इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने की चाहत रखने वाले अधिकांश छात्रों का सपना आइआइटीयन बनना जरूर होता है। ऐसे में छात्र आईआईटी में एडमिशन के लिए जीतोड़ परिश्रम करते हुए दिन और रात एक कर देते हैं। वास्तव में आईआईटी प्रवेश परीक्षा जिसे JEE Advance कहते हैं,भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। आईआईटी में एडमिशन के लिए छात्रों को दो परीक्षाओं में क्वालीफाई करना होता है JEE Mains और JEE Advance, JEE Advance की परीक्षा में केवल वे ही छात्र शामिल हो सकते हैं जो JEE Mains की परीक्षा की मेरिट में टॉप 250000 में शामिल हो। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य शर्ते है जिनपर छात्र को पूरा उतरना होता है। ऐसे में जो छात्र IIT में एडमिशन कराना चाहते हैं उन्हें JEE Advance के बारे में पूरी जानकारी जैसे JEE Advance क्या है, JEE Advance की परीक्षा में शामिल होने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए, कितनी उम्र होनी चाहिए तथा JEE Mains और JEE Advance में क्या अंतर है आदि जरूर पता होना चाहिए जिससे कि उन्हें कोई परेशानी न हो।
JEE Advance की परीक्षा किसके द्वारा आयोजित की जाती है
JEE एडवांस परीक्षा का आयोजन हर साल भारत के सात आईआईटी में से एक के द्वारा जिसका चुनाव राउंड रोबिन रोटेशन पैटर्न के आधार पर किया जाता है, के द्वारा जॉइंट एडमिशन बोर्ड (JAB) की देख रेख में कराया जाता है। ये सात आईआईटी -आईआईटी रूडकी, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली,आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास और आईआईटी गुआहाटी हैं।
JEE Advance कब शुरू हुआ
2002 में इंजीनियरिंग कालेजों में एडमिशन के लिए एक अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा शुरू की गयी जिसे AIEEE कहा जाता था। इस परीक्षा का उद्द्येश्य IIT संस्थानों को छोड़ कर राष्ट्रीय महत्त्व के अन्य विभिन्न इंजीनियरिंग कालेजों में एडमिशन के लिए उम्मीदवारों का चयन करना था। 2012 में AIEEE परीक्षा को JEE Main में बदल दिया गया और IIT-JEE को JEE Advanced में। JEE Main परीक्षा JEE Advanced के लिए एक स्क्रीनिंग परीक्षा का काम करती है।
JEE एडवांस परीक्षा एक बेहद कठिन परीक्षा है जिसके क्वालीफाई करने की दर अत्यंत ही कम है। 2012 में मात्र 1.95 प्रतिशत और 2017 में केवल 0.92 प्रतिशत अभ्यर्थी ही क्वालीफाई कर सके। यही कारण है इसे UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा के बाद भारत की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है और चीन की Gaokao परीक्षा जो विश्व की सबसे टफ परीक्षा मानी जाती है उसको लेकर यह दुनिया की तीसरी सबसे मुश्किल परीक्षा मानी जाती है।
JEE Advance के बाद कहाँ एडमिशन मिलता है
इस परीक्षा में क्वालीफाई करने वाले छात्रों का एडमिशन भारत के सात आईआईटी में आईआईटी रूडकी, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली,आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास और आईआईटी गुआहाटी में होता है। इनके अतिरिक्त मेरिट में आये छात्रों का एडमिशन आईआईटी के अलावा देश के अन्य प्रतिष्ठित कॉलेजों में भी हो सकता है जैसे मरीन इंजीनियरिंग एंड रीसर्च इंस्टिट्यूट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी, राजीव गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिटुरे ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस आदि। इसके अतिरिक्त विदेशों में यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर में भी आईआईटी एडवांस में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का एडमिशन हो सकता है।
JEE एडवांस के लिए क्या योग्यता होती है
Eligibility Criteria for JEE Advanced
JEE Advance कौन दे सकता हैं ?
JEE एडवांस के लिए फीस
JEE एडवांस परीक्षा में शामिल होने के लिए सामान्य अभ्यर्थियों को 2800 रुपये, महिलाओं को 1400 रुपये तथा आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 1400 रुपये फीस के तौर पर जमा करने होते हैं।
JEE एडवांस एग्जाम पैटर्न
JEE एडवांस के परीक्षा पूरी तरह से ऑनलाइन होती है यानि इसमें पेन पेपर का प्रयोग नहीं होता है। यह परीक्षा दो पेपर की होती है और प्रत्येक पेपर 3 घंटे का होता है। दिव्यांग छात्रों के लिए पेपर चार घंटे का होता है। परीक्षा का माध्यम हिंदी तथा इंग्लिश होता है। प्रत्येक पेपर के तीन सेक्शंस होते हैं फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स। प्रत्येक पेपर में 54 प्रश्न (प्रत्येक सेक्शन में 18) पूछे जाते हैं। परीक्षा में पूर्ण, आंशिक और शून्य अंकों की अवधारणा की गयी है।
JEE Main और JEE Advanced में क्या अंतर है