी और निजी कालेजों में प्रवेश इसी परीक्षा के परिणाम के आधार पर किया जाता है। इनके अतिरिक्त आयुष (बीएएमएस, बीयूएमस, बीएचएमएस आदि) पाठ्यक्रम और विदेशों में प्राथमिक चिकित्सा योग्यता हासिल करने के इच्छुक लोगों के लिए भी इस परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।


परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाती है, जो सीट आवंटन के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य परामर्श प्राधिकरणों के तहत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय को परिणाम प्रदान करती है।


NEET और JEE में क्या अंतर है



NEET की शुरुआत कैसे हुई


इससे पहले यह परीक्षा 'एआईपीएमटी' (ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट) कहलाती थी। यह परीक्षा देशभर में एक साथ होती थी। इस परीक्षा में आए अंकों के आधार पर ही छात्रों को केन्द्र सरकार द्वारा संचालित मेडिकल संस्थानों में प्रवेश दिया जाता था। लेकिन सरकार ने पारदर्शिता, मेडिकल शिक्षा में उच्च मानक स्थापित करने और छात्रों को कई परीक्षाओं के बोझ से बचाने के लिए देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए एक परीक्षा आयोजित कराने का फैसला लिया। नीट प्रवेश परीक्षा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि सीबीएसई द्वारा किया जाता था।



भारत के राजपत्र में दिनांक 21 दिसंबर 2010 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने केंद्र सरकार के अनुमोदन पर स्नातक चिकित्सा शिक्षा 1997 के रेगुलेशंस में संशोधन करते हुए मेडिकल शिक्षा लिए एकल पात्रता सह प्रवेश परीक्षा का प्रावधान किया अर्थात प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा NEET का आयोजन होगा।

NEET और JEE में क्या अंतर है



डेंटल कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने भी BDS कोर्स रेगुलेशंस 2007 में संशोधन किया और 31 मई 2012 में भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी करते हुए BDS में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश NEET के जरिये कराने का प्रावधान किया।

मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया और डेंटल कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने संयुक्त रूप से अधिसूचना जारी की कि MBBS और BDS में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के द्वारा होगा।

इस प्रकार NEET की पहली परीक्षा 5 मई 2013 को आयोजित की गई।

NEET भारत भर में 66,000 से अधिक एमबीबीएस और बीडीएस सीटों में प्रवेश के लिए एक प्रवेश प्रवेश परीक्षा है। 2019 से, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी सीबीएसई के बजाय एनईईटी का संचालन कर रही है।

NEET और JEE में क्या अंतर है



NEET की परीक्षा का माध्यम क्या है

NEET का आयोजन कितनी भाषाओँ में होता है

नीट का आयोजन 11 भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, उड़िया, तमिल व तेलुगु) में किया जाता है। आवेदन पत्र भरते हुए अगर कोई छात्र अंग्रेजी माध्यम चुनेगा तो उसे केवल अंग्रेजी में ही प्रश्न पत्र मिलेगा। किन्तु हिंदी या दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं का माध्यम चुनने वाले छात्रों को उस भाषा के प्रश्नपत्र के साथ ही अंग्रेजी में भी पेपर मिलेगा। बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि अगर संबंधित भाषा में कोई गलत प्रिंटिंग होती है तो अंग्रेजी का सवाल ही सही माना जाएगा। उसके आधार पर ही मूल्यांकन किया जाएगा।



NEET परीक्षा में शामिल होने के लिए आवश्यक योग्यताएं


Eligiblity for appearing in NEET

  • NEET परीक्षा का आयोजन हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी NTA के द्वारा ऑफलाइन मोड में कराया जाता है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों में निम्न योग्यता होनी चाहिए।

  • अभ्यर्थियों को किसी मान्यताप्राप्त केंद्रीय या राज्य बोर्ड से कक्षा 12 या समकक्ष जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी और अंग्रेजी विषयों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए।

  • अभ्यर्थियों को 12 वीं परीक्षा में न्यूनत्तम 50 प्रतिशत होने चाहिए। अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए यह 40 प्रतिशत है।

  • उम्मीदवार की आयु परीक्षा के वर्ष में न्यूनत्तम 17 और अधिकत्तम 25 वर्ष होना चाहिए। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में 5 वर्ष की छूट है।

  • भारतीय नागरिकों के अलावा इस परीक्षा को एनआरआई, ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया, पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन और विदेशी नागरिक भी दे सकते हैं। ये सभी 15 फीसदी अखिल भारतीय कोटे के लिए योग्य होंगे। नीट के आधार पर ही राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी कोटे पर दाखिला होता है।

NEET और JEE में क्या अंतर है



NEET प्रवेश परीक्षा की फीस कितनी है

NEET प्रवेश परीक्षा में आवेदन शुल्क 1500 रुपये हैं। अनुसूचित जाति,जनजाति, ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए यह 800 रुपये तथा EWS और OBC के लिए यह 1400 रुपये हैं। इस आवेदन शुल्क का भुगतान केवल नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और एसबीआई/सिंडीकेट/आईसीआईसीआई/एचडीएफसी बैंक और पेटीएम सेवा का उपयोग करके ऑनलाइन मोड में किया जा सकता है।

NEET परीक्षा का पैटर्न

भौतिकी, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और प्राणीविज्ञान से प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक सेक्शन से 45 प्रश्न आते हैं यानि कुल 180 प्रश्न। एक सही उत्तर पर उम्मीदवार को 4 अंक मिलते हैं और हर गलत उत्तर के लिए 1 अंक काट लिया जाता है। यदि उम्मीदवार ने किसी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया है तो उसके लिए कोई अंक नहीं दिया जाता। कुल समय अवधि 3 घंटे की है।




JEE क्या है



JEE क्या है

JEE का फुलफॉर्म क्या होता है

JEE Main परीक्षा के लिए न्यूनत्तम योग्यता

JEE Main प्रवेश परीक्षा के लिए कितनी फीस लगती है

JEE Main प्रवेश परीक्षा में कितने पेपर होते हैं
JEE-Advanced परीक्षा
NEET और JEE में क्या अंतर है


NEET और JEE में क्या अंतर है




JEE एक अखिल भारतीय स्तर की इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा है जिसके द्वारा भारत में विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश मिलता है। वास्तव में JEE प्रवेश परीक्षा दो तरह की होती है JEE Main और JEE Advance . JEE Main परीक्षा NTA के द्वारा आयोजित कराई जाती है। यह परीक्षा वर्ष में चार बार फ़रवरी,मार्च, अप्रैल और मई में आयोजित की जाती है।

पहले इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए अखिल भारतीय स्तर पर AIEEE और IIT-JEE परीक्षाओं का आयोजन कराया जाता था जिसमे AIEEE राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संसथान, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों तथा कुछ अन्य कालेजों में प्रवेश के लिए तथा IIT-JEE आईआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिए होता था। बाद में 2012 में केंद्रीय माध्यमिक बोर्ड (CBSE) ने घोषणा की कि AIEEE तथा IIT-JEE की जगह JEE Main और JEE Advance परीक्षा का आयोजन किया जाएगा जिसमे JEE Main में चयनित छात्र ही JEE एडवांस में बैठने के पात्र होंगे।

JEE का फुलफॉर्म क्या होता है


What is the Full Form of JEE

JEE का फुलफॉर्म Joint Entrance Examination होता है और यह प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा आयोजित करायी जाती है।

NEET और JEE में क्या अंतर है



JEE Main परीक्षा के लिए न्यूनत्तम योग्यता

जो छात्र JEE Main की परीक्षा मे शामिल होना चाहते हैं उनके लिए कुछ न्यूनत्तम योग्यताएं निर्धारित की गयीं हैं। छात्रों को JEE Main का फॉर्म भरते समय सभी क्राइटेरिया को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए।

  • अभ्यर्थी को परीक्षा के वर्ष में 12 वीं की परीक्षा या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।

  • वैसे अभ्यर्थी जो JEE Main की परीक्षा के वर्ष 12 वीं या उसके समकक्ष परीक्षा में शामिल हो रहा हो, JEE Main की परीक्षा में सम्मिलित हो सकता है।

  • सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए इस परीक्षा में न्यूनत्तम 75 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 65 प्रतिशत न्यूनत्तम अंक होना आवश्यक है। कोविड 19 की वजह से 2022 में इस क्राइटेरिया को हटा लिया गया है।

  • JEE Main परीक्षा के लिए कोई ऐज लिमिट (आयु सीमा) नहीं निर्धारित है।

  • B.E/B.Tech में एडमिशन लेने के इच्छुक अभ्यर्थी को फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री,बायोटेक्नोलॉजी,टेक्निकल वोकेशनल में से किसी एक के साथ क्वालीफाईंग एग्जामिनेशन में उत्तीर्ण होना चाहिए।

  • B.Arch में नामांकन के लिए अभ्यर्थी मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ 12 वीं उत्तीर्ण होना चाहिए।

  • B.Plan में एडमिशन के लिए क्वालीफाईंग एग्जाम मैथ्स के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

NEET और JEE में क्या अंतर है



JEE Main प्रवेश परीक्षा के लिए कितनी फीस लगती है

JEE Main प्रवेश परीक्षा का फॉर्म भरते समय प्रति उम्मीदवार 650 रुपये लगते हैं। महिला तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत की छूट मिलती है और उन्हें केवल 325 रुपये ही देने पड़ते हैं।

JEE Main प्रवेश परीक्षा में कितने पेपर होते हैं

JEE Main प्रवेश परीक्षा में छात्रों को दो पेपर देने होते हैं। B.Tech और B.E. में एडमिशन के इच्छूक छात्रों के लिए पेपर I तथा B.Arch और B.Plan के लिए पेपर II देना होता है। पेपर II भी दो भागों में बटा होता है पेपर 2A तथा पेपर 2B JEE Main की परीक्षा ऑनलाइन ली जाती है किन्तु ड्राइंग की परीक्षा ऑफलाइन ली जाती है। JEE Main की में B.E. और B.Tech परीक्षा में 90 बहुविकल्पी प्रश्न होते हैं। इनका पूर्णांक 300 होता है। B.Arch के लिए पेपर 2A में 82 प्रश्न होते हैं जो पुरे 400 अंक के होते हैं। B.Plan के पेपर 105 बहुविकल्पी प्रश्न होते हैं और इनका भी कुल अंक 400 होता है।

JEE Main परीक्षा कुल 13 भाषाओँ में आयोजित की जाती है

असमिया,बांग्ला,कन्नड़,मलयालम,मराठी,उड़िया,पंजाबी,तमिल,तेलगु,उर्दू, गुजराती,इंग्लिश एवं हिंदी।


JEE-Advanced परीक्षा

JEE-Advanced जिसे पहले IIT-JEE के नाम से जाना जाता था, एक शैक्षणिक परीक्षा है जो भारत में प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। इस परीक्षा का उद्द्येश्य छात्रों को भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित IIT कॉलेजों में नामांकन के लिए एक प्रवेश द्वार उपलब्ध कराना है।

JEE-Advanced परीक्षा जिसका फुलफॉर्म जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन -एडवांस होता है, भारत के सात पुराने IIT संस्थानों IIT रुड़की, IIT खड़गपुर, IIT कानपुर, IIT बॉम्बे, IIT मद्रास, IIT गुआहाटी में से किसी एक द्वारा जॉइंट एडमिशन बोर्ड के मार्गदर्शन में कराई जाती है।


NEET और JEE में क्या अंतर है




यह परीक्षा भारत के आईआईटी में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करती है। आईआईटी के अतिरिक्त मरीन इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी, राजीव गाँधी इंस्टिट्यूट पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस भी अपने यहाँ इसी परीक्षा के आधार पर एडमिशन देते हैं। भारत के अतिरिक्त कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर में भी इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर एडमिशन मिलता है।

  • अभ्यर्थी JEE Main पेपर I क्वालिफाइड हो तथा मेरिट लिस्ट में टॉप प्रायः 250000 में स्थान रखता हो।
  • इसके अतिरिक्त अभ्यर्थी 12 वीं की परीक्षा में न्यूनत्तम 75 प्रतिशत या 20वीं परसेंटाइल प्राप्त किया हो। अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों के लिए यह 65 प्रतिशत है।
  • अभ्यर्थी की आयु 25 वर्ष से कम होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग में 5 साल की छूट है।
  • अभ्यर्थी 12 वीं परीक्षा विगत वर्ष में उत्तीर्ण हुआ हो।
  • अभ्यर्थी इसके पहले किसी IIT में एडमिशन न लिया हो।

NEET और JEE में क्या अंतर है


  • NEET परीक्षा देश में मेडिकल की पढाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा है जबकि JEE प्रवेश परीक्षा देश के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, NIT, IIT आदि में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है।

  • NEET की परीक्षा में बायोलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री अनिवार्य विषय हैं जबकि JEE की परीक्षा में मैथ्स के साथ फिजिक्स और केमिस्ट्री होना चाहिए।

  • NEET एक सिंगल लेवल का एग्जाम है जबकि JEE में दो तरह के एग्जाम हैं JEE Main और JEE Advanced

  • NEET की परीक्षा वर्ष में केवल एक बार आयोजित की जाती है जबकि JEE की परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है।

  • NEET परीक्षा ऑफलाइन यानि पेन पेपर के द्वारा ली जाती है वहीँ JEE की परीक्षा ऑनलाइन होती है।


Conclusion:

NEET और JEE परीक्षाओं के आयोजन से चिकित्सा और अभियंत्रण क्षेत्र में रूचि रखने और उनको अपना करियर बनाने का सपना देखने वाले छात्रों के न केवल उद्द्येश्य की पूर्ति होती है बल्कि इनसे उनका समय उनका धन भी बचता है। मेडिकल और इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए पहले हर राज्य और संस्थाएं अपना अपना एंट्रेंस टेस्ट करवाती थीं। इससे छात्रों का बहुत सारा समय और धन दोनों बरबाद होते थे। NEET और JEE की परीक्षाओं ने अपनी पारदर्शिता और उपयोगिता की वजह से छात्रों का बहुत ही मददगार साबित हुआ है।

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