शिक्षक को राष्ट्रनिर्माता कहा जाता है और माना जाता है कि किसी देश भविष्य कैसा होगा यह वहां के शिक्षकों पर निर्भर करता है। अतः शिक्षक का पद किसी देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी वाला होता है। यही कारण है समाज में शिक्षक के पद को बहुत ही प्रतिष्ठाजनक माना जाता है। इसके साथ ही अच्छा वेतन और तनावमुक्त जॉब इसे और भी आकर्षक बनाता है। यही वजह है आज युवा इस पेशे को अपने करियर के रूप में प्राथमिकता देता है और हर वर्ष हजारों युवक और युवतियां शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
ANM और GNM
क्या है: ANM और
GNM में क्या अंतर
है
CTET और
TET क्या है: CTET और TET में
क्या अंतर है
TGT क्या है ?
TGT यानि ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (Trained Graduate Teacher) वास्तव में कोई कोर्स नहीं है। TGT एक योग्यता है जिसे प्राप्त होने के बाद अभ्यर्थी कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के योग्य समझा जाता है। अर्थात ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने ग्रेजुएशन के साथ साथ बीएड कम्पलीट कर लिया है TGT कहलायेंगे। टीजीटी और पीजीटी परीक्षा राज्य स्तर में आयोजित की जाती है। उत्तर प्रदेश में TGT शिक्षक नियुक्ति परीक्षा उत्तर प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन सर्विस सिलेक्शन बोर्ड अर्थात उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के द्वारा आयोजित की जाती है। टीजीटी (Trained Graduate Teacher) परीक्षा में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को ग्रेजुएट और बीएड होना अनिवार्य है।
TGT का फुलफॉर्म Trained Graduate Teacher होता है जिसे हिंदी में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक कहा जाता है। TGT अभ्यर्थी 6th से लेकर 10th तक की कक्षा में पढ़ाने योग्य होते हैं।
TGT के लिए न्यूनतम योग्यता
TGT शिक्षक जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है उनके लिए शिक्षक प्रशिक्षण के साथ साथ स्नातक की योग्यता अनिवार्य होती है। एक TGT शिक्षक के लिए न्यूनत्तम योग्यताएं निम्न निर्धारित की गयी हैं :
PGT क्या है
इंटर कालेजों में अर्थात 12th की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए शिक्षकों के लिए कुछ विशेष योग्यताएं निर्धारित की गयी हैं। इन कक्षाओं में वही शिक्षक पढ़ा सकते हैं जो PGT हों। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात है कि PGT वैसे अभ्यर्थी को कहा जाता है जो सम्बंधित विषय जिसमे वह शिक्षा देना चाहता है स्नातकोत्तर हो तथा साथ ही किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री लिया हो।
PGT का फुलफॉर्म होता है Post Graduate Trained Teacher इसे हिंदी में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक कहा जाता है। PGT शिक्षक दसवीं से लेकर बारहवीं तक के छात्रों को पढ़ाने के योग्य होते हैं।
TGT और PGT दोनों ही शिक्षक पद की योग्यताएं हैं जिनमे बीएड की डिग्री दोनों ही के लिए अनिवार्य है। TGT में जहाँ अभ्यर्थी ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ बीएड होता है वहीँ PGT वाले स्नातकोत्तर की डिग्री और बीएड की योग्यता रखते हैं। दोनों तरह के शिक्षकों के लिए कक्षाएं भी निर्धारित हैं। TGT शिक्षक कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के छात्रों को पढ़ाने योग्य माने जाते हैं वहीँ PGT शिक्षक 12 वीं तक की कक्षाओं में अध्यापन कर सकते हैं। TGT और PGT शिक्षकों की नियुक्ति के लिए समय समय पर राज्य सरकारें परीक्षाएं आयोजित करती हैं जिसे उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थियों की नियुक्ति होती है। TGT और PGT वालों के लिए अभी TET की कोई अनिवार्यता नहीं है।