भारत एक बहुत बड़ी सीमा पाकिस्तान और चीन से साझा करता है। भारत की ये दोनों ही सीमायें अत्यंत संवेदनशील और अकसर विवादित रही हैं। कई बार तो इन क्षेत्रों में युद्ध भी हो चुके हैं इसके अतिरिक्त इन सीमाओं पर अकसर तनाव की स्थिति बनी रहती है। युद्ध और तनाव की स्थिति या किसी विवाद को रोकने के लिए दोनों ही देशों के साथ लगी सीमाओं पर युद्ध विराम रेखाएं या नियंत्रण रेखाएं खींची गयी हैं जिन्हें क्रमशः LOC और LAC के नाम से जाना जाता है। LOC भारत और पाकिस्तान के मध्य स्थित है तो LAC भारत और चीन के बीच की नियंत्रण रेखा है।
LOC भारत और पाकिस्तान की सीमा पर जम्मू कश्मीर क्षेत्र में स्थित एक नियंत्रण रेखा है जो वास्तव में एक सीज़ फायर यानि युद्धविराम की रेखा है। इस रेखा के उत्तर और पश्चिमी हिस्से पर पाकिस्तान का नियंत्रण है जबकि पूर्वी तथा दक्षिण का हिस्सा भारत का भाग है। LOC का फुलफॉर्म लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल यानि नियंत्रण रेखा होता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 में जो बटवारा हुआ उसमे दोनों देशों के बीच एक अंतराष्ट्रीय सीमा तय की गयी थी और जिस रेखा के द्वारा दोनों में विभाजन हुआ उसे रेड क्लिफ रेखा का नाम दिया गया। किन्तु भारत की आज़ादी के तुरत बाद 1947 में ही पाकिस्तान ने भारत पर हमला बोल दिया था। यह हमला कश्मीर के कई भागों में किया गया था। भारतीय सेना द्वारा इसका मुहतोड़ जवाब दिया गया और पाकिस्तानी सेना को करगिल सेक्टर के पीछे श्रीनगर लेह राजमार्ग तक पछाड़ दिया गया था। उसी समय युद्ध नियंत्रित कर दोनों देशों के बीच तात्कालीन स्थिति में एक रेखा खींची गयी थी जिसे LOC अर्थात लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल या नियंत्रण रेखा कहा जाता है। यह वास्तव में भारत और पाकिस्तान के बीच 740 किलोमीटर लम्बी रेखा है जिसे एक तरह से भारत और पाकिस्तान का वर्तमान अस्थायी बॉर्डर भी कह सकते हैं। 1965 और 1971 के युद्ध के बाद इस रेखा के दोनों ओर की चौकिओं को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। बाद में 1972 में शिमला समझौते इसे LOC यानि नियंत्रण रेखा मान लिया गया था और तब से कमोवेश यही स्थिति बनी हुई है।
LOC भारत के जम्मू और कश्मीर तथा पाकिस्तान के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर जिसे आज़ाद जम्मू और कश्मीर बोला जाता है के साथ साथ गिलगिट और बल्टिस्तान को अलग करती है। LOC का सबसे उत्तरी बिंदु NJ9842 कहलाता है।
LAC यानि लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल या वास्तविक नियंत्रण रेखा भारत को चीन से अलग करती है और इन दोनों देशों के मध्य बॉर्डर का काम करती है। इसे एक तरह से सीज़ फायर रेखा भी कहा जा सकता है क्योंकि भारत और चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद दोनों ही देशों की सेनाएं जहाँ पर थी उसे ही वास्तविक नियंत्रण रेखा के तौर पर स्वीकार कर लिया गया था।
LAC भारत के उत्तरी भाग में लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश को छूते हुए गुजरती है। यह करीब 4057 किलोमीटर लम्बी सीमा रेखा है। सामान्यतः LAC का प्रयोग दो अर्थों में किया जाता है पहला भारत और चीन के पश्चिमी सीमा के रूप में तथा दूसरा भारत के पूर्वी हिस्से में चीन को अलग करती मैकमोहन रेखा के साथ व्यापक रूप में विवादित और गैर विवादित क्षेत्रों के साथ में पश्चिम से पूरब तक पूरी सीमा रेखा के रूप में। ‘
भारत और चीन के बीच का सीमा विवाद पुराना है। भारत जहाँ 1865 की जॉनसन रेखा को अपनी सीमा मानता है वहीँ चीन मैकार्टनी मैक्डोनाल्ड लाइन 1899 को अपनी सीमा रेखा के रूप में स्वीकारता है। LAC शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1959 में चीन के तत्कालीन राष्ट्रपति झोउ एनलाई द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को लिखे पत्र में किया गया था। इस पत्र में उन्होंने इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा के रूप में पश्चिम में तथा पूर्व में मैकमोहन रेखा के रूप में शामिल किया। LAC यानि वास्तविक नियंत्रण रेखा को वास्तविक रूप से मान्यता 1993 और 1996 के भारत और चीन के मध्य बातचीत के बाद हुए समझौतों के बाद मिली। इन समझौतों में इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा के तौर पर स्वीकार किया गया और दोनों देशों के लिए इस रेखा के पार किसी भी क्रियाविधि को निषिद्ध किया गया।
LOC और LAC दोनों ही नियंत्रण रेखाएं हैं। इन्हें अंतर्राष्ट्रीय रेखा नहीं माना जाता है। इसे युद्ध विराम की नियंत्रण रेखा के रूप में स्वीकारा गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा LOC काफी संवेदनशील मानी जाती है और इससे होकर अकसर घुसपैठ और झड़पें होती रहती हैं। LAC यानि वास्तविक नियंत्रण रेखा जो भारत को चीन से अलग करती है इसके 100 से 150 किलोमीटर की दुरी बनाकर सेनाएं गश्त पर रहती हैं।