हमारा ब्रह्माण्ड रहस्यों से भरा हुआ है। हमारा ब्रह्माण्ड असंख्य आकाशीय पिंडों से भरा हुआ है। इन आकाशीय पिंडों में तारे भी हैं ग्रह भी है और उपग्रह भी। जहाँ तारों का अपना प्रकाश होता है वहीँ ग्रह और उपग्रह प्रकाश के लिए अपने तारों पर निर्भर रहते हैं। अधिकांश तारों का अपना एक तारा मंडल होता है जिसमे उनके गिर्द ग्रह और उपग्रह परिक्रमा करते हैं। हमारा सूर्य भी एक तारा है और इसका अपना सौरमंडल है जिसमे आठ ग्रह और 205 उपग्रह शामिल हैं। आज के इस पोस्ट में हम इन्हीं ग्रहों और उपग्रहों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और जानेंगे दोनों में अंतर क्या है ?
ग्रह किसे कहते हैं
सूर्य तथा किसी अन्य तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंडों को ग्रह कहा जाता है। ये ग्रह अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण गोलाकार होते हैं। हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, वृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इसमें सबसे बड़ा वृहस्पति और सबसे छोटा बुध है। सूर्य के सबसे निकट जो ग्रह स्थित है वह है बुध वही सूर्य से सबसे दूर नेप्चून है। इन सभी ग्रहों में अभी तक पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। ग्रह सूर्य या तारे की परिक्रमा करते हुए अपनी धूरी पर भी घूमते रहते हैं। ग्रहों के पास अपना प्रकाश नहीं होता। वे तारों में प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं। ग्रहों के निर्माण के बारे में ऐसा माना जाता है कि ये तारों से ही टूट कर बने हैं। कालांतर में ये ठोस और ठन्डे हो गए।
ग्रह जिसे अंग्रेजी में प्लानेट कहा जाता है ग्रीक भाषा का से निकला हुआ शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है घूमने वाला या ऐसी चीज़ जो घूमती हो। इस ब्रह्माण्ड में असंख्य तारों के साथ साथ असंख्य ग्रहों के होने की सम्भावना व्यक्त की जाती है। अभी तक 3600 से ज्यादा ग्रहों की खोज की जा चुकी है जो किसी न किसी तारे की परिक्रमा कर रहे हैं।
ऐसे खगोलीय पिंड जो किसी ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, उपग्रह कहलाते हैं। हमारे सौर मंडल में करीब 205 प्राकृतिक उपग्रह विभिन्न ग्रहों की परिक्रमा कर रहे हैं जिनमे से हमारा चन्द्रमा भी एक है। चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। प्राकृतिक उपग्रहों के अलावा बहुत सारे कृत्रिम या मानव निर्मित उपग्रह भी विभिन्न ग्रहों के गिर्द परिक्रमा कर रहे हैं। इन उपग्रहों को विभिन्न उद्द्येश्यों जैसे अन्वेषण, संचार , मौसम की जानकारी लेने आदि को पूरा करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाता है। खैर हम यहाँ प्राकृतिक उपग्रहों की चर्चा कर रहे हैं।
सैटेलाइट शब्द सबसे पहले केप्लर के द्वारा प्रयोग किया गया। उन्होंने लैटिन शब्द Satelles से इसकी उत्पत्ति की जिसका अर्थ होता है सहायक या रक्षक। उन्होंने इन उपग्रहों को अपने ग्रहों के संदर्भ में इसी भूमिका में प्रयोग किया।
ग्रह और उपग्रह में क्या अंतर होता है
इस प्रकार आपने देखा कि ग्रह जहाँ तारे की परिक्रमा करते हैं वहीँ उपग्रह अपने अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हैं। हालाँकि दोनों हीं प्रकाश के लिए तारों पर निर्भर रहते हैं।
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