कार्बनिक यौगिकों और अकार्बनिक यौगिकों में क्या अंतर है
Difference Between Organic And Inorganic Compound
कार्बनिक रसायन और अकार्बनिक रसायन में अंतर
कार्बनिक रसायन क्या है
What is Organic Chemistry ?
आर्गेनिक केमिस्ट्री यानि कार्बनिक रसायन, रसायन शास्त्र की वह शाखा है जिसमे कार्बनिक यौगिकों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। रसायन शास्त्र की यह शाखा मुख्य रूप से कार्बनिक यौगिकों की संरचना, कार्बनिक यौगिकों के भौतिक और रासायनिक गुणों और इन यौगिकों द्वारा होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं से सम्बंधित है। ज्ञातव्य है कि कार्बनिक यौगिक वैसे यौगिक होते हैं जिनमे सहसंयोजक बंधन द्वारा जुड़े कार्बन परमाणु उपस्थित होते हैं। आर्गेनिक केमिस्ट्री में उन्ही यौगिकों का अध्ययन किया जाता है जो पादप या जन्तु से या उनके अवशेष से प्राप्त होते हैं। कार्बनिक रसायन का मानव समाज में कई तरह से योगदान है। कई दवाओं, पॉलीमर, सिन्थेटिक उत्पाद आदि का निर्माण कार्बनिक रसायन की बदौलत ही संभव हुआ है।
कार्बनिक रसायन का इतिहास
सबसे पहले 1675 ईस्वी में लेमरी नाम के रसायनविद ने प्रकृति में प्राप्त रसायनों को उनके स्रोत के अनुसार तीन भागों में बांटा- खनिज, पौधों से प्राप्त रसायन और जंतुओं से प्राप्त रसायन। 1784 एंटोनी लैवाशिए ने बताया कि वनस्पतियों और जंतुओं से प्राप्त सभी उत्पाद मुख्यतः कार्बन और हाइड्रोजन से बने होते हैं। इसके अलावा में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और गंधक की कुछ मात्रा होती है। इसके बाद सन 1807 में बर्जीलियस ने रसायन शास्त्र को दो भागों में बांटा जंतुओं तथा पादप से प्राप्त होने वाले यौगिकों को कार्बनिक रसायन तथा निर्जीव चीजों से प्राप्त होने वाले यौगिकों को अकार्बनिक रसायन का नाम दिया।
अभी तक हमने जाना कार्बनिक रसायन कार्बनिक यौगिकों का अध्ययन है जिनके प्राप्ति का मूल स्रोत पादप और जन्तु होते हैं। अब हम कार्बनिक यौगिकों के गुणों का अध्ययन करेंगे।
- कार्बनिक यौगिकों में कार्बन, हाइड्रोजन और कभी कभी कुछ अन्य तत्वों की उपस्थिति होती है।
- कार्बोनिक यौगिक में सहसंयोजक बंधन मौजूद होता है।
- कार्बनिक यौगिक कार्बनिक विलयनों में घुलनशील होते हैं।
कार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण
कार्बनिक यौगिकों की संरचना में कार्बन परमाणूओं के अरेंजमेंट या व्यवस्था के आधार पर कार्बनिक यौगिक दो प्रकार दो प्रकार के होते हैं
- Acyclic या Open Chain Compounds
- Cyclic या Closed Chain Compounds
Acyclic या Open Chain Compounds
कई कार्बनिक यौगिकों में कार्बन परमाणु सीधी या शाखादार चेन की तरह एक दूसरे से जुड़े होती हैं, ऐसे यौगिकों को acyclic या open chain compounds कहा जाता है। प्राचीन काल में इन यौगिकों को Aliphatic Compounds भी कहा जाता था। ऐसा इस लिए कहा जाता था क्योंकि ये यौगिक जानवरों या पौधों की चर्बी से प्राप्त होते थे।
उदाहरण के लिए मीथेन, एथेन आदि।
Acyclic या Open Chain Compounds दो प्रकार के होते हैं
Straight Open Chain Compounds : जिन यौगिकों में कार्बन के परमाणु सीधी श्रंखला में सजे होते हैं, Straight Open Chain Compounds कहलाते हैं। उदहारण के लिए Propene CH2=CH-CH3
Branched Chain Compounds : कई बार यौगिकों में कार्बन ब्रांच फॉर्म में सजे होते हैं जैसे isobutylene आदि।
Cyclic या Closed Chain Compound
इस तरह के कार्बनिक यौगिकों में परमाणुओं की एक या एक से अधिक रिंग की तरह की संरचना होती है। उदहारण के लिए बेंजीन। Cyclic Compound भी दो प्रकार के होते हैं
- Homo Cyclic या Carbo-Cyclic यौगिक
- Hetro Cyclic यौगिक
अकार्बनिक रसायन क्या है
What is Inorganic Chemistry ?
इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री या अकार्बनिक रसायन, रसायन विज्ञान की वह शाखा है जिसमे अकार्बनिक यौगिकों का अध्ययन किया जाता है। अकार्बनिक यौगिकों से तात्पर्य है वैसे यौगिकों से जिसमे कार्बन, हाइड्रोजन उपस्थित नहीं होते हैं। ये निर्जीव पदार्थों से प्राप्त होते हैं। अकार्बनिक रसायन में इन यौगिकों के भौतिक और रासायनिक गुणों का अध्ययन किया जाता है। हमारी प्रकृति में अभी तक 100000 अकार्बनिक यौगिकों की जानकारी उपलब्ध है।
जहाँ कार्बन युक्त यौगिकों के अध्ययन को कार्बनिक रसायन कहा जाता है वहीँ अकार्बनिक यौगिकों के अध्ययन को अकार्बनिक रसायन कहते हैं। "कार्बनिक" और "अकार्बनिक" नाम रसायन विज्ञान के इतिहास से चला आ रहा हैं, और आज भी अकार्बनिक रसायन विज्ञान की एक आम तौर पर स्वीकृत परिभाषा कार्बन को छोड़कर आवर्त सारणी पर गैर-कार्बन अणुओं, या सभी तत्वों का अध्ययन है लेकिन, यह परिभाषा पूरी तरह से सही नहीं है क्योंकि अकार्बनिक रसायन विज्ञान के क्षेत्र में ऑर्गोमेटेलिक यौगिक और कुछ कार्बन-आधारित अणुओं का अध्ययन भी शामिल है जिनमें ऐसे गुण होते हैं जो धातुओं से परिचित होते हैं (जैसे बिजली का संचालन)।इसकी वजह से अकार्बनिक रसायन विज्ञान का क्षेत्र बहुत अधिक व्यापक और असीमित हो जाता है।
Classification of Inorganic Compounds
अकार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जाता है :
एसिड : वैसे यौगिक जो पानी में घुलनशील हों तथा हाइड्रोजन आयन मुक्त करते हैं, एसिड या अम्ल कहलाते हैं। उदाहरण के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड, सल्फुरिक एसिड आदि।
क्षार : ऐसे यौगिक जो पानी के संपर्क में आने पर हाइड्रॉक्सिल आयन उत्पन्न करते हों, क्षार कहलाते हैं। जैसे पोटैशियम हाइड्रो ऑक्साइड , अमोनिया, सोडियमहाइड्रो ऑक्साइड आदि।
लवण : अम्ल और क्षार के बीच की अभिक्रिया के पश्चात प्राप्त उत्पाद को लवण कहते हैं। जैसे NaCl नमक।
ऑक्साइड : ऐसे यौगिक जिनके साथ एक ऑक्सीजन परमाणु लगा रहता है, ऑक्साइड कहलाते हैं।
अकार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जाता है :
एसिड : वैसे यौगिक जो पानी में घुलनशील हों तथा हाइड्रोजन आयन मुक्त करते हैं, एसिड या अम्ल कहलाते हैं। उदाहरण के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड, सल्फुरिक एसिड आदि।
क्षार : ऐसे यौगिक जो पानी के संपर्क में आने पर हाइड्रॉक्सिल आयन उत्पन्न करते हों, क्षार कहलाते हैं। जैसे पोटैशियम हाइड्रो ऑक्साइड , अमोनिया, सोडियमहाइड्रो ऑक्साइड आदि।
लवण : अम्ल और क्षार के बीच की अभिक्रिया के पश्चात प्राप्त उत्पाद को लवण कहते हैं। जैसे NaCl नमक।
ऑक्साइड : ऐसे यौगिक जिनके साथ एक ऑक्सीजन परमाणु लगा रहता है, ऑक्साइड कहलाते हैं।
कार्बनिक यौगिकों और अकार्बनिक यौगिकों में क्या अंतर है
- कार्बनिक यौगिकों में कार्बन परमाणुओं की उपस्थिति अनिवार्य रूप से होती है जबकि अधिकांश अकार्बनिक यौगिकों में कार्बन परमाणु नहीं होते।
- कार्बनिक यौगिक हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन और उनके डेरिवेटिव्स(व्युत्पन्न) से बने होते हैं जबकि अकार्बनिक यौगिकों में हाइड्रोजन या ऑक्सीजन या उनके डेरिवेटिव्स नहीं पाए जाते हैं।
- कार्बनिक यौगिक अपेक्षाकृत अधिक वाष्पशील और ज्वलनशील होते हैं जबकि अकार्बनिक यौगिक न तो ज्यादा वाष्पशील होते हैं और न तो ज्यादा ज्वलनशील।
- कार्बनिक यौगिक तीनों अवस्थाओं ठोस, द्रव और गैस के रूप में पाए जाते हैं जबकि अकार्बनिक यौगिक प्रायः ठोस अवस्था में पाए जाते हैं।
- कार्बनिक यौगिक पानी में अघुलनशील होते हैं वहीँ अकार्बनिक यौगिक पानी में घुलनशील होते हैं जबकि कुछ कार्बनिक घोलों में अघुलनशील।
- कार्बनिक यौगिकों का मुख्य स्रोत पादप और जंतु हैं जबकि अकार्बनिक यौगिकों के प्राप्ति का स्रोत निर्जीव पदार्थ हैं।
- कार्बनिक यौगिकों में सहसंयोजक बंधन पाया जाता है जबकि अकार्बनिक यौगिक आयनिक बंधन से जुड़े होते हैं।
- कार्बनिक यौगिक की प्रकृति जैविक होती है और इनकी संरचना काफी जटिल होती है वहीं अकार्बनिक यौगिकों की प्रकृति खनिज की होती है और ये ज्यादा जटिल नहीं होते हैं।
- अधिकांश जलीय घोलों में, कार्बनिक यौगिक ऊष्मा और बिजली के कुचालक होते हैं जबकि कार्बनिक यौगिक जलीय घोलों में, ये ऊष्मा और बिजली के अच्छे संवाहक माने जाते हैं।
- कार्बनिक यौगिक साल्ट यानि लवण नहीं बना सकते जबकि अकार्बनिक यौगिक साल्ट बना सकते हैं।
- कार्बनिक यौगिकों की अभिक्रिया की गति काफी मंद होती है जबकि अकार्बनिक यौगिकों की अभिक्रिया गति काफी तीव्र होती है।
- कार्बनिक यौगिकों के उदाहरणों में वसा, न्यूक्लिक एसिड, शर्करा, एंजाइम, प्रोटीन और हाइड्रोकार्बन ईंधन शामिल हैं वहीँ अकार्बनिक यौगिकों के उदाहरण में गैर-धातु, लवण, धातु, अम्ल, क्षार, पदार्थ शामिल हैं जो एकल तत्वों से बने होते हैं।
इस प्रकार हम देखते हैं कार्बनिक यौगिक और अकार्बनिक यौगिक मूल रूप से अपने प्राप्ति के स्रोत के आधार पर अलग अलग अध्ययन किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त इन यौगिकों के भौतिक और रासायनिक गुणों के आधार पर भी इनमे भेद किया जा सकता है।
2 टिप्पणियाँ
पढ़कर ऐसे लगा जैसे एक बार फिर से स्कूल में बैठे हों
जवाब देंहटाएंDhanyawad madam
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