Visit blogadda.com to discover Indian blogs LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?


LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



Difference between Gay, Lesbian, Bi, Trans, Intersex and Queer



प्रकृति ने इस धरती पर दो तरह के जीवों की रचना की है नर और मादा। पर कभी कभी प्रकृति भी कन्फ्यूज्ड हो जाती है और कुछ गलतियां कर बैठती है। प्रकृति के इस कन्फ्यूजन का खामियाजा कुछ लोगों को भुगतना पड़ता है और हमारा समाज तब उन्हें एक्सेप्ट नहीं कर पाता। स्वभावतः एक पुरुष एक महिला के प्रति आकर्षण महसूस करता है और एक महिला एक पुरुष के प्रति। पर कई बार ऐसा नहीं हो पाता और विचित्र स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे लोग अपनी विचित्र आदतों तथा शारीरिक बनावट के आधार पर कई तरह के होते हैं जैसे गे, लेस्बियन, बाई, ट्रांस, इंटरसेक्स या फिर क्वीअर।

एक पुरुष, पुरुष भी हो सकता है गे भी हो सकता है और बाई सेक्सुअल भी ठीक इसी प्रकार एक महिला सामान्य महिला भी हो सकती है, लेस्बियन भी हो सकती है और बाई सेक्सुअल भी। यह उनके शरीर की चाहत और मनोवृति तय करती है कि वह L लेस्बियन होगी G गे होगा या B यानि बाई सेक्सुअल वही एक व्यक्ति का शरीर यानि उसके जननांग तय करते हैं कि वह T ट्रांसजेंडर होगा I इंटरसेक्स होगा या Q क्वियर। 
आइये जानते हैं गे किसे कहते हैं ,लेस्बियन कौन होते हैं, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर किसे कहते हैं तथा इनमे क्या अंतर है। साथ ही LGBTIQ क्या है और LGBTIQ का फुलफॉर्म क्या होता है।
मानव की इस विचित्र प्रकृति और प्रवृति को समझने के लिए हमे इनको दो आधारों पर रखकर अध्ययन करना होगा।  


शारीरिक आकर्षण और चाहत के आधार पर 


गे कौन होते हैं 


हमारे समाज में कई बार एक मर्द दूसरे मर्द के साथ रिश्ता रखते हैं। वे एक दूसरे से पुरुष और महिला की तरह प्यार भी करते हैं और शारीरिक सम्बन्ध भी बनाते हैं। वास्तव में ऐसे पुरुष किसी औरत के प्रति कोई आकर्षण महसूस नहीं करते। इनमे से कई पुरुष की बोलने, चलने और कई अन्य आदते औरतों से मिलती हैं तो कई पुरुष में पुरुषोचित गुण होने के बावजूद वे किसी पुरुष के प्रति आशक्त होते हैं और अपनी यौन जरूरतों की पूर्ति के लिए भी पुरुष साथी की चाह रखते हैं। इस तरह के सम्बन्ध समलैंगिक या होमो सेक्सुअल सम्बन्ध करहलाते हैं। ऐसे पुरुषों को गे कहा जाता है और इनके बीच के रिश्ते को गे रिलेशनशीप कहते हैं। इस पूरी कम्युनिटी को G कम्युनिटी कहा जाता है।
यह महत्वपूर्ण है कि होमोसेक्सुअल होना प्राकृतिक और मानव विविधता का एक स्वाभाविक हिस्सा है। होमोसेक्सुअल लोगों को आदर और मर्यादा से व्यवहार किया जाना चाहिए, और उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। हर कोई अपने यौन ओरिएंटेशन या जेंडर आइडेंटिटी से भले ही हो, प्यार करने और प्यार का अधिकार प्राप्त करने का हक़दार होता है।

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



लेस्बियन किन्हेँ कहा जाता है 



ठीक इसके उलट जब दो औरतों के बीच प्यार हो जाये तो उन्हें लेस्बियन कहते हैं। यह भी एक होमो सेक्सुअल या समलैंगिक सम्बन्ध ही होता है। ऐसी औरतें सिर्फ औरतों के प्रति ही आकर्षण रखती हैं और उसे पाने की चाहत रखती हैं। दो पार्टनरों के बीच अकसर एक पुरुष की तरह व्यवहार करती है तो दूसरी किसी लड़की की तरह। लेकिन यह आवश्यक नहीं है कई बार तो एकदम सामान्य लड़कियों के बीच भी ऐसे सम्बन्ध पाए जाते हैं। उनके व्यवहार देखने में बिलकुल एक सामान्य लड़की की तरह ही होते हैं। लेस्बियन महिलाएं एक दूसरे के साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाती हैं जिसमे मुख्यतः फोरप्ले ही होता है।

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?

इस तरह लेस्बियन एक ऐसी महिला को दर्शाता है जो अन्य महिलाओं से रोमांटिक और यौन रूप से आकर्षित होती है। यह एक ऐसी यौन ओरिएंटेशन है जो अक्सर LGBTIQ + स्पेक्ट्रम का हिस्सा माना जाता है। लेस्बियन इतिहास और संस्कृतियों के भीतर मौजूद रही हैं, लेकिन उनके अनुभव समाज के समान-लिंग संबंधों के प्रति सामाजिक रवैयों से प्रभावित हुए हैं। कुछ समाजों में, लेस्बियनिज़म स्वीकार्य और उत्साह की बात हुई है, जबकि दूसरों में इसे अस्वीकार्य और अपराध समझा गया है।

ध्यान देने योग्य है कि लेस्बियनिज़म मानसिक बीमारी या चुनौती नहीं है। यह सिर्फ मानव सेक्सुअलिटी की एक प्राकृतिक विविधता है और जो व्यक्ति लेस्बियन के रूप में अपनी पहचान बनाता है, उसे किसी भी और व्यक्ति की तरह सम्मान और गौरव के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। लेस्बियनों के खिलाफ भेदभाव, जिसमें शब्दों और शारीरिक हिंसा शामिल हैं, एक बड़े उत्पीड़न की एक फॉर्म होती है और कभी भी स्वीकार्य नहीं होती है।

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



हाल ही में, लेस्बियन समुदाय के लिए कई सकारात्मक विकास हुए हैं जिनमें मीडिया और राजनीति में बढ़ती उपस्थिति के साथ-साथ सम-लिंग विवाह और अन्य अधिकारों की कानूनी पहचान भी मिली है। लेकिन अभी भी काम बाकी है जिससे ये कोई भी समुदाय से बहिष्कृत हो बिना जीवन जीने के लिए अधिकार रख सकें।

बाई सेक्सुअल किनको कहा जाता है 


एक स्थिति और आती है। गे और लेस्बियन जिसमे पुरुष और पुरुष तथा लड़की और लड़की में सम्बन्ध होता है वही बाई सेक्सुअल रिलेशन शिप में पुरुष किसी अन्य पुरुष या किसी अन्य महिला यानि दोनों के प्रति आकर्षित होता है और सम्बन्ध बनाना पसंद करता है इसी तरह एक महिला को दूसरी महिला या किसी पुरुष दोनों से सम्बन्ध रखना अच्छा लगता है। इस तरह के केस को बाईसेक्सुअल या सिर्फ बाई कहते हैं। इस तरह के पुरुष या महिला जरुरत पड़ने पर दोनों यानि स्त्री पुरुष दोनों से सम्बन्ध बनाने को उतने ही लालायित होते हैं। इसको ऐसे भी कह सकते हैं एक बाई पुरुष गे भी होता है और एक सामान्य पुरुष भी जो एक स्त्री के प्रति आकर्षण महसूस करे। इसी तरह एक बाई महिला एक लेस्बियन भी होती है और एक सामान्य महिला भी होती है जिसे एक पुरुष की जरुरत पड़ती है।दूसरी सेक्सुअल ओरिएंटेशनों की तरह, बाइसेक्सुअलिटी मानव सेक्सुअलिटी का एक प्राकृतिक विविधता है और यह कोई चुनाव या मानसिक बीमारी नहीं है। बाइसेक्सुअल व्यक्ति अधिकांश अवधि बाइसेक्सुअलिटी के बारे में गलतफहमियों के कारण अस्पृश्यता और भेदभाव का सामना करते हैं, जैसे कि बाइसेक्सुअलिटी एक दौर होता है, बाइसेक्सुअधिक व्यक्ति लड़कों और लड़कियों दोनों में व्यापक आकर्षण का सामना करते हैं, या उन्हें एक लिंग से दूसरे लिंग की तुलना में अधिक पसंद होता है। बाइसेक्सुअल लोग अधिकतर अपने आकर्षण को तरल महसूस करते हुए, यानी वे किसी भी समय दोनों लिंगों के विभिन्न स्तरों के आकर्षण से गुजर सकते हैं।

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



यह महत्वपूर्ण है कि दो लिंगों से आकर्षित होने के बारे में बाइसेक्सुअलिटी और लिंग पहुंच के अनुसार नहीं होती है। बिसेक्सुअल व्यक्ति दोनों लिंगों से आकर्षित होते हैं, जबकि पैनसेक्सुअल व्यक्ति किसी भी लिंग और लैंगिक अस्तित्व से आकर्षित होते हैं, जिसमें गैर-बाइनरी और जेंडर-नॉन-कॉन्फॉर्मिंग व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं।
हाल के वर्षों में, बाइसेक्सुअलिटी को जनमानस में अधिकतम दृष्टिगति और स्वीकृति मिली है, जिसमें पॉपुलर मीडिया और राजनीतिक आंदोलनों का भी योगदान है। हालांकि, बाइसेक्सुअल व्यक्ति के साथ बर्ताव में सम्मान और गौरव दिखाने और उनकी सेक्सुअल उत्पीड़न या हिंसा का कारण बनने से बचाने के लिए अभी भी बहुत काम होने की आवश्यकता है।



जननांगों की बनावट के आधार पर


ट्रांसजेंडर 


कई बार लड़के लड़कों की तरह व्यवहार न कर लड़कियों की तरह व्यवहार करने लगते हैं। लड़कियों के कपडे पहनना, उनकी तरह चलना, बाते करना सजना सवंरना बिंदी और लिपस्टिक लगाना जैसी हरकते करने लगते हैं। इसी तरह लड़कियों का लड़कों की तरह व्यवहार करना आदि। ऐसे व्यक्ति पैदा तो किसी और रूप में होते हैं पर जैसे जैसे बड़े होते हैं उनका शरीर उसके विपरीत महसूस करने लगता है और वे अपनी उस पहचान को पाने के लिए छटपटाने लगते हैं। इस तरह के व्यक्ति को ट्रांसजेंडर कहा जाता है। एक लड़का बड़ा होकर लड़कियों की तरह रहने लगे तथा एक लड़की बड़े होकर लड़कों की तरह व्यवहार करने लगे। कई बार ऐसे लोग सेक्स चेंज करा कर अपना व्यक्तित्व चेंज कर लेते हैं पर ज्यादातर उसी छटपटाहट में अपनी जिंदगी गुज़ार देते हैं और घर तथा समाज में ताने सुनते रहते हैं।

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



इस प्रकार ट्रांसजेंडर वह व्यक्ति होते हैं जिनकी लिंग अभिरुचि उन्हें उनके जन्म के समय के लिंग से मेल नहीं खाती है। लिंग अभिरुचि एक व्यक्ति की आंतरिक अनुभूति होती है जो मर्द, महिला, नॉन-बाइनरी या कुछ अन्य हो सकती है। महत्वपूर्ण है कि लिंग अभिरुचि जन्म के समय निर्धारित लिंग से अलग होती है, जो कि शारीरिक विशेषताओं जैसे उनकी जननांग या क्रोमोजोम के रूप में व्यक्त होता है।

ऐसे व्यक्ति अपनी लिंग पहचान और उनके जन्म पर निर्धारित लिंग के बीच असंतुलन से उत्पन्न असंतोष का अनुभव करते हैं। असंतोष शारीरिक असहजता, चिंता और अवसाद जैसे विभिन्न तरीकों से दिखाई दे सकता है। कुछ त्रांसजेंडर व्यक्ति लिंग पहचान से संबंधित असंतोष को दूर करने के लिए हार्मोन थेरेपी या सर्जरी जैसी जैविक-अनुकूलन की मेडिकल इंटरवेंशन का चयन करते हैं।

ट्रांसजेंडर व्यक्ति सामाजिक और कानूनी चुनौतियों का सामना करते हैं, जिसमें भेदभाव और हिंसा, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में बाधाएँ और उनकी लिंग अस्तित्व के लिए कानूनी मान्यता की कमी शामिल है। ट्रांसजेंडर व्यक्ति अपने परिवार और समुदायों के भीतर भी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, जिसमें उनका अस्वीकार और सहायता की कमी शामिल है।

यह जरूरी है कि ट्रांसजेंडर होना मानसिक बीमारी या एक चुनौती नहीं है। यह केवल मानव लिंग अभिजात लिंग के साथ मेल नहीं खाता है, और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह सम्मान और गौरव के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव, सहमति या वार्तालापी और शारीरिक उत्पीड़न, एक अपराध है और कभी भी स्वीकार्य नहीं होता।

हाल के वर्षों में, मीडिया और राजनीतिक आंदोलनों में ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए बढ़ती दृष्टि और प्रचार हुआ है। हालांकि, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ व्यवहार करते समय उन्हें सम्मान और गौरव से व्यवहार किया जाना चाहिए, और उनके सामान अधिकार और अवसरों तक पहुँच होनी चाहिए, जैसा कि उनके सिसजेंडर समकक्षों के पास हैं।


इंटरसेक्स 


कई बार बच्चों के जन्म के समय उनके यौन अंगों को देख कर स्पष्ट नहीं हो पाता कि वह लड़का है या लड़की है। उस समय डॉक्टर को जो सही जान पड़ता है उसी के हिसाब से उसके लिंग की घोषणा कर देता है और उसे उसी रूप में बड़ा किया जाता है और उसका उसी रूप में पालन पोषण, कपडे आदि का चुनाव होता है। इस तरह के केस में कई बार बड़े होने पर स्थिति उलटी हो जाती है और उसे जो समझ आता है उसी हिसाब से वह अपना लिंग मान लेता है।
इंटरसेक्स मानव जीवन विज्ञान की एक प्राकृतिक विविधता है, और जो लोग इंटरसेक्स विविधता से पैदा होते हैं, उन्हें रोगात्मक नहीं माना जाना चाहिए और उन्हें अपनी सहमति के बिना चिकित्सा बदलाव के लिए उत्प्रेरण नहीं किया जाना चाहिए। इंटरसेक्स व्यक्ति इतिहास में अस्तिगमति, भेदभाव और जबरन चिकित्सा इंटरवेंशन का सामना कर चुके हैं, जिसमें सर्जरी और हार्मोन थेरेपी शामिल हैं, ताकि वे बाइनरी लिंग नोर्म्स के अनुरूप हो सकें।

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



इंटरसेक्स व्यक्ति अपने इंटरसेक्स विविधता से संबंधित कई चिकित्सा और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, जिनमें स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में कठिनाई, शिक्षा और रोजगार में भेदभाव, और संबंध और परिवार बनाने में चुनौतियां शामिल हो सकती हैं। चिकित्सा प्रदाताओं और समाज के लिए महत्वपूर्ण है कि वे इंटरसेक्स व्यक्तियों के शरीरिक स्वायत्तता, पहचान और अधिकारों को मान्यता और सम्मान दें।


क्वीयर 


कई बार ऐसा होता है इंसान तय ही नहीं कर पाता है कि वह क्या है गे है लेस्बियन है इंटरसेक्स है या ट्रांसजेंडर। उसे अपना शरीर अजीब महसूस होता है और उसे जानने की चाहत होती है। ऐसे लोग न तो अपने को पुरुष ही समझ पाते हैं न महिला। इस तरह के लोगों को क्वीयर कहा जाता है।

LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



LGBTIQ क्या है?

LGBTIQ का फुलफॉर्म क्या होता है


पूरी दुनिया में इस तरह के व्यवहार वाले लोगों का अपना एक संगठन है। इस संगठन को LGBTIQ कहा जाता है। इसे Queer Community या Rainbow Community भी कहा जाता है। इसमें L लेस्बियन के लिए G गे के लिए B बाई सेक्सुअल्स के लिए होता है जबकि T ट्रांसजेंडर I इंटरसेक्स तथा Q क्वियर लोगों के लिए होता है।



LGBTIQ क्या है? गे, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स और क्वीअर में क्या अंतर है?



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ