नकदी फसल और खाद्य फसलों में क्या अंतर है
Differences Between Cash Crops and Food Crops
मानव अपने भोजन तथा कई अन्य आवश्यकताओं के लिए खेती पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर है। अपनी इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मनुष्य विभिन्न फसलों की खेती करता है। इनमे से कुछ फसलों को वह अपने भोजन के लिए उगाता है तो कुछ को बेचकर मुनाफा कमाने के लिए। फसलों के उपजाने के इन्हीं उद्द्येश्यों के आधार पर फसलों को दो प्रकार में बांटा गया है। मुनाफा कमाने के उद्द्येश्य से उपजायी जाने वाली फसलों को नकदी फसल तथा भोजन सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपजायी जाने वाली फसलों को खाद्य फसल कहा जाता है।
नकदी फसल किसे कहते हैं What is Cash Crop
नकदी फसलों को वाणिज्यिक या व्यापारिक फसल भी कहते हैं। किसान इन फसलों को दूसरों उद्योगों के लिए उगाता है और फसल को बेचकर तुरंत नकद राशि प्राप्त करता है। प्राय: नकदी फसलों की खेती बड़े स्तर पर की जाती है और उत्पादन की मात्रा अधिक रहती है। नकदी फसलों में उन व्यापारिक फसलों को शामिल किया जाता है जिनके माध्यम से उद्योगों को कच्चा माल प्राप्त होता है। भारत में पैदा होने वाली प्रमुख नकदी फसलों में गन्ना, कपास, तंबाकू, चाय, काफी, जूट, रबड़, कोको, अलसी, मेस्ट, सरसों, मूंगफली, आलू, फल-सब्जी और दाल आदि को शामिल किया जाता है।
नकदी फसल की परिभाषा
नकदी फसलें उन फसलों को कहते हैं जिनको विपणन के उद्द्येश्य उगाया जाता है। इस तरह की फसलों में गन्ना, कपास, चाय, काफी आदि प्रमुख हैं। चूँकि इन फसलों का उत्पादन व्यापार आदि के लिए किया जाता है अतः इन फसलों को वाणिज्यिक या व्यापारिक फसल भी कहा जाता है। नकदी फसल देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए अहम भूमिका निभाती हैं | विदेशी बाजार में नकदी फसल बेचने पर सरकार को अधिक आय भी प्राप्त होती है | इसके साथ ही नकदी फसल से किसान को सीधे नकद प्राप्त होता है।
नकदी फसल कई सारे उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति भी करता है। चीनी उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, सिगरेट, रबर, जूट, चाय, काफी आदि उद्योगों के लिए कच्चा माल इन्हीं फसलों से प्राप्त होता है। औद्योगिक महत्व को देखते हुए नकदी फसलों की खेती बड़े स्तर पर की जाती है जिससे की इनका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सके।
भारत में पैदा होने वाली प्रमुख नकदी फसलों में गन्ना, कपास, तंबाकू, चाय, काफी, जूट, रबड़, कोको, अलसी, सरसों, मूंगफली, आलू, फल-सब्जी और दाल आदि को शामिल किया जाता है।
खाद्य फसल किसे कहते हैं What is Food Crop
ऐसी फसलें जिनका उत्पादन किसान अपने तथा अपने परिवार के भोजन सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करता है, खाद्य फसलें (Food Crop) कहलाती हैं। इन फसलों में मुख्य रूप से चावल, गेंहू, मक्का, दालें, सरसो, सोयाबीन आदि आते हैं। इस प्रकार खाद्य फसलों में खाद्यान्न, दाले, खाद्य तेल शामिल हैं।
खाद्य फसल चूँकि भोजन सम्बन्धी आश्यकताओं की पूर्ति के लिए उगाई जाती है अतः इनका उत्पादन क्षेत्रीय स्तर पर और सीमित क्षेत्र में किया जाता है। खाद्य फसलों को स्थानीय बाजार में विपणन किया जाता है।
खाद्य फसलों के प्रकार
खाद्यान्न या अनाज : इसके अंतर्गत आने वाली फसलें हमारे भोजन का मुख्य हिस्सा होती हैं। ये कार्बोहायड्रेट का मुख्य स्रोत होती हैं। खाद्यान्न वर्ग की फसलों को मुख्यत: तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
- प्रमुख खाद्यान्न फसलें (Major Cereals crops) – इसके अंतर्गत आजकल गेहूँ, धान तथा जौ आदि को सम्मिलित किया जाता है।
- मोटे खाद्यान्न फसलें (Millets/Minore Cereals crops) – इसके अंतर्गत मक्का, ज्वार तथा बाजरा आदि फसलों को सम्मिलित किया जाता है।
- लघु खाद्यान्न फसलें (Smaller Cereals crops) – इसके अन्तर्गत मंडुवा (रागी), कोदों, साँवा, काकुन, चेना तथा कुटकी आदि फसलों को सम्मिलित किया जाता है।
दलहन : इसमें विभिन्न तरह की दालें आती हैं जैसे अरहर, चना, मसूर, मटर आदि। ये प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती हैं।
तिलहन : तिलहन की फसलें तेल प्राप्ति का साधन होती हैं। ये विभिन्न खाद्य तेलों के लिए उगाई जाती हैं। इनमे सरसो, तीसी, तिल, सूरजमुखी आदि प्रमुख हैं ।
नकदी फसल और खाद्य फसलों में क्या अंतर है
Differences Between Cash Crops and Food Crops
- नकदी फसलों के उत्पादन का मुख्य उद्द्येश्य लाभ या नकद कमाना होता है जबकि खाद्य फसलें भोजन प्राप्त करने के उद्द्येश्य से उगायी जाती हैं।
- नकदी फसलों स्थानीय और अंतराष्ट्रीय बाज़ारों के लिए उत्पादित किया जाता है जबकि खाद्य फसलों को प्रायः स्थानीय बाजार में बेचा जाता है।
- नकदी फसल के उत्पादन में आधुनिक तकनीक और काफी जटिल प्रक्रिया अपनायी जाती है जिससे अधिक मुनाफा कमाया जा सके वहीँ खाद्य फसलों के उत्पादन में प्रायः सरल और परंपरागत तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
Conclusion
नकदी तथा खाद्य दोनों फसलें किसानों की आर्थिक स्थिति को उन्नत बनाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मनुष्य को भोजन के साथ साथ उसकी अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन की आवश्यकता होती है। ऐसे में किसानों को खाद्य फसल के साथ साथ नकदी फसलें उनका सहारा होती हैं।
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