TGT तथा PGT में क्या अंतर है ?
Difference between TGT and PGT
शिक्षक को राष्ट्रनिर्माता कहा जाता है और माना जाता है कि किसी देश भविष्य कैसा होगा यह वहां के शिक्षकों पर निर्भर करता है। अतः शिक्षक का पद किसी देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी वाला होता है। यही कारण है समाज में शिक्षक के पद को बहुत ही प्रतिष्ठाजनक माना जाता है। इसके साथ ही अच्छा वेतन और तनावमुक्त जॉब इसे और भी आकर्षक बनाता है। यही वजह है आज युवा इस पेशे को अपने करियर के रूप में प्राथमिकता देता है और हर वर्ष हजारों युवक और युवतियां शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले छात्रों के सामने कई विकल्प हैं प्राइमरी टीचर, टीजीटी टीचर, पीजीटी टीचर या फिर कॉलेज में प्रवक्ता आदि। छात्र अपनी योग्यता और प्रतिभा के आधार पर इन क्षेत्रों में अपना भविष्य आजमा सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में जाने वाले विद्यार्थियों के मन में अकसर कई सवाल आते हैं और उसको जानने के लिए वे गूगल पर सर्च करते हैं जैसे बीटीसी क्या है, बीएड क्या है, बीटीसी और बीएड में क्या अंतर है,TET और CTET क्या है, TGT क्या है, PGT क्या है TGT और PGT में क्या अंतर है आदि। इन कई सवालों का उत्तर आपको हमारे पिछले पोस्टों में मिल जाएगा। इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे TGT क्या है, PGT क्या है TGT और PGT में क्या अंतर है ?
TGT क्या है ?
TGT यानि ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (Trained Graduate Teacher) वास्तव में कोई कोर्स नहीं है। TGT एक योग्यता है जिसे प्राप्त होने के बाद अभ्यर्थी कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के योग्य समझा जाता है। अर्थात ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने ग्रेजुएशन के साथ साथ बीएड कम्पलीट कर लिया है TGT कहलायेंगे। टीजीटी और पीजीटी परीक्षा राज्य स्तर में आयोजित की जाती है। उत्तर प्रदेश में TGT शिक्षक नियुक्ति परीक्षा उत्तर प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन सर्विस सिलेक्शन बोर्ड अर्थात उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा आयोजित की जाती है। टीजीटी (Trained Graduate Teacher) परीक्षा में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को ग्रेजुएट और बीएड होना अनिवार्य है।
ANM और GNM क्या है: ANM और GNM में क्या अंतर है
CTET और TET क्या है: CTET और TET में क्या अंतर है
TGT क्या है ?
TGT यानि ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (Trained Graduate Teacher) वास्तव में कोई कोर्स नहीं है। TGT एक योग्यता है जिसे प्राप्त होने के बाद अभ्यर्थी कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के योग्य समझा जाता है। अर्थात ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने ग्रेजुएशन के साथ साथ बीएड कम्पलीट कर लिया है TGT कहलायेंगे। टीजीटी और पीजीटी परीक्षा राज्य स्तर में आयोजित की जाती है। उत्तर प्रदेश में TGT शिक्षक नियुक्ति परीक्षा उत्तर प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन सर्विस सिलेक्शन बोर्ड अर्थात उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा आयोजित की जाती है। टीजीटी (Trained Graduate Teacher) परीक्षा में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को ग्रेजुएट और बीएड होना अनिवार्य है।
TGT का फुलफॉर्म क्या होता है Full Form of TGT
TGT का फुलफॉर्म Trained Graduate Teacher होता है जिसे हिंदी में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक कहा जाता है। TGT अभ्यर्थी 6th से लेकर 10th तक की कक्षा में पढ़ाने योग्य होते हैं।
TGT के लिए न्यूनतम योग्यता
PGT क्या है
इंटर कालेजों में अर्थात 12th की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए शिक्षकों के लिए कुछ विशेष योग्यताएं निर्धारित की गयी हैं। इन कक्षाओं में वही शिक्षक पढ़ा सकते हैं जो PGT हों। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात है कि PGT वैसे अभ्यर्थी को कहा जाता है जो सम्बंधित विषय जिसमे वह शिक्षा देना चाहता है स्नातकोत्तर हो तथा साथ ही किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री लिया हो।
TGT का फुलफॉर्म Trained Graduate Teacher होता है जिसे हिंदी में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक कहा जाता है। TGT अभ्यर्थी 6th से लेकर 10th तक की कक्षा में पढ़ाने योग्य होते हैं।
TGT के लिए न्यूनतम योग्यता
Minimum Qualification for TGT
TGT शिक्षक जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है उनके लिए शिक्षक प्रशिक्षण के साथ साथ स्नातक की योग्यता अनिवार्य होती है। एक TGT शिक्षक के लिए न्यूनत्तम योग्यताएं निम्न निर्धारित की गयी हैं :
TGT शिक्षक जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है उनके लिए शिक्षक प्रशिक्षण के साथ साथ स्नातक की योग्यता अनिवार्य होती है। एक TGT शिक्षक के लिए न्यूनत्तम योग्यताएं निम्न निर्धारित की गयी हैं :
- अभ्यर्थी को जिस विषय में वह शिक्षा देना चाहता है उस विषय से स्नातक होना चाहिए।
- इसके साथ ही वह किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से बीएड किया हो।
- TGT अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है।
PGT क्या है
इंटर कालेजों में अर्थात 12th की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए शिक्षकों के लिए कुछ विशेष योग्यताएं निर्धारित की गयी हैं। इन कक्षाओं में वही शिक्षक पढ़ा सकते हैं जो PGT हों। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात है कि PGT वैसे अभ्यर्थी को कहा जाता है जो सम्बंधित विषय जिसमे वह शिक्षा देना चाहता है स्नातकोत्तर हो तथा साथ ही किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री लिया हो।
PGT का फुलफॉर्म क्या है Full form of PGT
PGT का फुलफॉर्म होता है Post Graduate Trained Teacher इसे हिंदी में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक कहा जाता है। PGT शिक्षक दसवीं से लेकर बारहवीं तक के छात्रों को पढ़ाने के योग्य होते हैं।
PGT का फुलफॉर्म होता है Post Graduate Trained Teacher इसे हिंदी में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक कहा जाता है। PGT शिक्षक दसवीं से लेकर बारहवीं तक के छात्रों को पढ़ाने के योग्य होते हैं।
PGT के लिए न्यूनत्तम योग्यता
Minimum Qualification for PGT
- PGT के अभ्यर्थी के पास सम्बंधित विषय में किसी मान्यताप्राप्त संसथान से मास्टर डिग्री होना चाहिए।
- अभ्यर्थी के पास बीएड की डिग्री होनी चाहिए।
TGT तथा PGT में क्या अंतर है ?
TGT और PGT दोनों ही शिक्षक पद की योग्यताएं हैं जिनमे बीएड की डिग्री दोनों ही के लिए अनिवार्य है। TGT में जहाँ अभ्यर्थी ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ बीएड होता है वहीँ PGT वाले स्नातकोत्तर की डिग्री और बीएड की योग्यता रखते हैं। दोनों तरह के शिक्षकों के लिए कक्षाएं भी निर्धारित हैं। TGT शिक्षक कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के छात्रों को पढ़ाने योग्य माने जाते हैं वहीँ PGT शिक्षक 12 वीं तक की कक्षाओं में अध्यापन कर सकते हैं। TGT और PGT शिक्षकों की नियुक्ति के लिए समय समय पर राज्य सरकारें परीक्षाएं आयोजित करती हैं जिसे उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थियों की नियुक्ति होती है। TGT और PGT वालों के लिए अभी TET की कोई अनिवार्यता नहीं है।
- TGT अभ्यर्थियों के पास सम्बंधित विषय में स्नातक की डिग्री तथा साथ ही बीएड की डिग्री होनी चाहिए जबकि PGT अभ्यर्थियों के लिए सम्बंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ द्विवर्षीय बीएड की डिग्री होनी चाहिए।
- कुछ राज्यों में TGT अभ्यर्थियों को उनके अंडरग्रेजुएट डिग्री में न्यूनत्तम 55 प्रतिशत प्राप्तांक होने चाहिए जबकि PGT के लिए अभ्यर्थियों को ग्रेजुएशन न्यूनत्तम 55 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए।
- TGT अभ्यर्थी का सिलेक्शन उनके अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्राप्त अंकों और बीएड में प्राप्त अंकों के आधार पर होता है। कुछ राज्यों में केवल क्वालीफाइंग परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर भी होता है जबकि PGT में सिलेक्शन क्वालीफाइंग एग्जाम में प्राप्त अंकों और इंटरव्यू में प्राप्त अंकों के आधार पर होता है।
- TGT शिक्षक का बेसिक वेतनमान 34000 रुपये होता है जबकि PGT शिक्षक को 35000 से 40000 वेतनमान पर नियुक्ति होती है।
- TGT शिक्षक कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के छात्रों के लिए योग्य होता है वहीँ PGT शिक्षक 10th से लेकर 12th तक के छात्रों को पढ़ा सकता है।
TGT और PGT दोनों ही शिक्षक पद की योग्यताएं हैं जिनमे बीएड की डिग्री दोनों ही के लिए अनिवार्य है। TGT में जहाँ अभ्यर्थी ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ बीएड होता है वहीँ PGT वाले स्नातकोत्तर की डिग्री और बीएड की योग्यता रखते हैं। दोनों तरह के शिक्षकों के लिए कक्षाएं भी निर्धारित हैं। TGT शिक्षक कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के छात्रों को पढ़ाने योग्य माने जाते हैं वहीँ PGT शिक्षक 12 वीं तक की कक्षाओं में अध्यापन कर सकते हैं। TGT और PGT शिक्षकों की नियुक्ति के लिए समय समय पर राज्य सरकारें परीक्षाएं आयोजित करती हैं जिसे उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थियों की नियुक्ति होती है। TGT और PGT वालों के लिए अभी TET की कोई अनिवार्यता नहीं है।
0 टिप्पणियाँ