प्रीपेड और पोस्टपेड मोबाइल में क्या अंतर है मोबाइल की दुनियां में दो शब्द अकसर सुनने में आते हैं प्रीपेड सिम और पोस्टपेड सिम। प्रीपेड और पोस्टपेड का वास्तव में सिम की संरचना, आकार, रंगरूप से कोई लेना देना नहीं है , प्रीपेड और पोस्टपेड केवल मोबाइल के उपयोग और उसके भुगतान के दो अलग अलग तरीके हैं। हालाँकि मोबाइल की दुनियां से निकले ये दो शब्द अब कई अन्य क्षेत्रों में भुगतान विधि के लिए उसी अर्थ में प्रयोग में लाये जा रहे हैं जैसे डीटीएच सर्विस, प्रीपेड टैक्सी, प्रीपेड इलेक्ट्रिक कनेक्शन आदि किन्तु आज यहाँ मोबाइल के सन्दर्भ में ही हम जानेंगे प्र…
स्विंग बॉलिंग और स्पिन बॉलिंग में क्या अंतर है वैसे तो क्रिकेट बल्लेबाज़ों का खेल माना जाता है फिर भी इसमें गेंदबाज़ों के महत्त्व को कम करके नहीं आँका जा सकता। किसी भी टीम में गेंदबाज़ों का चयन बड़ी ही सावधानी से किया जाता है। इसकी वजह भी है एक सधा हुआ गेंदबाज़ किसी मैच के रुख को अपनी ओर मोड़ सकता है। गेंदबाज़ बल्लेबाज़ों पर अंकुश लगा कर उन्हें एक बड़ा टारगेट बनाने से रोक सकते हैं या फिर उन्हें टारगेट तक पंहुचने में बाधा बन सकते हैं। बॉलिंग की कई शैलियां प्रचलित हैं तेज गेंदबाज़ी, मध्यम गति, धीमी, स्विंग या फिर स्पिन गेंदबाज़ी। स्विंग और स्पिन गेंदबाज़ी ब…
CID और CBI में क्या अंतर है भारत में विभिन्न अपराधों जैसे हत्या, अपहरण, डकैती, दंगा, घूसखोरी, भ्रष्टाचार, घोटाले आदि की जांच के लिए राज्य सरकारों के साथ साथ केंद्र सरकार की अपनी जांच एजेंसियां होती हैं। ये जांच एजेन्सियां अपने काम में काफी माहिर और तेज तर्रार होती हैं। भारत में राज्य सरकारों के पास अपनी अपनी सीआईडी होती है वहीँ केंद्र सरकार की अपनी जांच एजेंसी सीबीआई होती है। सीआईडी और सीबीआई हालाँकि दोनों ही जांच एजेंसियां हैं किन्तु दोनों के कार्य क्षेत्र, अधिकार आदि में कई अंतर होता है। आज के इस पोस्ट में हम सीआईडी और सीबीआई के बारे में वि…
वामपंथ और दक्षिणपंथ में क्या अंतर है किसी भी समाज में असमानता और शोषण उसका एक स्वाभाविक और अनिवार्य पहलु है। समाज की यह असमानता और शोषण समाज में शोषक और शोषित वर्गों को जन्म देता है। समाज में यह वर्गों का अंतर कई बार वर्ग संघर्ष को जन्म देता है। इस वर्ग संघर्ष के पीछे इन वर्गों की विचारधारायें काम करती है जिसका जन्म परिस्थितियों की वजह से स्वाभाविक रूप से होता है। जहाँ शोषित समाज की भावना और प्रयास रहता है कि कुछ ऐसा हो जिससे समाज में असमानता और शोषण समाप्त हो जाए वहीँ समाज का एक वर्ग ऐसा होता है जो पुरातन व्यवस्था को बनाये रखना चाहत…
केदारनाथ और बद्रीनाथ में क्या अंतर है केदारनाथ और बद्रीनाथ भारत में हिन्दुओं के सबसे पवित्र स्थानों में अपना स्थान रखते हैं। हर हिन्दू की आस्था और इच्छा रहती है इन दोनों तीर्थ स्थानों का अपने जीवन में कम से कम एक बार दर्शन अवश्य करें। दोनों ही मंदिर उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में स्थित हैं। प्रतिकूल जलवायु के कारण दोनों ही मंदिरों के कपाट को हर वर्ष लगभग छह महीने के लिए बंद करना पड़ता है। आज के इस पोस्ट में हम इन दोनों मंदिरों के इतिहास, स्थापना, स्थिति के अतिरिक्त और भी बहुत कुछ जानेंगे। इसके साथ हीं इन दोनों ही …
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