हमारा जीवन विद्युत् पर इतना निर्भर हो चूका है कि इसके बिना लगता है जैसे जीवन ठप्प हो जायेगा। दिन तो दिन यहाँ तक की रात में सोने के बाद भी विद्युत् पर हमारी निर्भरता बनी रहती है। यह हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके बिना हम क्षण भर नहीं गुजार सकते।
हम अपने दैनिक जीवन में कई बार विद्युत् का प्रयोग करते हैं। विद्युत् प्रयोग करते समय अकसर हमें एक बात देखने को मिलती है और वो ये है कि कई यंत्रो पर ऐसी तो कई पर डीसी लिखा रहता है। आईये देखते है कि AC और DC में क्या अंतर है।
वास्तव में विद्युत् इलेक्टॉनों का प्रवाह होता है। इसके प्रवाह के लिए एक माध्यम चाहिए होता है। इलेक्ट्रान किसी माध्यम में दो प्रकार से प्रवाहित होते हैं एक सीधे आगे की ओर तथा एक में निश्चित अंतराल पर आगे और पीछे की तरफ गति होती है। इलेक्टॉनों के इस प्रकार के प्रवाह की वजह से हमें दो तरह की विद्युत् धारा मिलती है। जब इलेक्ट्रॉन सीधे आगे की ओर प्रवाहित होते हैं तो उस करंट को डायरेक्ट करंट यानि DC और जब वह दिशा बदल बदल कर प्रवाहित हों तो इस तरह की धारा को अल्टेरनेटिंग करंट यानि AC कहते हैं।
AC और DC में क्या अंतर है
बेनामी
Ac aur DC ma kya anter ha