राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में क्या अंतर है
Difference between State and UT(Union Territory)
भारत में शासन की व्यवस्था संघीय है। संघीय शासन व्यवस्था में शासन सर्वोच्च सत्ता उसके केंद्रीय प्राधिकार और उसकी विभिन्न आनुषंगिक इकाइयों के बीच बंट जाती है। आम तौर पर संघीय व्यवस्था में दो स्तर की सरकारें होती हैं। इसमें एक सरकार पुरे देश के लिए होती है और इसके जिम्मे राष्ट्रीय महत्त्व के विषय होते हैं। दूसरे स्तर की सरकार राज्यों या प्रदेशों में होती है जो शासन के स्थानीय मुद्दों के प्रति जवाबदेह होती है। ये दोनों सरकारें अपने अपने स्तर पर स्वतंत्रपूर्वक शासन चलाती हैं। इसी व्यवस्था के अंतर्गत भारत को विभिन्न राज्यों में बांटा गया है और इस प्रकार भारत राज्यों का एक संघ बना। इन राज्यों में उनकी चुनी हुई सरकारें हैं। राज्यों का बंटवारा करते समय कुछ विशेष स्थानों को किसी राज्य में शामिल न करके उन्हें केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। ऐसा करने के पीछे कुछ विशेष कारण जैसे मुख्य भूमि से दूरी, अलग संस्कृति, प्रशासनिक महत्व आदि हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के इसी बंटवारे की वजह से कई सवाल उत्पन्न होते हैं जैसे राज्य क्या है, केंद्र शासित प्रदेश क्या है, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बनाने के उद्द्येश्य क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है आदि। आज के इस पोस्ट में हम इन्ही प्रश्नों का उत्तर तलाशेंगे और पढ़ेंगे कि राज्य क्या है, केंद्र शासित प्रदेश क्या हैं, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में क्या अंतर है आदि।
What is a state?
राज्य उस संगठित इकाई को कहते हैं जो एक शासन (सरकार) के अधीन हो। राज्य संप्रभुतासम्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा किसी शासकीय इकाई या उसके किसी प्रभाग को भी राज्य कहते हैं, जैसे भारत के प्रदेशों को भी राज्य कहते हैं।
राज्य की परिभाषा
राज्य को परिभाषित करने का काम प्राचीन काल से ही विभिन्न विद्वानों के द्वारा किया जाता रहा है।
- अरस्तु के अनुसार - ‘‘राज्य परिवारों व ग्रामों का एक ऐसा समुदाय है, जिसका उद्देश्य पूर्ण और आत्म-निर्भर जीवन की प्राप्ति है। ‘‘
- मैक्स वेबर ने राज्य को ऐसा समुदाय माना है जो निर्दिष्ट भूभाग में भौतिक बल के विधिसम्मत प्रयोग के एकाधिकार का दावा करता है।
- गार्नर ने राजनीति विज्ञान का आरंभ और अंत राज्य को ही बताया है वहीं आरजे गेटल ने राजनीति विज्ञान को राज्य का विज्ञान बताया है।
भारतीय संविधान में राज्य की परिभाषा (अनुच्छेद 12)
भारतीय संविधान के भाग 3 में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, “राज्य” के अंतर्गत भारत की सरकार और संसद तथा राज्यों में से प्रत्येक राज्य की सरकार और विधान- मंडल तथा भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी हैं ।
राज्य के मुख्य घटक क्या क्या हैं
राज्य के चार प्रमुख घटक हैं:
- परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र
- जनसंख्या
- शासन करने के लिए अपनी सरकार।
- संप्रभुता : अपने बचाव करने के लिए , कानून बनाने के लिए, कर एकत्र करने आदि के लिए।
क्या भारत के राज्यों को राज्य कहना उचित है ?
राजनीतिशास्त्र के अनुसार किसी राज्य के लिए भौगोलिक क्षेत्र, जनसँख्या, सरकार के अतिरिक्त उसमें सम्प्रभुता (Sovereignty) का होना अनिवार्य है। जो प्रदेश किसी अन्य के अधीन हो, जो सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न न हो और जिस पर किसी बाह्य सत्ता का नियंत्रण हो, वह राजनीतिशास्त्र की दृष्टि में राज्य नहीं होता। उत्तर प्रदेश , बिहार, पंजाब आदि को सामान्यतया 'राज्य' भले ही कहा जाता हो, लेकिन राजनीतिशास्त्र जिस 'राज्य' पर विचार करता है, वह इनसे भिन्न है और इन्हें राज्य कहना उचित नहीं है। फ्रांस, चीन, भारत आदि जो राज्य सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न (सॉवरेन) हैं, वे ही राजनीतिशास्त्र की दृष्टि में 'राज्य' हैं।
भारत में राज्य किसे कहते हैं
संघ का निर्माण उसकी घटक इकाइयों यानि प्रदेशों से होता हैं। संघीय शासन वाले देशों में जैसे भारत और अमेरिका में संघ की घटक इकाइयों के लिए भी राज्य शब्द प्रयोग होता है। भारतीय संविधान के अन्तर्गत राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात इत्यादि भारतीय संघ की इकाइयों के लिए राज्य शब्द का प्रयोग किया जाता हैं।
इसे इस तरह से भी कह सकते हैं कि किसी देश में शासन को सुगमता और सरलता पूर्वक चलाने के लिए देश को कई निश्चित क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है इन क्षेत्रों की अपनी चुनी हुई सरकार होती है, इन क्षेत्रों को राज्य कहा जाता है। इसे शासन का विकेन्द्रीकरण भी कह सकते हैं। भारत में शासन की इसी पद्धति को अपनाया गया है। अतः राज्य किसी देश में एक निशिचत भूभाग को कहा जाता है जिसकी अपनी एक चुनी हुई सरकार होती है। प्रत्येक राज्य में एक विधान सभा होती है और इसके चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं। सरकार के मुखिया को मुख्यमंत्री कहा जाता है। प्रत्येक राज्य में केंद्र सरकार का एक प्रतिनिधि होता है जिसे राज्यपाल कहते हैं। राज्य सरकार स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा, शासन, राजस्व सृजन आदि जैसे बुनियादी प्रशासनिक कार्यों को संभालती है।
भारतीय संविधान के अनुसार, एक राज्य एक स्वतंत्र इकाई है जिसकी अपनी अलग सरकार होती है। राज्य अपनी सरकार का चुनाव करता है, जिसे अपने कानून बनाने का अधिकार है। संसद किसी राज्य के लिए कानून नहीं बनाती है।
विभिन्न राज्य आकार, जनसांख्यिकी, इतिहास,पोशाक शैली, संस्कृति, भाषा, परंपरा आदि में भिन्न होते हैं। आजादी से पहले, भारत में दो तरह के राज्य थे, यानी प्रांत और रियासतें, जिनमें प्रांत ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में थे जबकि रियासतों पर वंशानुगत शासकों का शासन था।
राज्यो के पुनर्गठन के लिए वर्ष 1953 राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया। इसमें कई राज्यो को उनके भाषा और संस्कृति के आधार पर गठन किया गया हैं।
वर्तमान में भारत में 28 राज्य हैं जिनके नाम राजस्थान, गुजरात,महाराष्ट्र,कर्नाटक, गोवा, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखण्ड,पश्चिम बंगाल, आसाम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा,पंजाब हैं।
क्र. |
राज्य |
राजधानी |
स्थापना वर्ष |
1 |
अरुणाचल प्रदेश |
ईटानगर |
20 फरवरी 1987 |
2 |
असम |
दिसपुर |
26 जनवरी 1950 |
3 |
आंध्र प्रदेश |
अमरावती |
01 नवंबर 1956 |
4 |
उड़ीसा |
भुबनेश्वर |
01 अप्रैल 1936 |
5 |
उत्तर प्रदेश |
लखनऊ |
24 जनवरी 1950 |
6 |
उत्तराखंड |
देहरादून (प्रस्तावित राजधानी गैरसैण) |
09 नवंबर 2000 |
7 |
कर्नाटक |
बैंगलुरू |
01 नवंबर 1956 |
8 |
केरल |
तिरुवनंतपुरम |
01 नवंबर 1956 |
9 |
गुजरात |
गांधीनगर |
01 मई 1960 |
10 |
गोवा |
पणजी |
30 मई 1987 |
11 |
छत्तीसगढ़ |
नया रायपुर |
01 नवंबर 2000 |
12 |
झारखंड |
रांची |
15 नवंबर 2000 |
13 |
तमिलनाडु |
चेन्नई |
26 जनवरी 1950 |
14 |
तेलंगाना |
हैदराबाद |
02 जून 2014 |
15 |
त्रिपुरा |
अगरतला |
21 जनवरी 1972 |
16 |
नागालैंड |
कोहिमा |
01 दिसंबर 1963 |
17 |
पंजाब |
चंडीगढ़ |
01 नवंबर 1966 |
18 |
पश्चिम बंगाल |
कोलकाता |
01 नवंबर 1956 |
19 |
बिहार |
पटना |
01 अप्रैल 1912 |
20 |
मणिपुर |
इम्फाल |
21 जनवरी 1972 |
21 |
मध्यप्रदेश |
भोपाल |
01 नवंबर 1956 |
22 |
महाराष्ट्र |
मुंबई |
01 मई 1960 |
23 |
मिजोरम |
आइजोल |
20 फ़रवरी 1987 |
24 |
मेघालय |
शिलांग |
21 जनवरी 1972 |
25 |
राजस्थान |
जयपुर |
01 नवंबर 1956 |
26 |
सिक्किम |
गंगटोक |
16 मई 1975 |
27 |
हरियाणा |
चंडीगढ़ |
01 नवंबर 1966 |
28 |
हिमाचल प्रदेश |
शिमला |
25 जनवरी 1971 |
केंद्र शासित प्रदेश किसे कहते हैं
केन्द्र शासित प्रदेश या संघ-राज्यक्षेत्र या यूनियन टेरिटरी भारत के संघीय प्रशासनिक ढाँचे की एक उप-राष्ट्रीय प्रशासनिक इकाई है। भारत के राज्यों की अपनी चुनी हुई सरकारें होती हैं, लेकिन केन्द्र शासित प्रदेशों में सीधे-सीधे भारत सरकार का शासन होता है। भारत का राष्ट्रपति हर केन्द्र शासित प्रदेश का एक सरकारी प्रशासक या उप राज्यपाल नामित करता है। केंद्र शासित प्रदेशो में इन्हीं प्रशासक या उपराज्यपाल के द्वारा सारे प्रशासनिक कार्य कराये जाते हैं। वर्तमान में भारत में आठ केंद्र शासित प्रदेश हैं। केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी भौगोलिक सीमाएं, जनसँख्या, अलग संस्कृति आदि होती है। कई केंद्र शासित प्रदेश की विशेष स्थिति की वजह से उनका प्रशासनिक महत्त्व बढ़ जाता है।और इस वजह से उनका किसी राज्य में विलय न करके, उन्हें केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाता है।
भारत में केंद्र शासित प्रदेश क्यों बनाए गए
भारत में राज्यों के अतिरिक्त केंद्र शासित प्रदेश बनाने की एक नहीं कई वजहें हैं। कुछ केंद्र शासित प्रदेश अपने छोटे आकार, कम जनसँख्या और अलग संस्कृति की वजह से बनाये गए। कई अन्य केंद्र शासित प्रदेश अन्य राज्यों से दुरी की वजह से बनाये गए। भारत में केंद्र शासित प्रदेश बनाने के पीछे निम्नलिखित मुख्य कारण हैं
1. जनसँख्या और आकार: भारत में सभी केंद्र शासित प्रदेशों का आकार इतना बड़ा नही है कि उन्हें एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सके। दिल्ली के अलावा अन्य केंद्रशासित प्रदेशों में बहुत कम आबादी है। इन केंद्र शासित प्रदेशों का क्षेत्रफल एक राज्य की तुलना में काफी कम है। इसलिए इस दशा में विधानसभा का गठन और उसके लिए मंत्रिपरिषद बनाने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
3. प्रशासनिक महत्व: कुछ केंद्र शासित प्रदेश जैसे दिल्ली और चंडीगढ़ को अपने प्रशासनिक महत्त्व के कारण उन्हें केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। चंडीगढ़ पहले पंजाब का एक हिस्सा था। बाद में शाह आयोग की रिपोर्ट के बाद पंजाब को विभाजित किया गया और 1 नवम्बर 1966 को हरियाणा राज्य अस्तित्व में आया लेकिन चंडीगढ़ के प्रशासनिक महत्व के कारण कोई भी राज्य इसे छोड़ने को तैयार नही था जिसके कारण चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया था।
4. सामरिक महत्त्व तथा मुख्य भूमि से दुरी : लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप हमारे देश के बहुत दूर पश्चिम और पूर्व छोर पर स्थित हैं इस कारण वे मुख्य भूमि से काफी दूर हैं इसलिए केंद्र सरकार के जरिये उन्हें सीधे नियंत्रित करना आसान है क्योंकि वे भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में भारत सरकार सीधे वहां कार्यवाही कर सकती है जबकि ऐसा किसी राज्य के द्वारा संभव नहीं है।
भारत
में केंद्र
शासित शासित
प्रदेश |
|||
क्र. |
केंद्र शासित
राज्य |
राजधानी |
स्थापना वर्ष |
1 |
दिल्ली |
दिल्ली |
1 नवम्बर 1966 |
2 |
चंडीगढ़ |
चंडीगढ़ |
1 नवम्बर 1966 |
3 |
पुडुचेरी |
पुडुचेरी |
1 नवम्बर 1956 |
4 |
जम्मू और कश्मीर |
श्रीनगर ( जम्मू,
शीतकालीन) |
31 अक्टूबर 2019 |
5 |
लद्दाख़ |
लेह |
31 अक्टूबर 2019 |
6 |
दादर और नागर हवेली एंव दमन और द्वीप |
दमन |
30 मई 1987 |
7 |
लक्षद्वीप |
करवत्ती |
1 नवम्बर 1956 |
8 |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह |
पोर्ट ब्लेयर |
1 नवम्बर 1956 |
How are the UTs Delhi, Puducherry, and Jammu & Kashmir Different from other UTs?
दिल्ली, पुद्दुचेरी तथा जम्मु और कश्मीर अन्य केंद्र शासित प्रदेशों से अलग कैसे हैं
भारत के तीन केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, पुदुचेरी तथा जम्मू और कश्मीर में उनकी अपनी चुनी हुई सरकारें हैं अथवा प्रस्तावित हैं। इन तीनों ही क्षेत्रों की जनसँख्या अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की अपेक्षा काफी अधिक है। इन प्रदेशों में अपनी विधान सभाएं हैं। इन तीनों क्षेत्रों में केंद्र सरकार अपने प्रतिनिधि के रूप में लेफिनेंट गवर्नर नियुक्त करती है। ये तीनों राज्यों की तरह काम करते हैं, उनकी अपनी विधान सभा और कार्यकारी परिषद होती है। चूंकि शेष संघ क्षेत्र देश के संघ द्वारा नियंत्रित और विनियमित होते हैं, इसलिए उन्हें केंद्र शासित प्रदेश कहा जाता है।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में क्या अंतर है
एक राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के बीच प्राथमिक अंतर यह है कि केंद्र शासित प्रदेश सीधे केंद्र सरकार द्वारा शासित होते हैं, जबकि राज्यों का अपना प्रशासनिक अधिकार होता है।
- राज्यों के पास अपनी चुनी हुई सरकार होती है जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र के द्वारा शासन होता है।
- राज्य का प्रशासन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाता है, जिसे जनता द्वारा चुना जाता है जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासन केंद्र सरकार के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि के द्वारा होता है। दिल्ली, पुद्दुचेरी और जम्मू और कश्मीर में भी चुनी हुई सरकार से ज्यादा शक्तियां उपराज्यपाल के पास होती है।
- राज्यपाल राज्य का संवैधानिक नेता होता है जबकि केंद्र शासित प्रदेश का कार्यकारी नेता भारत का राष्ट्रपति होता है।
- राज्य जनसँख्या और क्षेत्रफल में काफी बड़े होते हैं जबकि अधिकांश केंद्र शासित प्रदेश जनसँख्या और क्षेत्रफल में काफी छोटे होते हैं।
- राज्यों की अपनी शक्तियां होती हैं जबकि केंद्र शासित प्रदेश स्वशासी नहीं हैं।
उपसंहार
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